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सुन्दरकाण्ड ज्ञान-यज्ञ - 33
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Length:
76 minutes
Released:
Sep 16, 2021
Format:
Podcast episode
Description
सुन्दरकाण्ड ज्ञान यज्ञ के 33वें दिन पूज्य स्वामी आत्मानन्द सरस्वती जी महाराज ने सुंदरकांड की कथा में आगे बताया कि जब हनुमानजी ने रामजी को सीताजी का सन्देश सुनाया तब रामजी भाव से विह्वल हो गए और आंख से आंसू निकलने लगे और हनुमानजी से बोलते हैं की हे हनुमान, जो हमारे प्रति मन, कर्म और वचन से समर्पित होता है उसे कैसे दुःख मिल गया। हनुमानजी कहते हैं हे प्रभु दुःख तो तभी मिलता है जब आपका स्मरण बाधित हो जाता है। विरह का दुःख और व्यक्तिगत संताप दो अलग-अलग चीज़ें है। अब आप शीघ्र तयारी करें और राक्षसों का संहार करके माताजी को वापस ले आइये। रामजी हनुमानजी के प्रति अपनी भूरी-भूरी कृतज्ञता अभिव्यक्त करते है और कहते हैं की हम आपका ऋण कभी नहीं उतार सकते हैं। इसपर हनुमानजी प्रभु के चरणों में गिर जाते हैं और कहते हैं की भगवान् हमारी रक्षा करिये।
Released:
Sep 16, 2021
Format:
Podcast episode
Titles in the series (100)
(मराठी) अध्याय ७ : ज्ञान विज्ञान योग by Vedanta Ashram Podcasts