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सुन्दरकाण्ड ज्ञान-यज्ञ - 38

सुन्दरकाण्ड ज्ञान-यज्ञ - 38

FromVedanta Ashram Podcasts


सुन्दरकाण्ड ज्ञान-यज्ञ - 38

FromVedanta Ashram Podcasts

ratings:
Length:
91 minutes
Released:
Sep 21, 2021
Format:
Podcast episode

Description

सुन्दरकाण्ड ज्ञान यज्ञ के 38वें दिन पूज्य स्वामी आत्मानन्द सरस्वती जी महाराज ने सुंदरकांड की कथा में आगे बताया कि जब रावण अपने सचिवों  पूछ रहा था की आप अपनी-अपनी राय दीजिये तब उसी समय विभीषणजी भी आये और आदर से रावण को प्रणाम करके अपना स्थान ग्रहण करा। जब रावण ने उनसे अपनी राय देने को कहा तो वे बहुत आदर के साथ बोले की 'हे नाथ, हमारा तो यह विचार है की अगर अपना कल्याण कहते है तो परनारी को कभी भी भोग दृष्टी से नहीं देखना चाहिए।' वे आगे चेहते हैं की 'हे महाराज, तीनों लोको के एक ईश्वर होते हैं, लेकिन अगर उनके अंदर भी लोभ आ जाये तो कोई भी उसको उचित नहीं मनाता है। काम, क्रोध, मद और लोभ - नरक जाने के रस्ते हैं। इनको त्याग कर रघुवीर को भजना चाहिए। 
Released:
Sep 21, 2021
Format:
Podcast episode

Titles in the series (100)

Pravachans / Moral-Stories / Chantings / Bhajans - by Mahatmas of Vedanta Ashram, Indore