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Sardar Patel
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Ebook77 pages26 minutes

Sardar Patel

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सरदार वल्लभ भाई पटेल को भारत गणराज्य के संस्थापको में से एक माना जाता है। पटेल ने बाल्यकाल से अन्याय का विरोध् करना सीखा और अपने कर्त्तव्य को पूजा। उन्होंने सर्वसामान्य की सेवा करने के उद्देश्य से राजनीति शुरू की और अपनी ईमानदारी एवं लगन की मदद से वे जल्द ही लोकप्रिय हो गए। उन्होंने किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए रात-दिन एक कर दिया। कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में अपने कार्य को आगे बढ़ाया और जेल यात्रा भी की। गुजरात सरकार सरदार पटेल के सम्मान में उनकी 138वीं जयंती के अवसर पर सरदार सरोवर बांध के पास नर्मदा नदी में साधु बेट (घाटी) पर ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ (एकता की प्रतिमा) नामक एक विशालकाय प्रतिमा का निर्माण करवा रही है। यह प्रतिमा विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी। देश के सच्चे देशभक्त और भारत निर्माता को यह एक श्रद्धाजलि होगी।
Languageहिन्दी
PublisherDiamond Books
Release dateSep 15, 2022
ISBN9789352610259
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    Sardar Patel - Renu Saran

    सरदार पटेल

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    eISBN: 978-93-5261-025-9

    © लेखकाधीन

    प्रकाशक: डायमंड पॉकेट बुक्स (प्रा.) लि.

    X-30 ओखला इंडस्ट्रियल एरिया, फेज-II

    नई दिल्ली-110020

    फोन: 011-40712100, 41611861

    फैक्स: 011-41611866

    ई-मेल: ebooks@dpb.in

    वेबसाइट: www.diamondbook.in

    संस्करण: 2016

    सरदार पटेल

    लेखक: रेनु सरन

    प्रकाशकीय

    ‘लौह पुरुष’ के नाम से विख्यात भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म गुजरात में हुआ था। बचपन से ही निडर प्रकृति के पटेल पढ़ने-लिखने में अत्यंत तेज थे। वे गलत बातों का हमेशा विरोध करते थे, भले ही इसके बदले में उन्हें सजा मिलती रही हो। इसी वजह से उन्होंने वकालत का पेशा अपनाया और सच का साथ देने लगे। गांधीजी से मुलाकात के बाद उनका रुझान राजनीति की तरफ हुआ और वे अहिंसात्मक आंदोलन का समर्थन करने लगे। उन्होंने न सिर्फ अंग्रेज सरकार से किसानों का लगान माफ करवाया, बल्कि देशी राज्यों के राजाओं से बात करके भारत को एकजुट करने का श्रेय भी प्राप्त किया। अंग्रेजी सरकार से लोहा लेने के उनके फौलादी इरादों ने देश की स्वतंत्रता प्राप्ति में अहम भूमिका अभिनीत की। अंग्रेजों के अत्याचारों को उन्होंने धैर्यपूर्वक सहा। उन्हें उनकी मां और बड़े भाई के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए शर्त रखी गई, मगर उन्होंने अपने देश की खातिर शर्त नहीं मानी।

    गुजरात सरकार सरदार पटेल के सम्मान में उनकी 138वीं जयंती के अवसर पर सरदार सरोवर बांध के पास नर्मदा नदी में साधु बेट (घाटी) पर ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी (एकता की प्रतिमा)’ नामक एक विशालकाय प्रतिमा का निर्माण करवा रही है। यह प्रतिमा विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी। अपने बेस से इसकी कुल ऊंचाई 58 मीटर और 182 मीटर की प्रतिमा का आधार स्तर मिलकर 240 मीटर होगी। प्रतिमा का निमार्ण इस्पात, प्रबलति सीमेंट कंक्रीट व पीतल कोटिंग से किया जाएगा। देश के सच्चे देशभक्त और भारत निर्माता को यह एक श्रृद्धांजलि होगी।

    एक साधारण गरीब किसान परिवार में जन्म लेकर राजनीति के सर्वोच्च शिखर को स्पर्श करने वाले पटेल का व्यक्तित्व धैर्य, त्याग, जोश, हिम्मत, सच्चाई, बहादुरी का प्रतिरूप है। पटेल जैसे वीर विरले ही होते हैं, जिनके जन्म लेने

    से भारत माता की धरती भी गौरवान्वित अनुभव करती है।

    -नरेंद्र कुमार वर्मा

    विषय सूची

    1. जन्म और शिक्षा

    2. गलत बातों का विरोध

    3. कर्तव्य ही पूजा

    4. राजनीति में प्रवेश

    5. किसानों का

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