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नाकाम दुश्मन
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Ebook141 pages58 minutes

नाकाम दुश्मन

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About this ebook

यह कुछ सत्य घटनाओं से प्रेरित एक काल्पनिक उपन्यास है।

 

अगली सुबह राजेश और लैला होटल के बाहर निकले। उन्होंने सोचा था बाहर निकल कर कोई टैक्सी कर लेंगे। वे मुश्किल से एक सौ कदम ही दूर चले होंगे कि उनके पीछे एक बड़ा धमाका हुआ। उन्होंने पीछे मुड़कर देखा प्लाजा होटल लपटों में घिरा हुआ था । लोग यहाँ वहाँ भाग रहे थे। वे भी उस जगह से दूर भागने लगे । जाहिरा तौर पर एक सुरक्षित दूरी तक पहुँचने के बाद, वे थोड़ा सुस्ताने को रुके । पुलिस, सेना, और फायर ब्रिगेड के वाहन प्लाज़ा होटल की तरफ भाग रहे थे।(नाकाम दुश्मन से )

Languageहिन्दी
Release dateJul 10, 2020
ISBN9781393704928
नाकाम दुश्मन
Author

Ravi Ranjan Goswami

Ravi Ranjan Goswami is a popular Hindi author from Jhansi, India. He writes in English too. He is an IRS officer and lives in Cochin, Kerala India.

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    नाकाम दुश्मन - Ravi Ranjan Goswami

    यह कुछ सत्य घटनाओं से प्रेरित एक काल्पनिक उपन्यास है। इसमें प्रयुक्त नाम, पात्र, संगठन, और घटनायेँ लेखक की कल्पना से उपजी हैं। कुछ संस्थाओं के नाम का उल्लेख रचनात्मक रूप से किया गया है जिसका उद्देश्य कहानी को रोचक बनाना और पठकों का मनोरंजन करना है । इस कहानी का उद्देश्य किसी व्यक्ति ,संस्था, धर्म ,समुदाय को ठेस पहुंचाना कदापि नहीं है ।

    रवि रंजन गोस्वामी

    समर्पण

    यह पुस्तक भारतीय सेना ,सुरक्षा बलों, खुफिया तंत्र एवं पुलिस को समर्पित है।

    आभार

    मैं आभारी हूँ मेरी माँ स्व॰श्रीमती भगवती देवी और मेरे पिता स्व॰श्री पुरुषोत्तम दास गोस्वामी का जिनके कारण मैं हूँ। मेरी पत्नी श्रीमती केश कुमारी एवं पुत्री दिविता गोस्वामी का जिन्होंने अपने हिस्से का कुछ समय मुझे लेखन के लिए दिया ।

    1मार्च, 2016

    चेन्नई, भारत।

    राजेश चेन्नई में ट्राइडेंट होटल में अपने कमरे के अंदर था। बाहर तेज हवा चल रही थी। वह खिड़की से बाहर देख सकता था।  काली घटाएँ भारी बारिश का संकेत दे रहीं थीं। जल्द ही तेज बारिश शुरू हो गयी । वह खिड़कियों से टकराती बूंदों की आवाज सुन सकता था । वह बाहर जाना चाहता था, लेकिन मौसम की स्थिति को देखकर उसने जाने का विचार छोड़ दिया। शाम के करीब 6 बजे थे । राजेश ने  एक कोने में रखा मिनीफ्रिज खोला और देखा उसमें कुछ बीयर की बोतलें, काजू, बादाम और फल रखे थे। उसे उनमें से कुछ भी लेने का मन नहीं किया । उसने  फोन उठाया, रूम सर्विस का नंबर मिलाया, और एक बड़ा ब्लैक लेबल व्हिस्की लाने का आदेश दिया। राजेश को थोड़ी ठंड महसूस हुई  तो उसने रिमोट से एयर कंडीशनर बंद कर दिया। फिर उसने टीवी का रिमोट उठाया और बटन दबाकर टीवी चालू कर दिया। थोड़ी देर वह चैनलों को बदलता रहा फिर उसने डीडी उर्दू लगा दिया । उस पर उसकी पसंद का एक गजल कार्यक्रम आ रहा था। राजेश सोफे पर बैठ गया और गज़लों  का आनंद लेने लगा। कुछ समय के बाद घंटी बजी। राजेश ने अनुमान लगाया कि रूम सर्विस वाला होगा। दरवाजा बंद नहीं  था अतः  उसने कहा, कम इन । वेटर एक ट्रे में व्हिस्की, सोडा, नमकीन आदि लेकर आया था । उसने ट्रे टेबल पर रख दी और उसके लिए एक पेय तैयार करने की पेशकश की। राजेश ने कहा, नहीं, धन्यवाद। वेटर चला गया।

    राजेश दरवाजे तक गया और बाहर ‘डू नॉट डिस्टर्ब’ का टैग लगा कर  दरवाजा बंद कर दिया, और वापस आ गया। उसने सोडा व्हिस्की के गिलास में डाला। फिर आहिस्ता गिलास उठा कर एक लंबा घूंट लिया और उसे अपने शरीर में अवशोषित होने के  लिए कुछ क्षण इंतज़ार किया । थोड़ी ही देर में उसे  एक सुखदायक गर्मी का अहसास हुआ । फिर उसने अपने पेय और गजल का आनंद लेना  शुरू कर दिया। व्हिस्की और गजल एक दूसरे के पूरक थे। व्हिस्की गजल को और अधिक मनोरंजक और गजल का प्रभाव व्हिस्की के आनंद को बढ़ाने का काम कर रहे थे। थोड़ी देर के लिए वह अपने वहाँ होने के प्रयोजन को  ही भूल गया। वह गज़लों में खो गया था। उसका मोबाइल बजने लगा। यह अलार्म था जो उसे बता रहा था कि सिंगापुर के लिए उड़ान पकड़ने के लिए एयरपोर्ट जाने का समय हो गया था । शीघ्र ही वह एक कैब में एयरपोर्ट के लिए चल दिया।

    प्लेन के टेक ऑफ के बाद जब  सीट बेल्ट लगाये रखने की चेतावनी हट गयी राजेश अपनी सीट को थोड़ा पीछे धकेल कर आराम से टिक कर बैठ गया।  वह सोचने लगा पंद्रह साल से वह एक जासूसी एजेंट था। उसका कार्य सस्पेंस, एक्शन, आश्चर्य, और रोमांच से भरा था और उसने हमेशा अपने काम का आनंद लिया था। उसने कई राष्ट्र विरोधी गिरोहों का भंडाफोड़ किया था और भारत में और विदेशों में कुछ आतंकवादी संगठनों के प्रमुख ऑपरेटरों को निस्प्रभावी किया था । इस मिशन में जो काम उसे मिला था उसने उसे पेशोपेस में डाल दिया था और थोड़ा निराश भी किया था। वह अभी मात्र तीस वर्ष का था, लेकिन क्या लोगों ने उसे अभी से उम्रदराज मान लिया और इसलिए एक सुस्त सा काम सौंप दिया ?

    जासूसी के क्षेत्र में उसकी असाधारण क्षमता के कारण, वह प्रतिद्वंद्वियों के बीच एक कुख्यात एजेंट बन गया था। वे उसकी गतिविधियों पर नज़र रखते थे। इसलिए, जब वह सिंगापुर के लिए उड़ रहा था, उसका असली गंतव्य अलग था।

    राजेश की फ्लाइट 4:50 AM सिंगापुर समय पर चांगी हवाई अड्डे पर सुचारू रूप से उतरी । राजेश ने अपनी कलाई घड़ी, स्थानीय समय के लिए समायोजित की । उसके पास ऐसा कोई सामान नहीं था जिनमें कस्टम वालों को कोई दिलचस्पी होती। आव्रजन मंजूरी के बाद, वह निर्बाध रूप से हवाई अड्डे से  बाहर आ गया। मैरियट होटल में उसके लिए एक कमरा आरक्षित था इसलिए वह होटल के बाहर इंतजार कर  रही मैरियट की मिनीबस में सवार हो गया । मिनी बस में चढ़ने वाला वह पहली यात्री था। कुछ देर में कुछ और लोग भी

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