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हनुमान चालीसा की छब्बीसवीं चौपाई का हिंदी अर्थ हनुमान कथा - संकट में मदद
FromKathaDarshan
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Length:
4 minutes
Released:
Feb 22, 2021
Format:
Podcast episode
Description
संकट ते हनुमान छुडावै
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ॥ 26 ॥
हमें भगवान की मूर्ति में चित एकाग्र करने के लिए कहते हैं। ऐसी भगवान की मूर्ति लो हमारे मन में स्थापित हो भगवान की भक्ति दो प्रकार से करनी चाहिए, अन्तर्भक्ति और बहिर्भक्ति।अन्तर्भक्ति भगवान का मन और बुद्धि दोनों से ध्यान करना और भगवान के चरणों में मन और बुद्धि को एकाग्र करना | बहिर्भक्ति यानी जिस भगवान पर प्रेम है, उसका काम करना
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मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ॥ 26 ॥
हमें भगवान की मूर्ति में चित एकाग्र करने के लिए कहते हैं। ऐसी भगवान की मूर्ति लो हमारे मन में स्थापित हो भगवान की भक्ति दो प्रकार से करनी चाहिए, अन्तर्भक्ति और बहिर्भक्ति।अन्तर्भक्ति भगवान का मन और बुद्धि दोनों से ध्यान करना और भगवान के चरणों में मन और बुद्धि को एकाग्र करना | बहिर्भक्ति यानी जिस भगवान पर प्रेम है, उसका काम करना
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Feb 22, 2021
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