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संयोग
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संयोग

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राखी लगभग 30 वर्षीय सुंदर नाक नक्श वाली सांवली युवती थी। वह पाँच फुट पाँच इंच लंबी और पतली थी। अधिकांश तह सारी पहनती थी खास तौर से ऑफिस में। हालकि उसे वेस्टर्न लिबास से भी परहेज नहीं था । दिल्ली के एक बड़े और प्रसिद्ध प्रकाशक कमला प्रकाशन में मार्केटिंग मेनेजर थी। दिल्ली में वह द्वारका में एक, दो बेडरूम वाले फ्लैट में अपनी एक सहेली सुलेखा के साथ रहती थी। पिछले तीन साल से वह दिल्ली में रह रही थी। आवागमन के लिए उसने एक आल्टो कार खरीद ली थी। उसे काम का नशा था। अधिकांश समय उसका ऑफिस में गुज़रता था शेष अपने निवास पर । वह सिर्फ काम की बात करती थी । उसने डबल एम ए और एमबीए किया था समाज में लड़की अधिक पढ़ लिख जाये तो भी उसके विवाह करने में समस्या होती है। उसके योग्य वर खोजना मुश्किल हो जाता है। माता पिता ने उसके विवाह की कोशिश की तब जो कटु अनुभव हुए उन्होने राखी को हैरान कर दिया।

Languageहिन्दी
Release dateMar 3, 2021
ISBN9781005817558
संयोग
Author

Ravi Ranjan Goswami

Ravi Ranjan Goswami is a native of Jhansi, Uttar Pradesh, India.  He is a retired Indian Revenue Service officer,and former  Assistant Commissioner of Customs at Cochin. He writes poetry in Hindi and fiction in Hindi and English. He especially enjoys telling stories.

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    संयोग - Ravi Ranjan Goswami

    संयोग

    उपन्यासिका

    रवि रंजन गोस्वामी

    समर्पण

    केश कुमारी एवं दिविता

    1

    राखी, कमला प्रकाशन के ऑफिस में अपनी सीट पर थी। उसके फोन की घंटी बजी।

    उसने फोन उठाया और व्यावसायिक अंदाज में बोली,"नमस्कार। कमला प्रकाशन में आपका स्वागत है। मैं आपकी क्या मदद कर सकती हूँ ।

    दूसरी ओर से एक युवक की आवाज़ आयी। उसने पूछा, मैं एक उपन्यास प्रकाशित करवाना चाहता हूँ उसके लिए मुझे क्या करना होगा?

    राखी ने प्रकाशन की शर्तें बतायी । अपना ऑफिस वाला ईमेल और प्रकाशन की वेबसाइट का पता बताया और कहा, "पहले आप मेरे बताए ईमेल में अपने उपन्यास का सारांश और तीन चैप्टर भेज दें।

    युवक ने कहा, जी, धन्यवाद।और फोन काट दिया।

    दस मिनट बाद राखी के इमेल में दो फाइलें संलग्न होकर आयी, ये रवीश कुमार नाम के लेखक के उपन्यास ‘दायरा का सारांश और तीन चैप्टर थे।

    राखी की थोड़ी देर पहले उसी से फोन पर बात हुई थी। उसने यह ईमेल एडीटर टीम के सदस्यों को फॉरवर्ड कर दी। प्रोफेसर पांडे प्रमुख संपादक थे। वह स्वयं भी सम्पादक मण्डल की सदस्य थी।

    राखी लगभग 30 वर्षीय सुंदर नाक नक्श वाली सांवली युवती थी। वह पाँच फुट पाँच इंच लंबी और पतली थी। अधिकांशत: सारी पहनती थी खास तौर से ऑफिस में। हालकि उसे वेस्टर्न लिबास से भी परहेज नहीं था । दिल्ली के एक बड़े और प्रसिद्ध प्रकाशक कमला प्रकाशन में मार्केटिंग मेनेजर थी। दिल्ली में वह द्वारका में एक, दो बेडरूम वाले फ्लैट में अपनी एक सहेली सुलेखा के साथ रहती थी। पिछले तीन साल से वह दिल्ली में रह रही थी। आवागमन के लिए उसने एक आल्टो

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