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सुन्दरकाण्ड ज्ञान-यज्ञ - 10
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Length:
80 minutes
Released:
Aug 24, 2021
Format:
Podcast episode
Description
सुन्दरकाण्ड ज्ञान यज्ञ के १०वें दिन पूज्य स्वामी आत्मानन्द सरस्वती जी महाराज ने सुंदरकांड की कथा में आगे बताया कि जब हनुमानजी ने सुन्दर लंका को देखा उसके बाद उन्होंने शहर के अंदर प्रवेश का निश्चय किया। उसके लिए उन्होंने रात्रि का समय उचित समझा। अंधेरा होते उन्होंने मच्छड़ के परिमाण का अपना रूप कर लिया और लंका के अंदर जाने लगे। उस समय लंका की प्रसिद्द रक्षिका जिसका नाम लंकिनी था और जो अपने कार्य में अत्यंत दक्ष थी उसने देख लिया की कोई अजनबी चोरी से लंका में प्रवेश कर रहा है। उसने हनुमानजी का सामना किया और कहा की हमारी बिना आज्ञा के कैसे नगर में प्रवेश कर रहे हो? हनुमानजी ने उससे कोई वार्तालाप नहीं किया और सीधे उसे एक मुक्का मारा जिससे वो लहू-लुहान होकर गिर गयी। उठकर वो दोनों हाथ जोड़कर बोली की रामजी के दूत को हमारा नमन है। उसने अपने कथा सुनाई - और बताया की वो एक श्राप के अंतर्गत लंका की रक्षिका बानी हुई है, मूल रूप से वो एक गन्धर्व कन्या है जिसे ब्रह्माजी ने श्राप दिया था की वो लंका की तब तक रक्षा करे जबतक एक वानर के प्रहार से वो घायल न हो जाये। फिर श्राप मुक्त होकर वो ब्रह्मलोक चली आएगी। रामजी के दूत के दर्शन से वो धन्य थी।
Released:
Aug 24, 2021
Format:
Podcast episode
Titles in the series (100)
(मराठी) अध्याय ३ : कर्म योग by Vedanta Ashram Podcasts