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Aaj bhi aam hain unke jalwe
FromSadguru Vandna
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Length:
19 minutes
Released:
May 24, 2020
Format:
Podcast episode
Description
साधु! हरि गुरू अंतर नाही।मो मन एक रहाई।हरि ही गुरू, गुरू में हरि कहिएगुरू में हरि समाई।हरि गुरू में जो अंतर समझेते नर नरक गिराई।साधु! हरि गुरू अंतर नाही।हरि ही गुरू होए अवतरेहै जीव जगावन आई।चेतन देव सदा शुद्ध कहिएछिन्न-भिन्न कुछ नाही,साधु! हरि गुरू अंतर नाही।जो जाने सो जाने यह गति,निज निश्चय यह मन भाई।आपा छोड़ आप में परखेतो भ्रम ग्रन्थि मिट जाई।साधु! हरि गुरू अंतर नाही।‘देवनाथ’ है शुद्ध सन्यासीजिन यह बूटी पाई।‘मानसिंह’ सपने नहीं दूजाएक रूप दरसाई।साधु! हरि गुरू अंतर नाही।
Released:
May 24, 2020
Format:
Podcast episode
Titles in the series (12)
Rab da dwaara: खुदा को रास्ता है मुरशिद और मुरशिद का रास्ता है इश्क . . . True love for one's Sadguru is the straight route to God. by Sadguru Vandna