59 min listen
सुन्दरकाण्ड ज्ञान-यज्ञ - 57
ratings:
Length:
79 minutes
Released:
Oct 10, 2021
Format:
Podcast episode
Description
सुन्दरकाण्ड ज्ञान यज्ञ के 57वें दिन पूज्य स्वामी आत्मानन्द सरस्वती जी महाराज ने बताया कि जब शुक नामक दूत ने रावण को लक्ष्मणजी का पत्र दिया तो वो मन ही मन तो थोड़ा डर गया लेकिन फिर ऊपर से हँस के बोलै की 'वो छोटा तपस्वी जमीन पर पड़ा है और अपने छोटे हाथो के आकाश को पकड़ना चाहता है।' तब शुक ने कहा की 'महाराज ! जो कुछ पत्र में लिखा है उसको सच ही समझिये'! उसने पुनः रावण का हितैषी होने के नाते उससे निवेदन किया की महाराज, अपना अभिमान त्याग कर रामजी की शरण में चले जाइये। वे बहुत ही उदार हैं आप के सब दोष क्षमा कर देंगे। आप सीताजी को वापस दे दीजिये। जहाँ उसने यह बात कही वो भड़क गया, और शुक को भी एक लात मारी। शुक ने उसके चरण में सिर नवाया और सीधे रामजी के पास चला गया। वो एक शापित मुनि था, राजी ने उसको मुक्त कर दिया और वो अपने आश्रम चला गया। इधर रामजी तीन दिनों तक समुद्र से प्रार्थना करते रहे लेकिन वो प्रकट भी नहीं हुआ , तो रामजी क्रोधित हो गए और कहा की कुछ लोगों में क्रोध के बिना प्रीती नहीं होती है।
Released:
Oct 10, 2021
Format:
Podcast episode
Titles in the series (100)
(मराठी) अध्याय ७ : ज्ञान विज्ञान योग by Vedanta Ashram Podcasts