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हनुमान चालीसा की पंद्रहवीं चौपाई का हिंदी अर्थ | हनुमान कथा - बाण की खोज
FromKathaDarshan
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Length:
6 minutes
Released:
Feb 9, 2021
Format:
Podcast episode
Description
हनुमान चालीसा की पंद्रहवीं चौपाई का हिंदी अर्थ
हनुमान कथा - बाण की खोज
यम कुबेर दिगपाल जहां ते।
कबि कोबिद कहि सके कहां ते ॥ 15 ॥
तुलसीदासजी लिखते है कि स्वयं धर्मात्मा यमराज, कुबेर, सभी दिक्पाल, पंडित कवि ये सभी हनुमानजी के गुणों का तथा निर्मल यश का गुणगान करते हैं। इन सभी को हनुमत चरित्र सुंदर, आकर्षक, दिव्य एवं भव्य लगा तथा उन्होने हनुमानजी में अनन्त गुण देखे इसीलिए वे कहते हैं कि हम भी हनुमानजी के गुणों का पूरी तरह से वर्णन नहीं कर सकते।
हनुमान कथा - बाण की खोज
यम कुबेर दिगपाल जहां ते।
कबि कोबिद कहि सके कहां ते ॥ 15 ॥
तुलसीदासजी लिखते है कि स्वयं धर्मात्मा यमराज, कुबेर, सभी दिक्पाल, पंडित कवि ये सभी हनुमानजी के गुणों का तथा निर्मल यश का गुणगान करते हैं। इन सभी को हनुमत चरित्र सुंदर, आकर्षक, दिव्य एवं भव्य लगा तथा उन्होने हनुमानजी में अनन्त गुण देखे इसीलिए वे कहते हैं कि हम भी हनुमानजी के गुणों का पूरी तरह से वर्णन नहीं कर सकते।
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Feb 9, 2021
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Podcast episode
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