हाइपस
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सागर की लहरों में बहकर आए, तट पर छटपटाते एक समुद्री घोड़े की जान छः साल के एक बच्चे द्वारा बचाई जाती है। उसे अपने घर ले जाकर वह बच्चा उसकी देखभाल करता है।
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हाइपस - Erick Carballo
इस पुस्तक में प्रस्तुत कहानी एक काल्पनिक कथा है। कुछ नाम, पात्र, स्थान व घटनायें या तो लेखक की कल्पना की उपज हैं या फ़िर उनका उपयोग कल्पित मात्र है। अतः वास्तविकता से उनका कोई सरोकार नहीं है। किन्हीं भी जीवित या मृत व्यक्तियों, वास्तविक घटनाओं, स्थानों अथवा संस्थाओं से कोई भी समानता संयोग मात्र है।
C:\Users\Angeles\Pictures\HIPUS - DIBUJO.jpgपहला अध्याय
छः साल का साहिल अपने घर के प्लेरूम में अकेला ही खेला करता था। उसके मम्मी-पापा, अनिल और अनीता, एक खुशहाल ज़िन्दगी जी रहे थे। अनिल एक आर्किटेक्ट था व अनीता एक ट्रेवल एजेंट थी।
साहिल का ख्याल रखने के लिए उन्होंने एक बाई को काम पर रखा हुआ था।
अनीता और उनकी बाई रसोईघर में खाना बना रही थीं। अनिल के घर आने का समय भी हो गया था।
रोशनी, ज़रा टेबल लगा दो प्लीज़।
अनीता ने बाई से कहा।
जी मेमसाब, अभी लगाती हूँ।
उसने जवाब दिया।
अनीता फ्रिज के पास चली गई। फ्रिज खोलकर उसने एक पानी की बोतल निकाल ली।
कितनी गर्मी है!
उसनी कहा। द्वारका में इतनी गर्मी तो आज तक कभी नहीं पड़ी।
क्या आपके लिए नींबू पानी बना दूं, मेमसाब?
"नहीं, नहीं, उसकी कोई