59 min listen
सुन्दरकाण्ड ज्ञान-यज्ञ - 40
ratings:
Length:
80 minutes
Released:
Sep 23, 2021
Format:
Podcast episode
Description
सुन्दरकाण्ड ज्ञान यज्ञ के 40वें दिन पूज्य स्वामी आत्मानन्द सरस्वती जी महाराज ने सुंदरकांड की कथा में आगे बताया कि जब विभीषण ने रावण को अपना विचार बताया तो वहां बैठे माल्यवान जी, जो की रावण के सबसे बुद्धिमान सचिव एवं उसके नानाजी भी थे वे बहुत प्रसन्न हुए और कहा की हे रावण, आपका अनुज निश्चित रूप से नीति-विभूषण कहलाने योग्य है। इसने जो कहा है वो सही राइ है और मैं भी इसका अनुमोदन करता हूँ। इस पर रावण अत्यंत क्रोधित हो गया और बोलै की हमारे दुश्मन का तुम दोनों महिमामंडप कर रहे हो - इनको हमारी नज़रों से दूर करो। इतना सुनते ही माल्यवान खुद वहां से उठ के अपने घर चले जाते हैं। लेकिन विभीषण ने फिर भी हार नहीं मानी और पुनः रावण से बोलै की हम आपके चरण में गिर के निवेदन करते हैं की सीताजी जो की निशाचर कुल के लिए काल-रात्रि है आप उनसे प्रीती छोड़कर उन्हें रामजी को वापस करदें।
Released:
Sep 23, 2021
Format:
Podcast episode
Titles in the series (100)
(मराठी) अध्याय ७ : ज्ञान विज्ञान योग by Vedanta Ashram Podcasts