Out from the Heart (दिल से निकले उद्गार : Dil Se Nikle Udgaar)
By James Allen
()
About this ebook
Related to Out from the Heart (दिल से निकले उद्गार
Related ebooks
Safalta Ka Jadoo Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsAatamvishwas Safalta Ka Aadhar - (आत्मविश्वास सफलता का आधार) Rating: 3 out of 5 stars3/5Chunoutiyon Ko Chunoutiyan Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsSangharsh Se Sikhar Tak: संघर्ष से शिखर तक Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsSikhen Jeevan Jeene Ki Kala (सीखें जीवन जीने की कला) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsSafalta Ki Unchi Chhalang (सफलता की ऊँची छलांग) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsSwayam Ko Aur Dusro Ko Pehchanane Ki Kala: स्वयं को और दूसरों को पहचानने की कला Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsHar Ke Bad Hi Jeet hai : हार के बाद ही जीत है Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsAs a Man Thinketh (मनुष्य जैसा सोचता है : Manushya jaisa sochta hai) Rating: 5 out of 5 stars5/5Safalta Ke Achook Mantra Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsStress Management Rajal Neeti : Chintamukt Rahein, Khush Rahein (स्ट्रेस मैनेजमेंट राजल नीति : "चिंतामुक्त रहें, खुश रहें") Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsPujniye Prabho Hamare - (पूजनीय प्रभो हमारे...) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsसफलता के बीस पन्ने - अपने मस्तिष्क को सफलता के लिए प्रशिक्षित करें !: Motivational, #1 Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsZid Karo Aur Safalta Pao Rating: 5 out of 5 stars5/5Secrets of Super Success Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsKamyabi Aapki : कामयाबी आपकी Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsJeevan Aur Vayavhar - (जीवन और व्यवहार) Rating: 5 out of 5 stars5/5Vicharon Mein Chhipi Safalta: विचारों में छिपी सफलता Rating: 5 out of 5 stars5/5JEEVAN ME SAFAL HONE KE UPAYE Rating: 1 out of 5 stars1/5सफलता चालीसा: Motivational, #1 Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsआकर्षण का सिद्धांत: MIRACULOUS POWERS OF SUBCONSCIOUS MIND, #1 Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsPehle Lakchay Tay Karain Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsNa Kahna Seekhen Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsSamridhshali Jeevan Jiyein (समृद्धशाली जीवन जिएं) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsDhairya Evam Sahenshilta: Steps to gain confidence and acquire patience Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsAao shikhe yog Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsAage Badho - (आगे बढ़ो) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsजीवन की सात प्राथमिकताएं Rating: 5 out of 5 stars5/5Khushi Ke 7 Kadam: 7 points that ensure a life worth enjoying Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsAap Kya Nahin Kar Sakte - (आप क्या नहीं कर सकते) Rating: 0 out of 5 stars0 ratings
Reviews for Out from the Heart (दिल से निकले उद्गार
0 ratings0 reviews
Book preview
Out from the Heart (दिल से निकले उद्गार - James Allen
1
हृदय और जीवन
जैसा हृदय वैसा ही जीवन। इसके साथ सब कुछ है, इसके बिना नहीं। इससे कुछ छिपा नहीं रह सकता। जो छिपा हुआ है, वह कुछ समय के लिए है। जब वह परिपक्व हो जाता है, तब सामने प्रकट हो जाता है। बीज, वृक्ष, फूल और फल…ये सभी ब्रह्मांड के चौगुने क्रम हैं। एक व्यक्ति के दिल की प्रवृत्ति ही उसके जीवन की स्थितियों को आगे बढ़ाती हैं। उसके विचार उसके कर्मों में खिलते है और उसके कर्म ही चरित्र और भाग्य रूप में फल पाते हैं।
जीवन हमेशा भीतर से प्रकट होता है और स्वयं को प्रकाश में लाता है। हृदय में उत्पन्न विचार ही स्वयं को अंततः शब्दों और कार्यों में प्रकट कर, पूर्णतया प्रदान करते हैं।
जैसे छिपे हुए झरने से फव्वारा, इसी प्रकार मनुष्य के जीवन को उसके हृदय के भीतरी स्तरों से द्वारा प्रवाहित किया जाता है। वह जो कुछ भी है और जो करता है, वह वहीं से उत्पन्न होता है। वह जो भी करेगा और होगा, उस सब का उदय वहीं से होगा
खुशी और गमी, दुख और सुख, भय और आशा, घृणा और प्रेम, अज्ञान और ज्ञान, ये सभी हृदय में कहीं नहीं है। ये सभी केवल मानसिक स्थितियां हैं।
मनुष्य अपने हृदय का रक्षक है; अपने मन का पहरेदार; अपने जीवन के गढ़ का एकांत रक्षक। जैसे वह मेहनती और लापरवाह हो सकता है। वह अपने दिल को अधिक से अधिक सावधानीपूर्वक ध्यान रख सकता है। वह अपने मन को अधिक ध्यान से देख-परख कर, उसे शुद्ध कर सकता है; वह अविवेकी विचारों से अपनी सुरक्षा कर सकता है…यह ज्ञान और आनंद का मार्ग है।
दूसरी ओर, वह अपने जीवन को सही ढंग से व्यवस्थित करने जैसे सर्वोच्च कार्य की उल्लेख करते हुए, शिथिल और लापरवाही से रह सकता है। जीने का यह ढंग आत्म-भ्रमित और पीड़ादायक है।
एक व्यक्ति को इस बात का एहसास होना चाहिए कि जीवन अपनी समग्रता में मन में उत्पन्न होता है और देखो, उसके लिए परम सुख का मार्ग खुल जाता है।
क्योंकि तब उसे पता चलेगा कि उसके पास अपने मन पर शासन करने और उसे अपने आदर्श अनुसार गढ़ने की शक्ति है। तब वह दृढ़ता से और तेज़ी से आगे बढ़ने वाले उन विचारों और कार्यों का चुनाव करेगा जो पूरी तरह से उत्कृष्ट होंगे। उसके लिए जीवन सुंदर और पवित्र बन जाएगा। देर-सवेर, वह सारी बुराई, भ्रम और दर्द को दूर कर लेगा। जो व्यक्ति अपने हृदय के प्रवेश द्वार की रक्षा अत्याधिक कर्मठता से करता है, उसके लिए मुक्ति, ज्ञान और शांति से जीना नामुमकिन नहीं रह जाता।
2
मन की प्रकृति और शक्ति
मन जीवन का मध्यस्थ है। यह परिस्थितियों का निर्माता