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हनुमान चालीसा की तेइसवीं चौपाई का हिंदी अर्थ | हनुमान कथा शनि दृष्टि

हनुमान चालीसा की तेइसवीं चौपाई का हिंदी अर्थ | हनुमान कथा शनि दृष्टि

FromKathaDarshan


हनुमान चालीसा की तेइसवीं चौपाई का हिंदी अर्थ | हनुमान कथा शनि दृष्टि

FromKathaDarshan

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Length:
5 minutes
Released:
Feb 18, 2021
Format:
Podcast episode

Description

आपन तेज सम्हारो आपै,
तीनों लोक हांक तें कांपै ॥ 23 ॥
आपके सिवाय आपके वेग को कोई नहीं रोक सकता, आपकी गर्जना से तीनों लोक कांप जाते हैं। तुलसीदासजी लिखते हैं कि हनूमानजी का जीवन गतिमान है, इसलिए उनमें तेज है तथा उनकी गति को कोई रोक नहीं सकता। तुलसीदासजी का अभिप्राय यह है कि मानव को अपनी गति, अपना आश्रय निचित करना चाहिए। मनुष्य को अपना सामथ्र्य निचित करना चाहिए, अपना मार्ग निश्चित करना चाहिए।
Released:
Feb 18, 2021
Format:
Podcast episode

Titles in the series (69)

किस्से-कहानियों का संसार अद्भुत है। इतिहास ऐसी रोचक कहानियों से भरा पड़ा है। कहानियों के इस सेक्शन में ऐसी ही पौराणिक कहानियां आपके के लिए लेकर आए हैं। पौराणिक कथाएं संस्कृति और मानवीय मूल्य दोनों से परिचय करवाती हैं। Watch Video at www.youtube.com/kathadarshan