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सुन्दरकाण्ड ज्ञान-यज्ञ - 37
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Length:
80 minutes
Released:
Sep 20, 2021
Format:
Podcast episode
Description
सुन्दरकाण्ड ज्ञान यज्ञ के 37वें दिन पूज्य स्वामी आत्मानन्द सरस्वती जी महाराज ने सुंदरकांड की कथा में आगे बताया कि जब मन्दोदरी को अपनी प्रजा के मन में डर और चिंता के सतत समाचार प्राप्त हुए तो स्ने एक अच्छी महारानी के नाते अपनी प्रजा के हित और कल्याण की भाव से प्रेरित होकर रावण से इस विषय में पुनर्विचार हेतु निवेदन किया, लेकिन रावण अपने अभिमान के चलते उसके ऊपर हँसा और निश्चिन्त रहने की सलाह देकर अपनीसभा में चला गया। सभा में उसको समाचार प्राप्त हुआ की रामजी की सेना समुद्र के उस पार पहुँच गयी है। उसने अपने सचिवों से उचित सलाह देने के लिए कहा। वे सब चापलूस और डरपोक मंत्रीगण केवल वो ही बात कहने लगे जो रावण को प्रिय लगे। गोस्वामीजी कहते हैं की जब सचिव, वैद्य और गुरु किसी डर के कारण प्रिय बोलने लगें तो निश्चित रूप से राज्य, देह और धर्म का नाश हो जाता है।
Released:
Sep 20, 2021
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Podcast episode
Titles in the series (100)
(मराठी) अध्याय १६ : दैवासुरसम्पद्विभागयोग by Vedanta Ashram Podcasts