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मानवीय संवेदना की धुरी पर एक खोया हुआ आदमी (लघुकथा संग्रह)
मानवीय संवेदना की धुरी पर एक खोया हुआ आदमी (लघुकथा संग्रह)
मानवीय संवेदना की धुरी पर एक खोया हुआ आदमी (लघुकथा संग्रह)
Ebook148 pages1 hour

मानवीय संवेदना की धुरी पर एक खोया हुआ आदमी (लघुकथा संग्रह)

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About this ebook

लेखन एक चुनौती है, अपने स्थान में खड़े सम्पूर्ण जगत के प्रति...ये अनवरत यात्रा है स्वयं से स्वयं के लिए...जिसकी लम्बी उबड़ खाबड़ मानवीय संवेदनाओ की पगडंडियों पर चलता रहता है......एक खोया हुआ आदमी... निरंतर....क्रमशः.........ईश्वरीय अनुकम्पा से मैं अपनी तीसरी पुस्तक के रूप में अपना लघुकथा संग्रह ‘’एक खोया हुआ आदमी” अपने पाठकों के समक्ष रख रही हूँ...इस आशा के साथ कि पाठकों की दृष्टि इस बार भी प्रोत्साहन के रूप में एक रचनाकार मन का मनोबल बनाए रखेगी.....
लेखन एक चुनौती है, अपने स्थान में खड़े सम्पूर्ण जगत के प्रति...ये अनवरत यात्रा है स्वयं से स्वयं के लिए...जिसकी लम्बी उबड़ खाबड़ मानवीय संवेदनाओ की पगडंडियों पर चलता रहता है......एक खोया हुआ आदमी... निरंतर....क्रमशः.........ईश्वरीय अनुकम्पा से मैं अपनी तीसरी पुस्तक के रूप में अपना लघुकथा संग्रह ‘’एक खोया हुआ आदमी” अपने पाठकों के समक्ष रख रही हूँ...इस आशा के साथ कि पाठकों की दृष्टि इस बार भी प्रोत्साहन के रूप में एक रचनाकार मन का मनोबल बनाए रखेगी.....

Languageहिन्दी
Release dateJul 18, 2020
ISBN9781005307578
मानवीय संवेदना की धुरी पर एक खोया हुआ आदमी (लघुकथा संग्रह)
Author

वर्जिन साहित्यपीठ

सम्पादक के पद पर कार्यरत

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    मानवीय संवेदना की धुरी पर एक खोया हुआ आदमी (लघुकथा संग्रह) - वर्जिन साहित्यपीठ

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