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हनुमान चालीसा की इक्कीसवीं चौपाई का हिंदी अर्थ | हनुमान कथा - महत्वपूर्ण कार्य
FromKathaDarshan
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Length:
4 minutes
Released:
Feb 16, 2021
Format:
Podcast episode
Description
राम दुआरे तुम रखवारे,
होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥ 21 ॥
श्री रामचंद्रजी के द्वार के आप रखवाले हैं, जिसमें आपकी आज्ञा के बिना किसी को प्रवेश नहीं मिल सकता। श्रीराम कृपा पाने के लिए आपको प्रसन्न करना आवश्यक है।
तुलसीदासजी कहते है कि यदि हमें भगवान तक पहुँचना है तो गुरु, संत और शास्त्रकारों की सेवा करनी चाहिए। संतो से ज्ञान मिलता है, यानी कि सत्संग किया तो मार्गदर्शन मिलता है।
#HanumanChalisa #HanumanKatha
होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥ 21 ॥
श्री रामचंद्रजी के द्वार के आप रखवाले हैं, जिसमें आपकी आज्ञा के बिना किसी को प्रवेश नहीं मिल सकता। श्रीराम कृपा पाने के लिए आपको प्रसन्न करना आवश्यक है।
तुलसीदासजी कहते है कि यदि हमें भगवान तक पहुँचना है तो गुरु, संत और शास्त्रकारों की सेवा करनी चाहिए। संतो से ज्ञान मिलता है, यानी कि सत्संग किया तो मार्गदर्शन मिलता है।
#HanumanChalisa #HanumanKatha
Released:
Feb 16, 2021
Format:
Podcast episode
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