Black Days of India
()
About this ebook
ये किताब आप पढ़े इसके पहले में ये प्राथना करता हु की इस किताब में 1947 और उसके बाद की कहानी हे, और यहाँ पर कई बड़े बड़े नेताओ के बारे में लेख दिए गए हे, अयोध्या और बाबरी मस्जिद जैसे मुद्दे को यहां पर लिखने से पहले मैं आप सभी को प्रार्थना करना चाहता हूं, शुरुआत से ही मेरे द्वारा लिखे गए हर शब्द, वाक्य और दिए गए हर तस्वीर से सिर्फ और सिर्फ आपको समझाने का प्रयास किया गया है, किसी भी धर्म और किसी के भी समर्थको को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं कहा गया, यह किताब केवल शैक्षणिक रुप से प्रस्तुत की गयी हे, इसका इस्तेमाल केवल और केवल आप अपने शिक्षा को बढ़ाने के लिए करें, अपनी जानकारी को बढ़ाने के लिए करें, मैंने यह मुद्दा किसी पब्लिक डोमेन जो गवर्नमेंट की है, पुराने अख़बार , पुराने आर्टिकल्स और इंटरव्यू को पढ़कर इकट्ठा कर किताब का रूप दिया हे, व्यक्तिगत रुप से कहीं भी जाकर मैंने जानकारी हासिल नहीं कि, यहां पर अगर कोई मुद्दा ऐसा हो की आपको ठेस पहुंचे, तो ये मत समझिएगा कि मैंने इसे प्रसारित किया है,ये मुद्दा पहले से ही किसी न्यूज़ या किसी रिपोर्टर द्वारा प्रसारित हो चूका हे और मेंने सिर्फ सारी इनफार्मेशन एक जगह जमा कि है. ।
Table of Content
Chapter 1 : 1947 की कहानी
Chapter 2 : 16 मई का प्रस्ताव
Chapter 3 : कैसे चुने गए पहले प्रधानमंत्री
Chapter 4 : भारत के आखरी वाइसरॉय Louis Mountbatten
Chapter 5 : बटवारे में पाकिस्तान को क्या मिला ?
Chapter 6 : बटवारे के काले दिन
Chapter 7 : डॉ. आंबेडकर और कोंग्रस का सामना
Chapter 8 : कश्मीर किसका हे ?
Chapter 9 : क्या हे 370 की कलम
Chapter 10 : 1962 चीन के साथ युद्ध
Chapter 11 : 1965 के युद्ध की कहानी : अतुल्य पराक्रम की कहानी
Chapter 12 : बांग्लादेश की आज़ादी : 1971 का युद्ध
Chapter 13 : शिमला समजोता
Chapter 14 : आपातकाल
14.1 इमरजेंसी प्रोविजन
Chapter 15 : इंदिरा गाँधी की इमरजेंसी 1975
15.1 इमरजेंसी के बाद देश में क्या हुवा ,
Chapter 16 : खालिस्तान क्या है ?
16.1 सीखो की कहानी
16.2 डायस्पोरा क्या है
16.3 आनंदपुर साहिब रिवॉल्यूशन 1973
16.4 जरनैलसिंह भिंडरावाला
16.5 पंजाब की हालत
16.6 ऑपरेशन ब्लू स्टार
16.7 ऑपरेशन ब्लैक थंडर
16.8 ऑप्रेशन "वूडरोज़ "
Chapter 17 : कारगिल युद्ध 1999 : विरो की कहानी
Chapter 18 : बाबरी मस्जिद : 1526 से 2019 की कहानी
Abhishek Patel
My name is abhishek patel. I am author of this book. I am Professional biographical writer.
Read more from Abhishek Patel
दुनिया पे राज कैसे करोगे ? The Ruler Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsइ-कॉमर्स के राजा कैसे बने ? अमेज़ॉन,फ्लिपकार्ट,मीशो Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsचाणक्य एक योद्धा : राजा चन्द्रगुप्त मौर्य, राजा बिन्दुसार, राजा अशोका की कहानी Rating: 0 out of 5 stars0 ratings
Related to Black Days of India
Related ebooks
ईट सो व्हॉट! शाकाहार की शक्ति : वजन घटाने, रोग मुक्त, दवा मुक्त, स्वस्थ लंबे जीवन के लिए पोषण गाइड Rating: 3 out of 5 stars3/5भारत एक और विभाजन की और Rating: 5 out of 5 stars5/5Aayina Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsRajiv Ratan Gandhi Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकहानी नए भारत की: Politics, #1 Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsPatrakar Gandhi (पत्रकार गाँधी) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsGandhi & Savarkar Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsGandhi Aur Ambedkar (गांधी और अंबेडकर) Rating: 0 out of 5 stars0 ratings21 Vi Sadi Ka Rama Rajya Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsBuland Bharat : Modi ji ki Nitiyaa Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsAise Banega Vishav Guru Bharat Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsशब्दकोख: Shabdkosh, #1 Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsDr. Bhimrao Ambedkar - (डॉ. भीमराव अम्बेडकर) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsSatyarth Prakash Me Itihaas Vimarsha (सत्यार्थ प्रकाश में इतिहास विमर्श) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsJai bheem jai mee aur baba saheb Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsचर्चित शीर्षक Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsRemember Me Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsSwachh Bharat Kranti ( स्वच्छ भारत क्रांति) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsRashtriya Nayak : Dr. Mohan Bhagwat Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsBharat Gaurav Rishi Sunak (भारत गौरव ऋषि सुनक) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsBharat Ki Videsh Neeti Rakesh Aarya Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsDesh Ka Vibhajan Aur Savarkar (देश का विभाजन और सावरकर) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsमानव धर्म (In Hindi) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsAzadi Ke 75 Shourya Prasang (आजादी के 75 शौर्य प्रसंग) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsयुवान: युवान मासिक पत्रिका, #10 Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsBadalta Bharat Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsमानव Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsराष्ट्र निर्माता सरदार पटेल Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsजीवन और समस्या Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsमुझे न्याय दो Rating: 0 out of 5 stars0 ratings
Related categories
Reviews for Black Days of India
0 ratings0 reviews
Book preview
Black Days of India - Abhishek Patel
3d617d29-43c0-4a11-9b6c-96c751bb89fb - Copy.jpg Publisher : Abhishek Mukti – Self Publisher
Ahmedabad 380024, Gujarat
Mail id : muktiinfosoft@gmail.com
All Rights Reserved – Abhishek Mukti
No part of this book may be used reproduced in any manner whatsoever without written permission from the holder of the copyrights
First Copy : 2019, 1000 copies
Writer : Abhishek Mukti
Story Writer & Biographical writer
Ahmedabad , Gujarat
Book Design : JANVI S PATEL
Book Cover Designer, Logo Maker, wedding album maker , Proffessional Photo Editor
Ahmedabad , Gujarat
––––––––
Digital rights management (DRM) is a systematic approach to copyright protection for digital media
ये किताब आप पढ़े इसके पहले में ये प्राथना करता हु की इस किताब में 1947 और उसके बाद की कहानी हे, और यहाँ पर कई बड़े बड़े नेताओ के बारे में लेख दिए गए हे, अयोध्या और बाबरी मस्जिद जैसे मुद्दे को यहां पर लिखने से पहले मैं आप सभी को प्रार्थना करना चाहता हूं, शुरुआत से ही मेरे द्वारा लिखे गए हर शब्द, वाक्य और दिए गए हर तस्वीर से सिर्फ और सिर्फ आपको समझाने का प्रयास किया गया है, किसी भी धर्म और किसी के भी समर्थको को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं कहा गया, यह किताब केवल शैक्षणिक रुप से प्रस्तुत की गयी हे, इसका इस्तेमाल केवल और केवल आप अपने शिक्षा को बढ़ाने के लिए करें, अपनी जानकारी को बढ़ाने के लिए करें, मैंने यह मुद्दा किसी पब्लिक डोमेन जो गवर्नमेंट की है, पुराने अख़बार , पुराने आर्टिकल्स और इंटरव्यू को पढ़कर इकट्ठा कर किताब का रूप दिया हे, व्यक्तिगत रुप से कहीं भी जाकर मैंने जानकारी हासिल नहीं कि, यहां पर अगर कोई मुद्दा ऐसा हो की आपको ठेस पहुंचे, तो ये मत समझिएगा कि मैंने इसे प्रसारित किया है,ये मुद्दा पहले से ही किसी न्यूज़ या किसी रिपोर्टर द्वारा प्रसारित हो चूका हे और मेंने सिर्फ सारी इनफार्मेशन एक जगह जमा कि है. ।
Table of Content
Chapter 1 : 1947 की कहानी
Chapter 2 : 16 मई का प्रस्ताव
Chapter 3 : कैसे चुने गए पहले प्रधानमंत्री
Chapter 4 : भारत के आखरी वाइसरॉय Louis Mountbatten
Chapter 5 : बटवारे में पाकिस्तान को क्या मिला ?
Chapter 6 : बटवारे के काले दिन
Chapter 7 : डॉ. आंबेडकर और कोंग्रस का सामना
Chapter 8 : कश्मीर किसका हे ?
Chapter 9 : क्या हे 370 की कलम
Chapter 10 : 1962 चीन के साथ युद्ध
Chapter 11 : 1965 के युद्ध की कहानी : अतुल्य पराक्रम की कहानी
Chapter 12 : बांग्लादेश की आज़ादी : 1971 का युद्ध
Chapter 13 : शिमला समजोता
Chapter 14 : आपातकाल
14.1 इमरजेंसी प्रोविजन
Chapter 15 : इंदिरा गाँधी की इमरजेंसी 1975
15.1 इमरजेंसी के बाद देश में क्या हुवा ,
Chapter 16 : खालिस्तान क्या है ?
16.1 सीखो की कहानी
16.2 डायस्पोरा क्या है
16.3 आनंदपुर साहिब रिवॉल्यूशन 1973
16.4 जरनैलसिंह भिंडरावाला
16.5 पंजाब की हालत
16.6 ऑपरेशन ब्लू स्टार
16.7 ऑपरेशन ब्लैक थंडर
16.8 ऑप्रेशन वूडरोज़
Chapter 17 : कारगिल युद्ध 1999 : विरो की कहानी
Chapter 18 : बाबरी मस्जिद : 1526 से 2019 की कहानी
Chapter 1 : 1947 की कहानी
इस किताब का नाम हे BLACK DAYS OF INDIA
मतलब की भारत के काले दिन, वैसे तो भारत में आपातकाल को काला दिन मानते हे लेकिन आपातकाल की बात करने से पहले हम बात करेंगे 1947 से पहले की ,
1944 में शुरू हुवा अंग्रेज भारत छोड़ो का आंदोलन , जिसमे महात्मा गाँधी और सभी क्रांतिकारिओं ने अपनी-अपनी क्षमता से विरोध किया , और फिर अंग्रेज सरकार ने सभी नेताओ को गिरफ्तार कर लिया इसके साथ अंग्रेजो का भयानक अत्याचार शरू हुवा, लोगो पर लाढिया बरसाई गयी , कई लोगो को फांसी पर लटकाया गया लेकिन दूसरे विश्व युद्ध में फसी ब्रिटैन को अहेसास हो गया की अगर हमने सभी ब्रिटैन कॉलोनी की मदद नहीं ली तो वो युद्ध हार जायेगे इसलिए उन्होंने पूर्ण स्वराज की मांग को स्वीकार कर लिया और सभी नेताओ को छोड़ दिया, अंग्रेजो ने भारत छोड़ने का इरादा कर लिया था, उस समय कांग्रेस भारत की सबसे बड़ी और एकमात्र राजकीय पार्टी थी , अंग्रेज भारत देश को कांग्रेस को देकर चले जाना चाहते थे, कांग्रेस पार्टी उस वक्त सबसे बड़ा संगठन था, कांग्रेस को औपचारिक रूप से महात्मा गाँधी चला रहे थे, महात्मा गाँधी के सबसे बड़े दो स्तंभ थे, एक जवाहर लाल नहेरु और दूसरी और थे सरदार वल्लभभाई पटेल, अंग्रेज तो चले जाना चाहते थे ,लेकिन वो भारत को बाट कर चले जाना चाहते थे, उस वक्त जब अंग्रेजो ने भारत छोड़ने का इरादा किया तभी All-India Muslim League के लीडर मुहम्मद अली जिन्नाह ने अलग देश की मांग की, जिसकी वजह से पुरे भारत में चिंता का माहौल था, क्योकि जिन्नाह किसीभी बात को समझने को त्यार नहीं थे , ना तो वे महात्मा गाँधी की मानते थे और ना कांग्रेस की बात सुन ने को त्यार थे, उस समय के भारत के वाइसरॉय ने सभी प्रांतो के नेता और कांग्रेस पार्टी को बुलाया और उनके सामने २ प्रस्ताव रखे, पहला प्रस्ताव (16 मई का प्रस्ताव ) था की भारत में एक ही संगढन बनाया जाये जिसमे सभी प्रान्त के लीडर को एक-एक विभाग दिया जायेगा , कोई भी विभाग दूसरे विभाग को परेशान नहीं करेगा , और दूसरा प्रस्ताव था की भारत का बटवारा हो जिसमे मुसलमानो को अलग से पाकिस्तान दिया जायेगा और बंगाल , पंजाब के मुस्लिमो के लिए भी अलग अलग बटवारे होंगे , लेकिन कांग्रेस पार्टी इसके सख्त खिलाफ थी, वो भारत का बटवारा नहीं चाहते थे और जिन्नाह को भी कटा - बटा पाकिस्तान नहीं चाहिए था, उन्हें तो पाकिस्तान से जूनागढ़, बंगाल और पूरा पंजाब चाहिए था , जिसके वजसे सभी नेताओ ने और कांग्रेस ने इस प्रस्ताव को समझने के लिए कुछ दिनों का समय मांगा, क्योकि जिन्नाह देश में ग्रुपिंग करवाना चाहते थे , उनका कहना था की अगर मुसलमानो को अलग पाकिस्तान नहीं दिया गया तो हमें अलग से असेम्बली चाहिए , जिस पर सिर्फ और सिर्फ मुसलमानो का ही हक़ होगा , उस में हम जो नियम बनाये वो होंगे, जिसके चलते अगर अलग पाकिस्तान नहीं बनता तो भारत देश में तीन एसेम्बली बनायीं जाती , एक कांग्रेस की दूसरी मुसलमानो की और तीसरी रियासतों की, कांग्रेस ने दूसरे प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था और पहले प्रस्ताव पर सोच कर जवाब देने के लिए समय मांगा था, जिन्नाह ने भी अपना प्रस्ताव रखा और कहा की हम भी पहले प्रस्ताव पर विचार कर सकते हे, लेकिन उसकी सरते हम बनाये गे, अगर हमें हमारी कम वस्ति होने की वजसे डिफेंस में रखा जाता हे तो ग्रुपिंग का नियम होगा की कोई भी डिपार्टमेंट किसी भी समय यूनियन का साथ छोड़कर अलग हो सकता हे. ।
Chapter 2 : 16 मई का प्रस्ताव
उसके बाद सभी कांग्रेस ने एक बैठक बुलाई। ........
गांधीजीं : मेरी नजर में तो 16 मई का प्रस्ताव देश के विभाजन का प्रस्ताव हे.
मौलाना आजाद : नहीं गांधीजी , 16 मई का प्रस्ताव हमारे लिए और कांग्रेस के लिए अच्छा हे, क्योकि इसमें ना तो पाकिस्तान बनेगा और ना माइनॉरिटी को ज्यादा हक़
नहेरु : लेकिन ग्रुपिंग से तो भारत का वैसे भी बटवारा हो जायेगा , पाकिस्तान नहीं बनेगा लेकिन हर गली लुकड़ पर एक अलग पाकिस्तान होगा , जाती धरम के नाम पर लड़ाई होगी
मौलाना आज़ाद : लेकिन जवाहर जी भारत तो एक ही रहेगा , भले ही फिर उसमे ग्रुपिंग हो , अलग अलग सरकार होगी , सभी सरकार ऐ अपने तरीको से सरकार चलाएंगे
सरदार : मौलाना , इस ग्रुपिंग के सिद्धांत को मान लेना का मतलब हे की एक तरफ से पाकिस्तान को मान लेना , इस से भारत एक नहीं रहेगा
मौलाना आजाद : तो क्या सरदार हमें 16 मई के प्रस्ताव को अस्वीकार करना चाहिए
सरदार : अभी इसकी घोषणा नहीं करनी चाहिए , पहले देख ले ते हे की जिन्नाह क्या चाहता हे.
दूसरे दिन सरदार को एक खबर मिलती हे की अंग्रेज जिन्नाह के हक़ में फैसला ले सकती हे क्योकि जिन्नाह ने दोनों प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया हे और कांग्रेस ने किसी भी प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया हे
जिसके चलते सरदार ने एक तत्काल बैठक बुलाई। .....
nehru-gandhi-patel-wikimedia.jpgसरदार : सत्ता हमारे सामने हे लेकिन बस हा कहने की देर