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इंद्रजीत का मायायुद्ध
FromShri Ram katha
ratings:
Length:
3 minutes
Released:
Sep 29, 2022
Format:
Podcast episode
Description
अंगद द्वारा अपना रथ तोड़े जाने और सारथी और घोड़ों के मारे
जाने से मेघनाद आग बबूला हो गया और युद्धस्थल से अदृश्य हो गया।
ब्रह्मदेव के वरदान के कारण कोई भी मेघनाद को देख नहीं पा रहा था। उसने अपने तीरों से वानर सेना में हाहाकार मचा दिया था और दिखाई ना देने का कारण वानर सेना में कोई भी उस पर प्रहार नहीं कर पा रहा था।
जब श्रीराम और लक्ष्मण जी उसका सामना करने आए तो उसने भयानक बाणों से उन पर आक्रमण किया। ये बाण उसके धनुष से छूटने पर सर्प में बदल जाते और श्रीराम और लक्ष्मण जी के शरीर में अंदर तक प्रवेश कर जाते।
इस प्रकार नागपाश में बंध जाने पर श्रीराम और लक्ष्मण जी दोनों मूर्छित होकर गिर गए और समस्त वानर सेना में कोलाहल मच गया।
मेघनाद ने लंका वापस जाकर अपने पिता को बताया की उसने दोनों दशरथ पुत्रों का वध कर दिया है।
इधर विभीषण ने जब वानर सेना को शोकाकुल देखा और मूर्छित पड़े श्रीराम और लक्ष्मण जी को देखा तो वानर सेना को सांत्वना देते हुए उन्हें बताया की ये दोनों अभी जीवित हैं। इनको किसी सुरक्षित स्थान पर ले जाकर उपचार का प्रबन्ध करो।
विभीषण की बात सुनकर वानर सेना शान्त हुई और वो दोनों की मूर्छा भंग करने के उपाय सोचने लगे। उसी समय तेज हवा चलने लगी और वहाँ गरुड़ देव प्रकट हुए। गरुड़ देव को देखते ही श्रीराम और लक्ष्मण जी को जकड़े हुए सभी नाग भाग खड़े हुए और नागों के पाश से मुक्त होते ही दोनों की मूर्छा टूट गयी।
गरुड़ देव श्रीराम और लक्ष्मणजी को नागपाश से मुक्त करने के बाद वैकुंठलोक को चले गए।
जाने से मेघनाद आग बबूला हो गया और युद्धस्थल से अदृश्य हो गया।
ब्रह्मदेव के वरदान के कारण कोई भी मेघनाद को देख नहीं पा रहा था। उसने अपने तीरों से वानर सेना में हाहाकार मचा दिया था और दिखाई ना देने का कारण वानर सेना में कोई भी उस पर प्रहार नहीं कर पा रहा था।
जब श्रीराम और लक्ष्मण जी उसका सामना करने आए तो उसने भयानक बाणों से उन पर आक्रमण किया। ये बाण उसके धनुष से छूटने पर सर्प में बदल जाते और श्रीराम और लक्ष्मण जी के शरीर में अंदर तक प्रवेश कर जाते।
इस प्रकार नागपाश में बंध जाने पर श्रीराम और लक्ष्मण जी दोनों मूर्छित होकर गिर गए और समस्त वानर सेना में कोलाहल मच गया।
मेघनाद ने लंका वापस जाकर अपने पिता को बताया की उसने दोनों दशरथ पुत्रों का वध कर दिया है।
इधर विभीषण ने जब वानर सेना को शोकाकुल देखा और मूर्छित पड़े श्रीराम और लक्ष्मण जी को देखा तो वानर सेना को सांत्वना देते हुए उन्हें बताया की ये दोनों अभी जीवित हैं। इनको किसी सुरक्षित स्थान पर ले जाकर उपचार का प्रबन्ध करो।
विभीषण की बात सुनकर वानर सेना शान्त हुई और वो दोनों की मूर्छा भंग करने के उपाय सोचने लगे। उसी समय तेज हवा चलने लगी और वहाँ गरुड़ देव प्रकट हुए। गरुड़ देव को देखते ही श्रीराम और लक्ष्मण जी को जकड़े हुए सभी नाग भाग खड़े हुए और नागों के पाश से मुक्त होते ही दोनों की मूर्छा टूट गयी।
गरुड़ देव श्रीराम और लक्ष्मणजी को नागपाश से मुक्त करने के बाद वैकुंठलोक को चले गए।
Released:
Sep 29, 2022
Format:
Podcast episode
Titles in the series (25)
Shri ram katha- Episode 4 by Shri Ram katha