आत्म तृप्ति
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About this ebook
An emotional Short Story about a boy, who is missing his parents, who have died in an accident.
Ravi Ranjan Goswami
Ravi Ranjan Goswami is a popular Hindi author from Jhansi, India. He writes in English too. He is an IRS officer and lives in Cochin, Kerala India.
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Book preview
आत्म तृप्ति - Ravi Ranjan Goswami
अस्वीकरण
इस पुस्तक की कहानी पूर्णतया काल्पनिक है । इसके सभी पात्र और घटनाएँ भी काल्पनिक हैं ।
किसी घटना या व्यक्ति से इसका साम्य संयोग माना जाएगा । ...लेखक
समर्पण
केश एवं दिविता
1
अजित और दादा चंद्र शेखर
अजित बहुत उदास था।उसे अपने माता पिता की बहुत याद आ रही थी। मन बहलाने के लिये वह गिटार बजा रहा था। अजित दसवीं कक्षा का छात्र था । जब वह छटवीं क्लास में था। उसके पापा सुदर्शन और माँ कल्याणी का एक दुर्घटना में देहांत हो गया था । परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था। दादाजी चंद्रशेखर ने कलेजे पर पत्थर रख लिया और सबको को यत्न पूर्वक दुःख से बाहर निकाल लाये। परिवार में उनकी पत्नी सरला के आलावा एक पुत्र और पुत्री और थे। पुत्र राकेश ने बी टेक कर लिया था और अभी बेरोजगार था। पुत्री राखी एम् बी ए कर रही थी।
उस दिन रविवार था। अजित को इस तरह उदास देख कर चंद्रशेखर ने कहा, अजित मेरे साथ बाजार चल। तरकारी लेकर आयेंगे तुम थैला उठा के लाना ।
उन्होंने अजित की उदासी दूर करने के उद्देश्य से ये कहा था ।
अजित अपने दादाजी की मदद के लिए हरवक्त तैयार रहता था ।
वे दोनों शब्जी बाज़ार के लिए चल दिये ।
रास्ते में उनके एक परिचित मलिक मिल गये। थोड़ी देर हाल चाल पूछे फिर उन्होने चंद्रशेखर से पूछा, आपकी सर्विस को कितने साल बाकी हैं ?
चंद्रशेखर चौंक गये। यह प्रश्न उनसे पहलीबार किसी ने पूछा था। उन्होंने