Dushkaram : Kaise Lage Lagam? - (दुष्कर्म : कैसे लगे लगाम?)
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About this ebook
1. खूबसूरती से जिएं 55 के बाद
2. खूबसूरती से जीवन जीने की कला
3. हंसते मुस्कुराते प्रसन्नता से जिएं
4. सुखी जीवन के प्रभावी सूत्र
5. जिएं शानदार जिंदगी 60 के बाद
6. रूकिए जरा आत्महत्या से पहले
7. सहजें खुशियों का खजानाः दोस्ती
8. ढूंढते रह जाओगे इंसानियत
9. बिना मरे पाएं स्वर्ग
10. पायें दुःखों से छुटकारा वर्तमान में आप महाविद्यालयीन शैक्षणिक संस्थाओं के अकादमिक सलाहकार, पीएच.डी. शोध निदेशक व भारतीय भाषा सद्भावना परिषद के प्रान्तीय अध्यक्ष हैं।
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Book preview
Dushkaram - Dr. H. L. Maheshwari
लगाम
1. दुष्कर्म की बढ़ती घटनाएँ - एक भयावह स्थिति
बलात्कार के कुकृत्य में सभ्य पुरुष वासना के वशीभूत जानवरों से भी बदतर व्यवहार करने लगता है। बलात्कार के समय तथाकथित सभ्य पुरुष, स्त्री-देह को इस प्रकार नोचता-खसोटता है कि जंगली जानवर भी शरमा जाएँ।
- स्वप्निल सारस्वत
भारत में, महानगर हो या छोटा शहर हो, कस्बा हो या गांव, विदेशी महिला हो या गांव-देहात की, सवर्ण हो या दलित, पुरुषों द्वारा किए जाने वाले दुष्कर्म (रेप) और गेंग-रेप की घटनाएँ बढ़ती जा रही हैं। पहले तो एकल रेप की घटनाएँ ज्यादा होती थी लेकिन अब तो सामूहिक रेप आम बात होती जा रही है।
5-6 माह की दुधमुंही बच्ची से लेकर 65 वर्ष की वृद्धा तक के साथ बलात्कार की घटनाएँ हो रही हैं, आज बलात्कार का खौफ पूरे देश में पसरा हुआ है। राष्ट्रीय अपराध ब्यूरों में दर्ज रिकार्ड के अनुसार प्रतिदिन 91 महिलाओं के साथ एकल या सामूहिक रेप या दुष्कर्म होता है। लेकिन इससे भी अधिक 10 गुणी चुप्पी में दर्द की चीखें है। कहीं इज्जत, कहीं अपनों की सुरक्षा का डर तो कहीं खुद पर ही दोषारोपण का भय।
दुष्कर्म की बढ़ती संख्या से देश की आधी आबादी ही नहीं पूरा समाज चिंतित है। बेटियों के अभिभावक डरे-डरे हैं।
बर्बरता की हदें पार करने वाले, दिल दहला देने वाले निर्भया काण्ड के मामले को लेकर पूरा समाज आक्रोशित हो सड़कों पर उतरा था। इस मामले में लोगों ने निर्भया पर सवाल नहीं उठाए बल्कि बलात्कारियों को कठोर सजा देने की मांग की। निर्भया के माता-पिता ने खुलकर बेटी के लिए इंसाफ की लड़ाई लड़ी। आम लोगों ने कानून में बदलाव और समाज को संवेदनशील बनाने जैसे पहलुओं पर सोचा।
पूरे देश को असंवेदनशीलता की नींद से जगा देने वाले इस क्रूर काण्ड के बाद लगता था कि ऐसी घटनाओं पर लगाम लगेगी। क्योंकि अब देश जाग गया है, अब किसी बेटी के हिस्से में निर्भया जैसी पीड़ा का दंश नहीं आयेगा। लेकिन इसके बाद भी बलात्कार के मामले ना रुके और ना ही देश में सुरक्षा का माहौल बना। पिछले सालों में दुष्कर्म के मामलों पर लगाम लगाना तो दूर दुष्कर्म के आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं।
निर्भया के बाद दुष्कर्म के 4 लाख प्रकरण दर्ज
निर्भया प्रकरण 2012 के बाद सामान्यतः यह धारणा बन गई थी कि अब दुष्कर्म के मामलों में कुछ लगाम खिचेगी लेकिन यह कितनी चिंताजनक स्थिति है कि लगाम खिचने की जगह लगाम ढीली हुई है। निर्भया मामले के बाद से दुष्कर्म के 4 लाख से अधिक प्रकरण दर्ज हुए हैं।
6 लाख से अधिक मामले फास्ट ट्रेक कोर्ट्स में लम्बित हैं। फास्ट ट्रेक कोर्टस् दुष्कर्म के मामले में त्वरित न्याय के लिए बनाए गए हैं। इसके बावजूद भी ये स्लो साबित हो रहे हैं। फैसले में दस-दस साल लग रहे हैं।
प्रतिदिन औसतन 91 रेप केस
वर्ष 2017 में जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारत में हर रोज औसतन 91 से अधिक रेप के मामले दर्ज किए जाते हैं।
दुष्कर्म के मामले में मध्यप्रदेश प्रथम
राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो द्वारा वर्ष 2018 के अपराधों के आंकड़ों में मध्यप्रदेश में फिर दुष्कर्म की सबसे ज्यादा घटनाएँ घटी हैं। यहाँ हर रोज 15 बच्चियों और महिलाओं को वहशी लोगों ने अपनी हवस का शिकार बनाया। मध्यप्रदेश वर्ष 2018 में 5440 दुष्कर्म की घटनाओं के कारण देश में पहले नम्बर पर रहा। चिंता की बात यह रही कि इन घटनाओं में 54 घटनाएं ऐसी भी हैं जो छः साल या उससे कम उम्र की बच्चियों के साथ घटीं। वहशीपन की हद यह भी रहीं कि 60 साल से अधिक उम्र की 11 वृद्ध महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाओं से मध्यप्रदेश शर्मसार हुआ। मध्यप्रदेश के बाद राजस्थान और उत्तरप्रदेश में इन घटनाओं से क्रमशः 4335 और 3946 महिलाएँ पीड़ित रहीं।
पॉस्को के अंतर्गत लंबित प्रकरण
उत्तरप्रदेश में पोक्सो के अंतर्गत 42379 प्रकरण लंबित हैं, देश में ये सबसे ज्यादा हैं। महाराष्ट्र दूसरे नम्बर पर है जहाँ पोक्सो के अंतर्गत 19968 मामले लंबित हैं।
मानव शरीरधारी पिशाचों के पैशाचित कृत्य
कहा जाता है कि देवता अमृत पीते हैं। यक्ष आसव पीते हैं। राक्षस मदिरा पीते हैं। दानव और दैत्य रक्त पीते हैं। पिशाच धुआं या धूर्म (चिता का) पीते हैं।
मानव शरीरधारी पिशाचों के पैशाचित कृत्यों के ढेर सारे उदाहरण है। उनमें से कुछेक ऐसे उदाहरण प्रस्तुत किये जा रहे हैं जिन्होंने 4 माह की दुधमुंही बच्ची से लेकर 65 वर्ष की वृद्धा को अपनी हवस का शिकार बनाकर मानव जाति को कलंकित किया है।
3 माह और 4 दिन की बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या
इंदौर (म.प्र.) के राजवाड़ा क्षेत्र की तीन माह 4 दिन की दुध मुंही बच्ची जो अपने माता-पिता के साथ छत पर सो रही थी, का प्रातः 4 बजे अजय गड़के ने अपहरण कर दुष्कर्म किया और फिर उसकी हत्या कर दी। पिशाची प्रवृत्ति के इस अपराधी ने अपराध करने की हद पार कर डाली।
7 माह की दुधमुंही बच्ची के साथ दुष्कर्म
राजस्थान के अलवर जिले के लक्ष्मणगढ़ थाना क्षेत्र में 19 वर्षीय पिंटू मराडा दृष्टिहीन ताई की गोद से 7 माह की दुध मुंही बच्ची छीनकर ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। एस.सी.एस.टी. और पोक्सो एक्ट के विशेष जज जगेन्द्र अग्रवाल ने उसे मौत की सजा सुनाई।
आइसक्रीम के बहाने 4 साल की बच्ची से दुराचार की कोशिश
जबलपुर (म.प्र.) के रामपुर क्षेत्र में रहने वाले एक युवक ने अपने पड़ोस में रहने वाली 4 साल की बच्ची को आइसक्रीम खिलाने का लालच देकर अपने कमरे में बुलाया और उससे हैवानियत करने की कोशिश की तो बच्ची ने रोना शुरु कर दिया जिसे सुन कर बच्ची की मां आ गई उसने आरोपित के चंगुल से बच्ची को छुड़ाया।
14 माह की मासूम से रिश्ते के दादा ने की ज्यादती
मध्यप्रदेश के विदिशा जिले के अंतर्गत लटेरी थाना क्षेत्र के एक गांव में रिश्ते के दादा ने 14 माह की पोती के साथ ज्यादती की। परिजनों की शिकायत और चिकित्सकीय जांच के बाद आरोपित के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है।
दुध मुंही बच्चियों के साथ हो रहे दुष्कर्मों के संदर्भ में सुप्रसिद्ध गीतकार प्रसून जोशी ने बड़ा ही सटीक व्यंग्य किया है -
अब कोख में टार्च लेकर उतर चुके हैं वे लोग।
बीज में किसी की सहमी बैठी किसी की संतान।
वाह रे सभ्यता वाह रे इंसान।
बाबुल जिया मोरा घबराए।
बाबुल जिया मोरा घबराए।
10 साल की बेटी के साथ बाप ने की दरिंदगी
खण्डवा (म.प्र.) जिले के गणेश तलाई मोहल्ला के एक पिता ने अपनी 10 वर्षीय बेटी के साथ दरिंदगी की। पुलिस ने दुष्कर्म और पोक्सो एक्ट की धाराओं में केस दर्ज कर आरोपित को जेल भेज दिया।
त्रिपुरा में हैवानियत - दुष्कर्म के बाद जिंदा जलाया
अगरतला के दक्षिणी त्रिपुरा के शातिर बाजार थाना क्षेत्र में 17 साल की लड़की के साथ उसके दोस्त ने दुष्कर्म किया। इसके बाद अपनी माँ के साथ मिलकर जिन्दा जला दिया। 90 प्रतिशत जली पीड़िता की अस्पताल में मौत हो गई। पीड़िता की माँ का आरोप है कि युवक लगभग दो माह पहले लड़की को लेकर गया था। उसके साथ दुष्कर्म किया। बाद में दोनों की शादी कराने की बात हुई। लड़की की माँ ने 50 हजार रुपये की मांग की। उसने 15 हजार रूपए जुटा लिए थे। बाकी रुपए नहीं मिलने पर लड़की को जिन्दा जला दिया।
भोपाल में 5 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म
भोपाल में अशोका गार्डन क्षेत्र में पांच साल की बच्ची जो घर के सामने खेल रही थी, के साथ पड़ोस में रहने वाले 27 साल के दो बच्चों के पिता ने हैवानियत की। शाम लगभग 7 बजे रामबाबू मालवीय उसके घर पहुँचा और 10 रुपए और चाकलेट का लालच देकर उसे अपने घर ले गया। कमरे को बंद करके पहले उसने मोबाइल फोन पर पोर्न मूवी देखी, फिर बच्ची के साथ ज्यादती की। बच्ची के चीख सुनकर लोग इकट्ठे हो गए और उसे धर-दबोचा और पुलिस के हवाले कर दिया।
रामबाबू शादीशुदा है और उसके उसी बच्ची की उम्र के दो बच्चे भी हैं। वह पोर्न मूवी देखने का आदि है, इसलिए वह इस तरह की हरकतें करता रहा है।
सामूहिक दुष्कर्म के बाद छात्रा ने फांसी लगाई
मध्यप्रदेश के सागर जिले में बरायठा थाना क्षेत्र के एक गांव की 14 वर्षीय छात्रा से तीन युवकों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। काफी देर तक जब छात्रा घर नहीं पहुंची तो उसका भाई उसे तलाशने निकला। बहिन के चिल्लाने की आवाज सुनकर वह मौके पर पहुंचा तो आरोपित भाग निकले। छात्रा घर पहुंची और खुद को कमरे में बन्द कर दुपट्टे का फंदा बनाकर फांसी लगा ली।
10 वर्षीय चचेरे भाई ने 7 साल की बच्चे से किया दुष्कर्म
धार (म.प्र.) के ग्राम वाणदा में 7 साल की बच्ची के साथ उसके चाचा के 10 साल के नाबालिग लड़के ने दुष्कर्म किया। आरोपित ने घटना को अंजाम देने के बाद उसे 10 रुपये देकर कहा कि यह बात किसी को मत बताना, लेकिन लगातार रक्त स्त्राव और दर्द के बाद यह