Discover millions of ebooks, audiobooks, and so much more with a free trial

Only $11.99/month after trial. Cancel anytime.

संयोग
संयोग
संयोग
Ebook45 pages20 minutes

संयोग

Rating: 0 out of 5 stars

()

Read preview

About this ebook

सुलेखा विवाह के एक दिन पूर्व चुपके से घर छोडकर चली गयी। वह कुछ दिन मामी के घर रही फिर लौट कर जब घर पहुंची तो घर के दरवाजे उसके लिए नहीं खुले।

Languageहिन्दी
Release dateMar 3, 2021
ISBN9781393493495
संयोग
Author

Ravi Ranjan Goswami

Ravi Ranjan Goswami is a popular Hindi author from Jhansi, India. He writes in English too. He is an IRS officer and lives in Cochin, Kerala India.

Read more from Ravi Ranjan Goswami

Related to संयोग

Related ebooks

Reviews for संयोग

Rating: 0 out of 5 stars
0 ratings

0 ratings0 reviews

What did you think?

Tap to rate

Review must be at least 10 words

    Book preview

    संयोग - Ravi Ranjan Goswami

    1

    राखी, कमला प्रकाशन के ऑफिस में अपनी सीट पर थी। उसके फोन की घंटी बजी।

    उसने फोन उठाया और व्यावसायिक अंदाज में बोली,"नमस्कार। कमला प्रकाशन में आपका स्वागत है। मैं आपकी क्या मदद कर सकती हूँ ।

    दूसरी ओर से एक युवक की आवाज़ आयी। उसने पूछा, मैं एक उपन्यास प्रकाशित करवाना चाहता हूँ उसके लिए मुझे क्या करना होगा?

    राखी ने प्रकाशन की शर्तें बतायी । अपना ऑफिस वाला ईमेल और प्रकाशन की वेबसाइट का पता बताया और कहा, "पहले आप मेरे बताए ईमेल में अपने उपन्यास का सारांश और तीन  चैप्टर भेज दें।

    युवक ने कहा, जी, धन्यवाद।और फोन काट दिया।

    दस मिनट बाद राखी के इमेल में दो फाइलें संलग्न होकर आयी, ये रवीश कुमार  नाम के लेखक के उपन्यास ‘दायरा का सारांश और तीन चैप्टर थे।

    राखी की थोड़ी देर पहले उसी से फोन पर बात हुई थी। उसने यह ईमेल एडीटर टीम के सदस्यों को फॉरवर्ड कर दी। प्रोफेसर पांडे प्रमुख संपादक थे। वह स्वयं भी सम्पादक मण्डल की सदस्य  थी।

    राखी लगभग 30 वर्षीय सुंदर नाक नक्श वाली सांवली युवती थी। वह पाँच फुट पाँच इंच लंबी और पतली थी। अधिकांश तह सारी पहनती थी खास तौर से ऑफिस में। हालकि उसे वेस्टर्न लिबास से भी परहेज नहीं था । दिल्ली के एक बड़े और प्रसिद्ध प्रकाशक कमला प्रकाशन में मार्केटिंग मेनेजर थी। दिल्ली में वह द्वारका में एक, दो बेडरूम वाले  फ्लैट में अपनी एक सहेली सुलेखा के साथ रहती थी।  पिछले तीन साल से वह दिल्ली में रह रही थी। आवागमन के लिए उसने एक आल्टो कार खरीद ली थी। उसे काम का नशा था। अधिकांश समय उसका ऑफिस में गुज़रता था शेष अपने निवास पर। वह सिर्फ काम की बात करती थी । उसने डबल एम

    Enjoying the preview?
    Page 1 of 1