Super-Hit Jokes: To keep you in good humour
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Super-Hit Jokes - EDITORIAL BOARD
'श्रीमती जी, मैं प्यानो ठीक करने आया हूं।'
'क्या? मगर मैंने तो प्यानो ठीक करने के लिए किसी को नहीं बुलाया।'
'जी हां, आपने नहीं. आपके पड़ोसियों ने बुलाया है।'
छगन भाई बच्चे को बच्चा—गाड़ी में लेकर टहलाने निकले। जो भी रास्ते में मिला, रोककर बोला—'क्या साहब, अपने बच्चे को टहलाने निकले हैं?'
दो—चार बार उन्होंने जब्त किया, फिर बोल पड़े—'नहीं साहब, पड़ोसी का है।'
पूछने वाले ने सुनते ही जरा और झुककर देखा। फिर बोला—'तभी मेरे मन में शंका हो रही थी कि इसकी शक्ल आपके पड़ोसी से क्यों मिल रही है।'
सुरेश (अजय से)—'तुम मेरी शादी में जरूर आओगे न?'
अजय—'क्यों नहीं? मैं वैसा व्यक्ति नहीं हूं जो अपने दोस्त को मुसीबत के समय अकेला छोड़ देते है।'
प्रश्न—'बाल उगाने वाला तेल गंजे सिर पर मलने से क्या—क्या होता है?'
उत्तर—'उगलियों पर बाल उग आते हैँ।'
एक महिला (रिक्शे वाले से)—'मैं तुम्हारे रिक्शे से उतरकर जा रही थी, फिर भी तुम ने भाड़ा क्यों नहीं मांगा?'
रिक्शा वाला—'जी, मैं शरीफ औरतों से पैसे नहीं मांगता।'
महिला—'अगर मैं बिना भाड़ा दिए चली जाती तो?'
रिक्शा वाला—'तो मैं समझ जाता कि आप शरीफ नहीं हैं और फिर मैं भाड़ा मांग लेता।'
खाना खाते समय भी अपने पति को उपन्यास पढ़ते देखकर सरला रसोई से निकली और उपन्यास छीनने का प्रयास करने लगी। पति ने उस उपन्यास को न देने का प्रयास करते हुए कहा—'मैं यह तुम्हें कैसे दे सकता हूं? यही तो मेरी जान है।'
'क्या कहा? 'पत्नी ने आंखें तरेरकर पूछा, 'यह तुम्हारी जान है तो मैं क्या हूं?'
'तुम मेरी जान की दुश्मन।' पति ने कहा।
प्रोफेसर—'देखो रामू, बाहर जो आदमी खड़ा है, उससे तुमने कह दिया न कि मैं घर पर नहीं हूँ?'
रामू—'सरकार, कह तो दिया पर यह विश्वास नहीं करता।'
प्रोफेसर—'ओह, तो मुझे ही जाकर कहना पड़ेगा। मेरी बात तो यह मानेगा।'
एक मकान में गैस का सिलेंडर फटने से आग लग गई। सिलेंडर कुछ इस तरह फटा कि रसोई में मौजूद पतिं—पत्नी घर से बाहर जाकर गिरे। दोनों की अस्पताल मेँ जाकर आंखें खुलीं।
बाद में पत्नी ने किसी को बताया—'पन्द्रह सालों में यह पहला मौका था, जब मैं अपने पति के साथ घर से निकली थी।'
एक टी वी. सेल्समैन एक गृहिणी को अपनी कम्पनी के नये कलर टी.वी. की डिमॅान्स्ट्रेशन दे रहा था। यह दिखाने के लिए कि रिमोट कन्ट्रोल कितना शक्तिशाली था, वह टी.वी. को बैठक में छोड़कर रसोई में गया और वहीं से रिमोट कन्ट्रोल से उसने टी.वी. को ऑन करके उस पर चैनल बदलकर दिखाया।
एक सप्ताह बाद वह फिर वहां पहुंचा और उसने गृहिणी से टी.वी. के परफार्मेंस की बाबत सवाल किया।
'चलता तो बढिया हैँ।'—मैं—गृहिणी बोली—'लेकिन ये चैनल बदलने के लिए रिमोट लेकर हर बार रसोई में जाना बड़ी जहमत का काम है।'
'बच्चों के जन्मदिन पर बड़ों को क्यों बुलाते है?'
'जी, क्योंकि बड़े लोग ही महंगे तोहफे दे सकते है।' बच्चे ने जवाब में कहा।
सैन्सर ब्यूरो के सन्मुख एक रिपोर्टर पेश किया गया। ब्यूरो चीफ ने कहा—'तुमने ढेर सारी झूठी बातें लिखी हैं।'
'मुझे खेद है—'रिपोर्टर हड़बड़ाता हुआ बोला, 'जो दण्ड आप देगे वह मुझे मान्य होगा।'
'जरूर मिलेगा! तुम्हें सरकारी पत्र का मुख्य सम्पादक बनाया जाता है।'
नई भरती हुई खूबसूरत सेक्रेटरी ने बॅास के सामने टाइप की हुई चिटठी रखी। बॉस ने चिटठी का मुआयना किया और बोला—'अब तो तुम्हारी टाइपिंग सुधर रही है।'
'थैक्यू सर।' सेक्रेटरी इठलाकर बोली।
'मुझे सिर्फ छ: ही गलतियां दिखाई दे रही हैं।'
'थैक्यू सर।'
'अब जरा दूसरी लाइन देखें।'
वार्ड के फोन की घन्टी बजी। ड्यूटी पर तैनात नर्स ने फोन उठाया तो उससे पूछा गया—'क्या आप बता सकती है कि ग्यारह नम्बर कमरे वाले प्रवीण की तबीयत अब कैसी है?'
'वह अब बिलकुल ठीक है।' नर्स बोली—'कल उनकी छुटटी हो रही है। आप कौन बोल रहे हैं?'
'प्रवीण। कमरे मेँ तो कोई मुझे कुछ बताता ही नहीं। इसलिए पी.सी.ओ. से फोन किया है।'
भुलक्कड़ पति—'अब बताओ भुलक्कड़ कौन है? तुम बस में अपना छाता छोड़कर चली आ रही थी, मैं उसे तो ले ही आया साथ ही अपना छाता भी लाना नहीं भूला।'
श्रीमतीजी—'मगर श्रीमान्, घर से तो हम में से कोई भी छाता लेकर नहीं चला था।'
'डॉक्टर साहब।' मरीज ने बताया—'मेरी श्रवण—शक्ति इतनी कमजोर हो गई है कि मुझे अपने खांसने तक की आवाज भी सुनाई नहीं देती
डॅाक्टर ने उसे गोलियों को एक शीशी दी और बोले—'दो गोलियां रोज सोने से पहले खा लिया कीजिए।'
'इन गोलियों के इस्तेमाल से मुझे सुनाई देने लगेगा?' मरीज ने आशापूर्ण स्वर में पूछा।
'नहीं'—डॅाक्टर गम्भीर स्वर में बोला—'हमसे तुम्हारी खांसी की आवाज तेज हो जाएगी।'
'मैं एक ऐसी जगह जानता हूं, जहां नौजवान लड़कियां मनकों की एक माला के अलावा कुछ भी नहीं पहनती।'
'अच्छा, ऐसी कौन—सी जगह है?'
'उनकी गरदन।'
विवाहित भाइयों को नेक सलाह—
'केवल आज की सोचो। खाओ, पियो और मौज करो, क्योंकि हो सकता है, कल आपकी बीवी मायके से वापस आ जाए।'
'कैसे हैं जनाब?'
'बढ़िया।'
'बीवी कैसी है?'
'न होने से अच्छी है।'
डॉक्टर— (बेहद खस्ताहाल मरीज है)—'क्या कराना चाहते है आप? डॉक्टरी मुआयना या पोस्टमार्टम?'
'मम्मी, तुम्हें उस प्लेट की याद है, जिसकी तुम्हें हमेशा चिन्ता लगी रहती थी कि वह टूट न जाए?'
'हां, क्यों?'
'तुम्हारी चिंता खत्म हो गई।'
रोगी—'डॉक्टर साहब, जरा देखिए तो मेरे सीने में दिल है या नहीं?'
डॉक्टर—'पहले तुम बतलाओ कि तुम्हारी जेब में पैसे है या नहीं?'
पत्नी को पहला बच्चा होने वाला था। दूसरे महीने पति उसे चेकअप के लिए अस्पताल ले गया। लेडी डॉक्टर ने पत्नी का मुआयना किया, फिर उसके पेट पर एक मोहर लगा दी और उन्हें चलता कर दिया।
पति—पत्नी घर पहुंचे; पति उत्सुकता से मरा जा रहा था। उसने पत्नी के पेट का स्वय मुआयना किया और मोहर का अंकन पढ़ने की कोशिश की। लेकिन अक्षर इतने छोटे थे कि मोहर पढ़ी नहीं जा रहीं थी। पति एक मैग्रीफाइंग ग्लास (छोटी चीज को बड़ा करके दिखाने वाला शीशा) ले आया और इसकी सहायता से उसने मोहर को पढ़ा। लिखा था—'मामूली रोशनी में और बिना मैंग्नीफाइंग ग्लास के जब तुम अक्षर पढ़ सको तो पत्नी को अस्पताल ले आना।'
एक पत्रिका नए रूप में निकलने लगी। दो लेखको में वार्तालाप—
'यह नया रूप भी पहले जैसा ही है।'
'नहीं, नजरिया बदल कर प्रोग्रेसिव हो गया है।'
'कैसे?'
'पहले त्वचा की सुरक्षा पर लेख छपते थे, अब उसमें मुंहासे दूर करने की विधियां बताई जाती हैं।'
पहले एक बांझ औरत साधू—महात्मा के पास पूछने जाती थी कि उसको बच्चा कब होगा। आजकल वह डॉक्टर के पास जाती है।
बूढ़े दादा को जिन्हें अखबार पढ़ने का शौक नहीं था, पता चला कि उनका पोता हवा में उड़ कर सितारों पर जाने वाला बनना चाहता है।
उसे बुलाकर डांटते हुए बोले—'क्या बकवास है! हमारे परिवार में आज तक किसी ने सरकस में काम नहीं किया है।'
क्लब में ताश का खेल हो रहा था। एक खिलाड़ी ने अपनी घड़ी देखी और पत्ते फेंक दिए।
'क्या हुआ?' दोस्तों ने