Indian Microwave Cook Book
By Tahlina Kaul
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इस पुस्तक को लिखने के लिए मुझे नए तरीके ईजाद करने पड़े और कई पुराने तरीकों का मैंने संशोधन, परिमार्जन, परिवर्तन और पुनर्निरीक्षण भी किया। ऐसे प्रयास पारंपरिक भारतीय व्यंजनों के विषय में बहुत आवश्यक थे, कारण कि उनकी पैठ अभी तक भारतीय घरों में गहरी है। यही नहीं, मैंने पाश्चात्य पाक विधि को अधिक उपयोगी एवं स्वीकार्य बनाने के लिए उनकी प्रचलित विभिन्नताओं में नया आयाम देने की कोशिश भी की है, क्योंकि ये आयाम प्रायः अपरिहार्य हैं।
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Indian Microwave Cook Book - Tahlina Kaul
माइक्रोवेव कुकिंग के विषय में कुछ उपयोगी तथ्य
संसार भर में जो अधिक समय रसोईघर में बिताना पड़ता था, उस समय को माइक्रोवेव ओवन ने काफी कम कर दिया है ओर लोगों के जीवन और पद्धति (खाना पकाने से सम्बन्धित) में आश्चर्यजनक परिवर्तन किया है। कारण यह है कि माइक्रोवेव में खाना जल्दी, सुचारू रूप से और समान रूप से तैयार होता है। इसके अतिरिक्त भोजन के पोषक तत्त्व सुरक्षित रहते हैं, उनका संरक्षण होता है और भोजन के प्राकृतिक स्वाद में कोई परिवर्तन नहीं होता। समाज के सभी पक्ष आजकल स्वास्थ्य के विषय में बहुत सचेत और जागरूक हैं और उनकी इस कामना को माइक्रोवेव पद्धति ने और अधिक बढ़ाया और सबल किया है। आजकल भोजन में कम तेल/घी का प्रयोग किया जाने लगा है, भले ही वह परंपरागत प्रचलित भारतीय या नवीनतम यूरोपीय भोजन हो। अतः कम तेल के प्रयोग को माइक्रोवेव ने साकार रूप दिया है, जो कि स्वास्थ्य के लिए उपयोगी भी है। इस विधि में समय कम लगता है और समय नियंत्रित भी किया जा सकता है, जिससे भोजन के जलने और अधिक पक जाने की संभावना की भी बहुत कम आशंका रहती है। आजकल जीवन गतिप्रधान है, जिसमें कम समय में अधिक कार्य और तुरन्त परिणाम, प्रत्येक व्यक्ति की इच्छा है। माइक्रोवेव समय तो बचाता ही है, बल्कि यह सुगम भी है, क्योंकि इस प्रक्रिया के कारण भोजन एक ही बर्तन में पकाया और परोसा जा सकता है। इसके अतिरिक्त इस पाक शैली की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि भोजन धुआं, चिकनाई और ताप से रहित होता है, जिससे रसोई घर हर समय साफ-सुथरा और ठंडा रहता है। इन लाभों के अतिरिक्त इसमें पुनः गर्म करने की भी सुविधा है।
माइक्रोवेव क्या है और कैसे उसका प्रचलन होता है?
माइक्रोवेव ओवन विद्युतीय ऊर्जा प्रणाली की एक कड़ी या प्रकार है, जिसका हम दैनिक जीवन में किसी न किसी रूप में प्रयोग करते हैं, जैसे-टी.वी. देखना, रेडियो सुनना या खाना पकाना या एक्सरे का प्रयोग। इस प्रणाली का अधिकतम लाभ इसे प्रयोग करने की गति और प्रयोग की विधियों पर निर्भर करता है। अर्थात् किस ताप पर और कितनी बार इसका प्रयोग किया जाता है। माइक्रोवेव का निर्माण इस ढंग से हुआ है कि इसमें विद्युत चुम्बकीय तरंगें उत्पन्न होती हैं और उनका समावेश ‘कुकिंग कैविटी’ में होता है।
अनपके पदार्थों की बाहरी परत को ताप बड़ी आसानी से मिलने के कारण यही ताप भोज्य पदार्थों के भीतर (या केन्द्र में) समाविष्ट हो जाता है। इस प्रक्रिया के लिए और भिन्न-भिन्न परिणाम हासिल करने के लिए कई तरीके हैं, जैसे संचालन (conduction) संवहन/संचरण (Convection) और विकिरण (radiation)। इन प्रक्रियाओं का प्रयोग उबालने, तलने, पकाने और भूनने के लिए किया जाता है, हालांकि जो ताप/ऊर्जा भोजन को पकाती है, उसे देखा नहीं जा सकता तथा ताप का माध्यम (जैसे बिजली, गैस आदि) को हम ताप के लिए प्रयुक्त साधनों के द्वारा देख सकते हैं। इन आधारभूत ताप-आधारित माध्यमों की माइक्रोवेव एक विस्तृत शैली है। माइक्रो तरंगों को हम देख नहीं सकते, कारण कि वे कुकिंग कैविटी में समाविष्ट रहती हैं, फिर भी, वे तीन विभिन्न तरीकों से कार्य सम्पादन करती हैं, जैसे अवशोषण (absorption), संचरण (transmission) और प्रतिबिम्बन (reflection) । अब हम तीनों के विषय में थोड़ा विस्तार से बताएंगे।
अवशोषण : प्रत्येक खाद्य पदार्थ में नमी का तत्त्व मौजूद रहता है, जिससे माइक्रो प्रत्येक अणु को उत्तेजित करता हैं। जो संचरण उच्च ताप के कारण होता है, वही भोज्य पदार्थ को तलने या गर्म होने में मदद करता है, कारण कि माइक्रो तरंगें तुरंत भोजन में समाविष्ट हो जाती हैं, ताप का केन्द्रीयकरण भोजन पदार्थ में होने के कारण, भोजन बहुत जल्दी पक जाता है और इसका मुकाबला कोई अन्य पाक शैली या साधन द्वारा सम्भव नहीं है।
संचरण : माइक्रो किरणें भोजन की नमी वाले तत्त्व को प्रभावित करती हैं और उसके अणुओं द्वारा अवशोषित हो जाती हैं। वे केवल भोजन पर ही अपना प्रभाव डालती हैं और अन्य सब वस्तुओं की अवहेलना करती हुईं सीधी भोजन पर अपना असर प्रकट करती हैं।
प्रतिबिम्बन : क्योंकि माइक्रोवेव किरणों का सीधा सम्बन्ध भोजन के नमी वाले अंश से है, अतः वे नमी वाले अंश से तथा पदार्थों से (जैसे-चीनी बर्तन, लकड़ी, कागज, प्लास्टिक) लांघ कर सीधे मैटल पर प्रतिबिम्बित होती हैं।
माइक्रोवेव के विभिन्न प्रकार
बढ़ती हुई भारतीय मांग के कारण बहुत सी स्थानीय (भारतीय) और बहुराष्ट्रीय कम्पनियों ने विभिन्न माइक्रोवेव ओवनों को बाजार में प्रस्तुत किया है। बाजार में दो तरीकों के ओवन मिलते हैं-एक तो साधारण माइक्रोवेव ओवन है, जो कि भोजन को पकाता है और दुबारा गर्म करता है, और दूसरे माइक्रोवेव में संचरण/संवहन का लाभ भी है। जब हमें विभिन्न संयुक्त प्रकार का भोजन तैयार करना होता है तो दूसरे प्रकार का माइक्रोवेव ओवन (अपनी अधिक गुणवत्ता और उपयोगिता के कारण) अधिक उपयोगी सिद्ध होता है। इसे हम convection microwave के नाम से भी जानते हैं। जब भोजन को अधिक कुरमुरा (crispy) बनाना हो तो कन्वेक्शन विधि उसे गर्म करती है, लाल करती है और बर्तन के तल को सुखाती है। इससे भोजन धीरे पकता है और पानी सूख जाने की सम्भावना भी नहीं रहती। कॉम्बीनेशन विधि से भोजन जल्दी बनाया जा सकता है और इसका प्रयोग भूनने (जैसे-तन्दूरी भोज्य पदार्थ, मुर्गा-चिकन आदि) में किया जाता है, जबकि कन्वेक्शन का प्रयोग केक, पेस्ट्री जैसे क्षुधावर्धक खाद्य पदार्थों के लिए किया जाता है ताकि वे पपड़ीदार हो जाएं। पाठकों की सुविधा और मार्गदर्शन के लिए एक चार्ट दिया जा रहा है जिसमें विभिन्न पकवानों में प्रयुक्त होने वाले बर्तनों का विवरण दिया हुआ है। इसलिए विशेष प्रकार की भोज्य सामग्री बनाने में अलग-अलग बर्तनों का प्रयोग अभीष्ट है और पाठक दी गई तालिका से इस विषय में सहायता ले सकते हैं। मेटल तश्तरी (Metal rack) का प्रयोग केवल कन्वेक्शन कुकिंग और माइक्रो कन्वेक्शन में ही किया जाता है। इसका प्रयोग चांप तन्दूरी, पिज्जा आदि व्यंजनों के लिए भी किया जा सकता है। अन्य इसी प्रकार के व्यंजन तैयार करने के लिए हीट-प्रूफ डिश टर्न टेबल पर रखें ताकि जो बूंदें गिरें, उन्हें मैटल रैक में इकट्ठा किया जा सके। माइक्रो कन्वेक्शन संयुक्त पाक विधि के लिए एक बात का विशेष ध्यान रहे कि जो भी बर्तन पकाने के लिए प्रयुक्त किया जाए, वह अवश्य ‘माइक्रोसेफ’ और ‘हीट प्रूफ’ हो। कन्वेक्शन कुकिंग के लिए बर्तन केवल ‘हीट प्रूफ’ होना चाहिए।
इस पुस्तक का प्रयोग कैसे करें?
यह पुस्तक लिखने का उद्देश्य आपकी माइक्रो पाकविधि को आनंदप्रद बनाना है, न कि इसे दैनिक जीवन का एक निर्जीव साधन बनाना। मैंने सभी पाक विधाओं और तरीकों का संकलन इस ढंग और इतनी सरल भाषा और शैली में किया है कि प्रत्येक सामग्री और पाक-विधि को समझने में जरा-सी कठिनाई भी आपको पेश न आए, हालांकि मैंने सभी सूचनाएं विभिन्न स्रोतों से इकट्ठी की हैं, फिर भी उनमें तारतम्य और ग्राह्यता है। जो भी पदार्थ आप लें, उसे भली प्रकार नाप-तोल कर लें ताकि आप अधिक से अधिक लाभ उठा सकें, क्योंकि यदि पदार्थ ठीक हैं और उसकी मात्रा भी उचित है तो परिणाम अवश्यमेव सुखद होंगे। माइक्रोवेव पर जो पावर बटन लगे हैं, उन्हें समझने के लिए कुछ समय जरूर लगाएं ताकि आप थोड़े समय में ही अभ्यस्त हो जाएं। ऐसा करने से आपको भोजन बनाने के नए प्रयोग और आविष्कार करने का उत्साह बढ़ेगा और प्रेरणा मिलेगी, जैसाकि मैंने अपनी प्रत्येक विधि में नया और अनोखापन लाने की कोशिश की है।
कृपया नीचे लिखी बातों को नोट करें:
चम्मच के माप से तात्पर्य समतल चम्मच से है, यानी चम्मच के भीतर का पदार्थ कोनों तक ही रहे, ऊपर