जानवरों की कहानियाँ
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पशु पक्षियों की रोचक कहानियाँ जो बच्चों और बड़ों दोनों को पसंद आएंगी ।
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जानवरों की कहानियाँ - रवि रंजन गोस्वामी
लेखक परिचय
रवि रंजन गोस्वामी झाँसी (उ. प्र.) के मूल निवासी हैं। आपने बिपिन बिहारी डिग्री कालेज झाँसी से बी.एस सी.एवं आगरा कालेज आगरा से एम.एस सी.(भौतिकी) की शिक्षा अर्जित की। आप भारतीय राजस्व सेवा में सहायक आयुक्त, सीमा शुल्क (निवारक) के पद से सेवानिवृत होकर कोचीन, केरल में निवास करते हुए लेखन कार्य में संलग्न हैं ।
जानवरों की कहानियाँ रोचक कहानियों का संग्रह है। आशा है आप को अवश्य पसंद आएगा।रवि रंजन गोस्वामी की अन्य प्रकाशित पुस्तकों में नाकाम दुश्मन, लुटेरों का टीला चंबल, द गोल्ड सिंडीकेट (उपन्यास), इट सो हैपन्ड(शाॅर्ट स्टोरीस), पलायन (उपन्यास) एवं नवीन बाल कथाएँ शामिल हैं।
पुस्तक परिचय
इस पुस्तक में पशु पक्षियों और उनके मनुष्य के साथ संबंधों की रोचक कहानियां हैं। आशा है आप सभी को पसंद आएँगी।
© रवि रंजन गोस्वामी
2023.
1
पालतू कौआ
हमारी लोक कथाओं और पौराणिक कहानियों में पशु पक्षियों को भी महत्वपूर्ण भूमिका में रखा गया है। सनातन संस्कृति में सभी जीव जंतुओं का सम्मान है। रीतिरिवाजों के माध्यम से भी मनुष्यों के अलावा पशु पक्षियों को भी सामाजिक और धार्मिक कार्यों में शामिल किया गया है। किसी दिन कुत्ते का ज्यादा महत्त्व है तो किसी दिन कौए का। ये सबसे आसान उदाहरण है। फिर गाय का सम्मान तो सारे देश में है। विशेष कर हिन्दुओं के बीच। बहुत से घरों में पहली रोटी गाय के नाम से निकाली जाती है। और गाय को खिलाई जाती है. अनेक देवी और देवताओं के वाहन भी कोई पशु या पक्षी हैं। गणेश जी का वाहन चूहा, तो शिव का वाहन नंदी बैल। दुर्गा देवी सिंह पर सवारी करती है तो विष्णु का वाहन पक्षी गरुण है। कार्तिकेय मोर की सवारी करते है। मृत्यु के देवता यमराज का वाहन भैसा है।
रामकथा कहने में काकभुशुण्डि, जो कौवे के शरीर वाले एक ऋषि थे का कोई मुकाबला नहीं। फिर राम की वानर सेना के पराक्रम को कौन नहीं जानता।
इन सारी बातों को याद करने का कारण कौए ही हैं।
मेरी कालोनी में मेरे आवास के ठीक बाहर एक अंजाना बड़ा पेड़ है। किसी ने बताया था चेरी का पेड़ है। उसमें छोटे छोटे बेर जैसे फल लगते हैं जिनमें न पक्षियों की रूचि है न मनुष्यों की। उन्हें कोई लेता नहीं। सब झड़