कुछ नए पन्ने: उनकी यादों के
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जब ख़ुशियों की परियों की नज़र किसी पर पड़ती है तो वह इंसान प्रेम और सद्भावना का प्रतीक बनकर इस संसार के सामने उभरता है। जीवन में इंसान नफ़रत तो किसी का बुरा करके भी कमा लेता है लेकिन जब बात आती है किसी के दिल में जगह बनाने की तो वह सदियों मारा-मारा फिरता है, लेकिन उसे प्रेम की एक बूँद तक नशीब नहीं होती।"जीवन रहस्यों से भरा है, जिसमें मन के रहस्य
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कुछ नए पन्ने - S. H. Wkrishind
पहले संस्करण के लिए
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इस किताब में चित्रित सभी घटनाएँ पहले प्रकाशित हुई सभी संस्करणों का शुद्ध रूप हैं। पहले प्रकाशित सभी संस्करण, जो अलग-अलग शीर्षकों से और लेखक के मूल नाम से प्रकाशित हुई थीं, इस संस्करण के प्रारूप थे। पहले प्रकाशित हुई किसी भी संस्करण या इस संस्करण का लेखक के या फिर किसी अन्य के व्यक्तिगत जीवन से कोई सम्बन्ध नहीं हैं। और अगर किसी के व्यक्तिगत जीवन की कहानी इस रचना में चित्रित किसी भी घटना से मिलती-जुलती है तो वह सिर्फ़ एक संयोग है।
पिछले सभी प्रारूपों में कुछ ऐसी घटनाएँ भी थीं जो लेखक ने किसी और के सुझाव से लिखा था, जो पढ़ने पर पाठक के मन में कुछ अलग ही असर डालती थीं। पिछले सभी प्रारूप सिर्फ़ परीक्षण के उद्देश्य से प्रकाशित किए गए थे।
- एस. एच. व्कृषिंद
क्या लिखूँ?
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स्कूल के समय में कुछ कहानियाँ पढ़ते समय मेरे भी दिमाग में ये बात आई कि मैं भी एक लेखक बनूँ। लेकिन अब समस्या थी तो ये की आखिरकार लिखूँ क्या? सबसे बड़ी बात, अपनी पढ़ाई के प्रति जुड़ाव ने मुझे कभी ऐसा करने नहीं दिया और दूसरी तरफ, मैं आलसी तो था ही, तभी तो मन में प्रबल इच्छा होते हुए भी मैं अपने लेखक बनने के सपने को आरम्भ ना कर सका। कई बार तो ऐसा भी हुआ कि मेरे दिमाग में कुछ बातें आई लेकिन जब मैंने उन्हें अपनी डायरी में लिखने की कोशिश की तो वहाँ पर मुझे कोई सफलता नहीं मिल पाई और जब कभी हिम्मत करके कुछ लाइनें लिखा भी तो बाद में उन्हें फाड़ कर फेंक भी दिया। क्योंकि, पहली बार तो मैंने अपने दिमाग में सूझी बात को अपनी डायरी में उतार दिया, लेकिन फिर जब बाद में दोबारा मैंने अपनी उस लिखावट को पढ़ा तो मन में सवाल उठा - ये मैंने क्या लिखा है? कुल मिलाकर मेरे कहने का मतलब है, मुझे खुद पर उस समय भरोसा नहीं था। मुझे लगता था कि यार, वो इतने बड़े लेखक हैं और मैं एक छोटे से कस्बे में रहने वाला एक छोटा सा इंसान हूँ और तो और उन सब ने अपनी बात को अपनी डायरी में तो उतार दिया लेकिन वो खुद उसका आनंद नहीं ले पाए। मुझे