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खोया प्यार और पत्र
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खोया प्यार और पत्र

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खोया प्यार और पत्र
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तालिका
दो शब्द
प्रस्तावना
सेन परिवार
तीसरी मंजिल
चिन्मय ३९ बरस पहले
चिट्ठी से विवाद
मीता और अनूप
खुलासा
बेचारा प्रेमी लड़का
घर के अंदर फिर से
चिट्ठी किसने लिखी थी
चिन्मय का आगमन
चिट्ठी किसको लिखी थी
उपसंहार

दो शब्द

एक प्रेम पत्र कितना बड़ा तूफ़ान खड़ा कर सकता है, ये हमारी इस कहानी का मुख्य विषय है: चिट्ठी किसने लिखी? चिट्ठी किस को लिखी? परिवार में उस चिट्ठी के आगमन से बवंडर क्यों उठा? घर की सभी महिला सदस्य शंका के घेरे में क्यों आ गयी? आखिर कैसे मालूम चला के कैसे वो चिट्ठी कहीं और पहुंचनी थी लेकिन पहुँच गयी थी एक ऐसे परिवार में जो सुख शांति से रह रहा था, पर चिट्ठी के आगमन ने सब उथल पुथल कर दिया था!

शुभकामना

मोहिनी कुमार

Languageहिन्दी
PublisherRaja Sharma
Release dateSep 11, 2022
ISBN9781005532420
खोया प्यार और पत्र

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    खोया प्यार और पत्र - मोहिनी कुमार

    खोया प्यार और पत्र

    मोहिनी कुमार

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    तालिका

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    तालिका

    दो शब्द

    प्रस्तावना

    सेन परिवार

    तीसरी मंजिल

    चिन्मय ३९ बरस पहले

    चिट्ठी से विवाद

    मीता और अनूप

    खुलासा

    बेचारा प्रेमी लड़का

    घर के अंदर फिर से

    चिट्ठी किसने लिखी थी

    चिन्मय का आगमन

    चिट्ठी किसको लिखी थी

    उपसंहार

    दो शब्द

    एक प्रेम पत्र कितना बड़ा तूफ़ान खड़ा कर सकता है, ये हमारी इस कहानी का मुख्य विषय है: चिट्ठी किसने लिखी? चिट्ठी किस को लिखी? परिवार में उस चिट्ठी के आगमन से बवंडर क्यों उठा? घर की सभी महिला सदस्य शंका के घेरे में क्यों आ गयी? आखिर कैसे मालूम चला के कैसे वो चिट्ठी कहीं और पहुंचनी थी लेकिन पहुँच गयी थी एक ऐसे परिवार में जो सुख शांति से रह रहा था, पर चिट्ठी के आगमन ने सब उथल पुथल कर दिया था!

    शुभकामना

    मोहिनी कुमार

    प्रस्तावना

    मेरी अप्सरा को,

    तुम्हारी आंखें आसमान की तरह हैं; जब तुम हंसती हो तो उनमें बिजली की तेज चमक होती है, जब तुम रोती तो तुम्हारा रोना बादल फटने का कारण बनता है।

    हर बार जब मैं तुम्हारी आँखों को देखता हूँ, तो मेरा दिल ऐसे धड़कता है जैसे मैं एक असीमित गहराई वाली खाई में गिर रहा हूँ।

    तुम्हारे लिए अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए मेरे इस पत्र लिखने को तुम मेरी मूर्खता समझ सकती हो और मुझपर हंस सकती हो, लेकिन मुझे यह मेरे दिल में आने वाले शून्य को खत्म करना ही था जो हर दिन बढ़ता ही जा रहा है, और मुझे इस शून्यता के साथ जीना मुश्किल होने लगा है; मैं और कोई तरीका नहीं तय कर सका, बस इसीलिए इस चिट्ठी में लिख रहा हूँ जो कुछ भी मैं महसूस करता हूँ।

    मुझे लगता है कि तुम्हारी उपस्थिति मेरे अस्तित्व के हर मिनट में मुझे प्रभावित कर रही है, हालांकि मुझे पता है के तुम आसपास

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