आप्तवाणी-१२ (पूर्वार्ध)
By दादा भगवान
()
About this ebook
अक्रम विज्ञानी परम पूज्य दादाश्री ने जगह-जगह महात्माओं की व्यवहारिक उलझनें, आज्ञा में रहने में आने वाली मुश्किलें और सूक्ष्म जागृति में कैसे रहें, इनके खुलासे किए हैं। जागृति में ‘मैं चंदूलाल हूँ’ (वाचक को अपना नाम समझना है) की मान्यता में से इस मान्यता में आना है कि ‘मैं शुद्धात्मा ही हूँ’, ‘अकर्ता ही हूँ’, ‘केवल ज्ञाता-दृष्टा ही हूँ’, बाकी सब पिछले जन्म में किए गए ‘चार्ज’ का ‘डिस्चार्ज’ ही है, भरा हुआ माल ही निकलता है, किसी भी संयोग में उसमें से नये ‘कॉज़ेज़’ (कारण) उत्पन्न ही नहीं होते, आप सिर्फ ‘इफेक्ट’ को ही ‘देखते’ हो वगैरह। आत्मजागृति ही मोक्ष की ओर ले जाती है। इस पुस्तक में दादाश्री की हृदयस्पर्शी वाणी संकलित हुई है, जिसमें उन्होंने जागृति में रहने के अलग-अलग तरीकों का वर्णन किया है, जो आत्मकल्याण के लिए सब से महत्वपूर्ण हैं। जागृति प्राप्त करने के लिए और उसे बढ़ाने के लिए परम पूज्य दादाश्री अपने आप से जुदापन, अपने आप से बातचीत के प्रयोग द्वारा ‘ज्ञाता-दृष्टा’ पद में रहना, कर्म के चार्ज और डिस्चार्ज के सिद्धांत को समझकर उनका उपयोग करना वगैरह का दर्शन स्पष्ट किया है। महात्माओं की आत्मजागृति को बढ़ाने में यह पुस्तक बहुत सहायक होगी।
Read more from दादा भगवान
समझ से प्राप्त ब्रह्मचर्य (पूर्वार्ध) Rating: 5 out of 5 stars5/5आप्तवाणी-१४(भाग -१) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsज्ञानी पुरुष 'दादा भगवान' (भाग-१) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsआप्तवाणी श्रेणी-९ Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsपैसों का व्यवहार (ग्रंथ) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsआप्तवाणी-३ Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsसहजता Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsआप्तवाणी-५ Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsआप्तवाणी-८ Rating: 5 out of 5 stars5/5आप्तवाणी-१४(भाग -३) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsप्रतिक्रमण(ग्रंथ) (In Hindi) Rating: 3 out of 5 stars3/5
Related to आप्तवाणी-१२ (पूर्वार्ध)
Related ebooks
सहजता Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsआप्तवाणी-१३ (उत्तरार्ध) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsआप्तवाणी-३ Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsनिजदोष दर्शन से... निर्दोष! Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsआत्मसाक्षात्कार Rating: 5 out of 5 stars5/5पाप-पुण्य (In Hindi) Rating: 4 out of 5 stars4/5आप्तवाणी-८ Rating: 5 out of 5 stars5/5आप्तवाणी-७ Rating: 4 out of 5 stars4/5आप्तवाणी-६ Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsआप्तवाणी-१४(भाग -२) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsचिंता Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsभुगते उसी की भूल! Rating: 5 out of 5 stars5/5आप्तवाणी-५ Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsआप्तवाणी-१३ (पूर्वार्ध) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsदादा भगवान ? (Hindi) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsसर्व दु:खों से मुक़्ति (In Hindi) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsआप्तवाणी-२ Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsमृत्यु समय, पहले और पश्चात... (Hindi) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsक्लेश रहित जीवन Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsआत्मबोध Rating: 5 out of 5 stars5/5सेवा-परोपकार Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsप्रतिक्रमण(ग्रंथ) (In Hindi) Rating: 3 out of 5 stars3/5चमत्कार Rating: 3 out of 5 stars3/5आप्तवाणी-४ Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsसमझ से प्राप्त ब्रह्मचर्य (उत्तरार्ध) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsसत्य-असत्य के रहस्य Rating: 5 out of 5 stars5/5मैं कौन हूँ? Rating: 5 out of 5 stars5/5प्रतिक्रमण (In Hindi) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकर्म का विज्ञान Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsअंतःकरण का स्वरूप Rating: 0 out of 5 stars0 ratings
Reviews for आप्तवाणी-१२ (पूर्वार्ध)
0 ratings0 reviews