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सुन्दरकाण्ड ज्ञान-यज्ञ - 44
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Length:
78 minutes
Released:
Sep 27, 2021
Format:
Podcast episode
Description
सुन्दरकाण्ड ज्ञान यज्ञ के 44वें दिन पूज्य स्वामी आत्मानन्द सरस्वती जी महाराज ने सुंदरकांड की कथा में आगे बताया कि जब सुग्रीव ने दुश्मन के भाई के बारे में सचेत रहना चाहिए, तब रामजी ने अपने उस प्राण के बारे में बताया की वे शरणागत का सदैव रक्षा करते हैं। उन्होंने आगे बताया की अगर किसी ने करोड़ों ब्राह्मणों की हत्या भी क्यों न करी हो लेकिन जब वो हमारी शरण में आ जाए तब भी हम उसकी रक्षा करते हैं। उन्होंने बताया की पापी व्यक्ति तो हमारे सामने आ ही नहीं सकता है, और अगर आता भी है तो उसके पाप नष्ट हो जाते हैं। अगर हम तुम्हारी बात मान भी लें की ये जासूस हमारा भेद लेने आया है तो भी कोई चिंता की बात नहीं है। लक्ष्मण इतने समर्थ हैं की वे अकेले ही दुनिया के सभी निशाचरों को एक क्षण में समाप्त कर सकते हैं। अतः दोनों दृष्टी से उनको हमारे पास लाने में कोई हर्जा नहीं है। यह सुनते ही सभी उपस्थित वानर लोग रामजी की जैकार करते हुए विभीषणजी को लाने के लिए चले गए।
Released:
Sep 27, 2021
Format:
Podcast episode
Titles in the series (100)
(मराठी) अध्याय १६ : दैवासुरसम्पद्विभागयोग by Vedanta Ashram Podcasts