Kamyabi Ke Badhate Kadam
By J.P.S Jolly
()
About this ebook
Related to Kamyabi Ke Badhate Kadam
Related ebooks
Safalta Ki Unchi Chhalang (सफलता की ऊँची छलांग) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsAap aur Aapka Vyavhar : आप और आपका व्यवहार Rating: 5 out of 5 stars5/5Vicharon Mein Chhipi Safalta: विचारों में छिपी सफलता Rating: 5 out of 5 stars5/5Jeevan Aur Vayavhar - (जीवन और व्यवहार) Rating: 5 out of 5 stars5/5Zid Karo Aur Safalta Pao Rating: 5 out of 5 stars5/5Har Ke Bad Hi Jeet hai : हार के बाद ही जीत है Rating: 0 out of 5 stars0 ratings1% का नियम Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsSamridhshali Jeevan Jiyein (समृद्धशाली जीवन जिएं) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsAap Bhi Leader Ban Sakte Hain - आप भी लीडर बन सकते हैं (Hindi Translation of The Leader In You) by Dale Carnegie Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsKamyabi Aapki : कामयाबी आपकी Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsSapne Jo Sone Na Den (सपने जो सोने न दें) Rating: 5 out of 5 stars5/5Hanste Hanste Kaise Jiyen : हंसते-हंसते कैसे जियें Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsSikhen Jeevan Jeene Ki Kala (सीखें जीवन जीने की कला) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsHow to stop worrying & start living in Hindi - (Chinta Chhodo Sukh Se Jiyo) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsKya Aap Aamir Banana Chahate Hai (क्या आप अमीर बनना चाहते है) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsKhushi Ke 7 Kadam: 7 points that ensure a life worth enjoying Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsDynamic Memory Methods - डाइनैमिक मेमोरी मेथड्स : स्मरण शक्ति बढ़ाने वाली सर्वश्रेष्ठ पुस्तक Rating: 5 out of 5 stars5/5Aap Kya Nahin Kar Sakte - (आप क्या नहीं कर सकते) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsNetworking Marketing Kitna Sach Kitna Jhuth Rating: 3 out of 5 stars3/5Chunoutiyon Ko Chunoutiyan Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsSafalta Ke Sutra (सफलता के सूत्र) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsSafalta Ka Jadoo Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsसपनों की उड़ान: Motivational, #1 Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsसफलता चालीसा: Motivational, #1 Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsTime Management in Hindi Rating: 5 out of 5 stars5/5365 प्रेरणादायक विचार Rating: 5 out of 5 stars5/5आदत डालना Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsKahaniya Bolti Hai Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsJeet ya Haar Raho Tayyar Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsSangharsh Se Sikhar Tak: संघर्ष से शिखर तक Rating: 0 out of 5 stars0 ratings
Reviews for Kamyabi Ke Badhate Kadam
0 ratings0 reviews
Book preview
Kamyabi Ke Badhate Kadam - J.P.S Jolly
1
कामयाबी का सफर
आज हर व्यक्ति बढ़िया कारोबार या अच्छी नौकरी करना चाहता है, कोई कामयाब डॉक्टर तो कोई वकील बनने की सोच रखता है और कुछ लोग देश-विदेश में अपना कारोबार शुरू करने की चाह रखते हैं। इतना ही नहीं, कुछ लोग नेता और कुछ अभिनेता बनकर अपने भविष्य को चमकाने का ख्वाब देखते हैं। कहने का भाव सिर्फ इतना है कि हर इंसान अपनी मनमर्जी के मुताबिक अच्छी कम्पनी या इंडस्ट्री में अधिक से अधिक पैसा कमाकर कामयाब होना चाहता है। जिंदगी के इस सफर को शुरू करने से पहले हमें यह भी समझना होगा कि सिर्फ पैसा कमा लेने से कामयाबी नहीं मिलती। बल्कि जो लोग कामयाब हो जाते हैं पैसा तो उनके पीछे खुद-ब-खुद ही दौड़ा चला आता है।
किसी का कोई भी सफर, कैसा भी हो, हर यात्रा के कुछ नए, कुछ खट्टे-मीठे अनुभव होते हैं। किसी भी इंसान का कोई भी सफर कभी भी उसकी इच्छा मुताबिक पूरा नहीं हो पाता। चूंकि हर किसी की मंजिल अलग होती है, इसलिए एक बात तो पक्की है कि हर किसी के कामयाब होने के रास्ते भी अलग-अलग होंगे। यहां समझने वाली बात यह होती है कि हमें कौन-सा रास्ता मंजिल तक पहुंचा पाएगा। सफलता और सुखमय जीवन तो सबको अच्छा लगता है परंतु इसी राह पर कुछ लोग सही मार्गदर्शन के अभाव में भटकने लगते हैं, इसलिए हमें हर समय नई-नई चुनौतियों के लिए तैयार रहना होता है।
हमारा यह प्रयास है कि आपकी मंजिल चाहे कुछ भी हो लेकिन आप कामयाबी का ऐसा नक्शा तैयार करें जिससे आप सफलता की सीढ़ियां आसानी से चढ़ सकें। इस सफर में आपको हर पल इस बात का ध्यान रखना होगा कि आप अपना हर कदम बहुत ही देखभाल, सोच-विचार और हालात को समझकर ही आगे बढ़ायें। ऐसा करने से फिर चाहे आपकी राह कैसी भी हो, हर रास्ता खुद-ब-खुद ही सीधा होता जाएगा।
सफर छोटा हो या बड़ा, आसान हो या मुश्किल जब कभी भी इसके बारे में बात शुरू होती है तो हमारे मन में एक साथ कई सवाल उठने लगते हैं, जैसे कि हमारी मंजिल कितनी दूर है। हमारे पास वहां तक पहुंचने के क्या-क्या रास्ते हैं। हमें रास्ते में किस प्रकार के इंतजाम करने होंगे। सफर में आने-जाने और वहां रहने, खाने-पीने के लिए कितने पैसों की जरूरत होगी। यदि रास्ते में किसी तरह की कठिनाइयां आ जाती हैं तो ऐसे में मदद की उम्मीद कहां से की जा सकती है। हमें अपने सफर के दौरान किस तरह की खास बातों का ख्याल रखना चाहिए आदि-आदि। यह तो बात हुई एक साधारण सफर की, जिसके बारे में कोई भी व्यक्ति सामान्य सोच-समझ के साथ तैयारी करता है।
लेकिन हमारे सामने प्रश्न इस साधारण सफर का नहीं बल्कि जिंदगी के सबसे अहम सफर यानी कामयाबी के सफर का है, जिसमें हम अपनी जिंदगी का लक्ष्य तय करके उसे पाने का प्रयास करते हैं। खासतौर से जब हमारे करियर का सवाल होता है तो यही से हमारे जीवन की दशा और दिशा तय होनी शुरू होती है, इसीलिए यह सफर इतना महत्त्वपूर्ण होता है कि इसके ऊपर हमारी सारी जिंदगी और हमारा भविष्य निर्भर करता है।
इस सफर को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने के लिए कई बार हम अपनी जिंदगी की सारी पूंजी लगाने के साथ ही अपने जीवन के कई बेहतरीन साल भी दे देते हैं। बहुत सारा ज्ञान एकत्र करते हैं, कई विशेषज्ञों से सलाह मशविरा भी करते हैं लेकिन इसके बावजूद सबसे बड़े जोखिम की बात तो यह होती है कि हमें मालूम ही नहीं होता कि हमारा सफर कब, कहां से शुरू होगा और कहां खत्म होगा?
जब हम मंजिल पर पहुंचेंगे तो वह न जाने कैसी होगी? हमारे पास क्या पद या रुतबा होगा? क्या हमें वह सब कुछ मिल पाएगा जिसके लिए हमने इतने सारे प्रयास किए हैं? इन सभी सवालों का जवाब कोई भी दावे के साथ नहीं दे सकता। कामयाबी का कोई एक खास फार्मूला नहीं होता, जिसे अपनाने से हर कोई गारंटी से सफल हो ही जाएगा।
इस बात को यूं भी कहा जा सकता है कि हमारा आने वाला कल कैसा बनेगा, इसका सारा दारोमदार हमारे आज के सफर पर निर्भर करता है। कामयाबी की इस राह पर कोई मदद मिल जायें तो अच्छी बात है, वरना हमें बिना समय बर्बाद किए हुए अकेले ही अपनी इच्छा मुताबिक कोर्स, पढ़ाई या व्यापार की दिशा में कदम आगे बढ़ा देना चाहिए। बस एक बात का ध्यान रखना होगा कि हमें अपनी अलग पहचान बनाने के लिए बड़ी ही निपुणता के साथ अपने गुणों को भी दिखाना पड़ेगा।
आज हर व्यक्ति अपनी अलग पहचान बनाने के लिए भाग रहा है। कोई किसी परीक्षा में सफल होने के लिये, कोई नौकरी के लिए और कोई अपने व्यापार को अधिक से अधिक बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। यहां हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कामयाबी पाने के लिए संघर्ष और मनोबल की जरूरत होती हैं। जब तक इन सभी में हम संतुलन नहीं बना पाते, तब तक हम भीड़ का हिस्सा ही बनकर रह जाएंगे।
आज की युवा पीढ़ी के मन में मुख्य रूप से ऐसे कई सवाल उठते रहते हैं। जो लोग कल तक छोटा-मोटा कारोबार करते थे वे आज देश के सबसे अमीर लोगों में कैसे शामिल हो गए। क्या भगवान ने उन्हें कोई खास किस्म की बुद्धि या हुनर दिया है? क्या हम भी उनकी तरह मशहूर हस्ती बन सकते हैं? उन लोगों में ऐसे क्या गुण है जो अपने व्यापार को इतनी जल्दी बढ़ा कर पूरे देश में फैलाने में कामयाब हो गए?
इसी के साथ मन में एक सोच यह भी पैदा होती है कि क्या सच में कोई साधारण आदमी एक अमीर और कामयाब इंसान बन सकता है? जी हां, यह सच में मुमकिन है कि कोई भी व्यक्ति कुछ भी पाना चाहे तो वो उसे पा सकता है। भगवान ने हर किसी को एक जैसी सोचने की ताकत और बुद्धि दी है, लेकिन कुछ लोगों को यह गलतफहमी होती है कि कामयाबी शायद कोई ऐसी चीज है जो किसी जादू से या बाजार से खरीदी जाती है। वे शायद यह नहीं जानते कि यह तो वह हसीन तोहफा है जिसे सिर्फ और सिर्फ अपनी मेहनत और पूरी लगन से किए गए कर्मों से ही हासिल किया जा सकता है।
कोई व्यक्ति कितने भी अच्छे स्कूल या कॉलेज से पढ़ाई पूरी करके आया हो। उसके पास अपने व्यापार या सेवा देने के बारे में कितनी भी महान लेखकों की पुस्तकें हों। लेकिन पुस्तकें पढ़कर क्या वह कामयाब हो पाएगा? इस बात की गारंटी देना सच में बहुत मुश्किल होता है। यह बात आपको जरूर थोड़ा परेशान करेगी की इतना सब कुछ करने के बावजूद यदि सफलता की गारंटी नहीं है तो फिर इतने सारे प्रयास करने के क्या फायदे?
आपको बिल्कुल भी चिंता करने या परेशान होने की जरूरत नहीं है। आपको सिर्फ इतना समझना है कि आपकी शिक्षा, अभी तक का ज्ञान और अनुभव तभी मदद कर पाएगा जब आप उसे अमल में लाना शुरू करेंगे। अधिकांश लोग जो सफल नहीं हो पाते उसका मुख्य कारण एक ही होता है कि उनके पास जानकारी के भंडार तो होते हैं लेकिन उस जानकारी को ठीक समय पर प्रयोग नहीं कर पाते। कई बार कामयाबी के मौके सामने आते हैं लेकिन कुछ कारणों से उनका लाभ नहीं उठा पाते। ऐसी बातों को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए।
आप भी अगर अपनी योजना को कामयाब होते देखना चाहते हैं तो उसके लिए जरूरी है कि उस योजना पर विचार-विमर्श करने के साथ आपको अपना हर काम पूरी गंभीरता के साथ करना होगा। साथ ही अपने दिलो-दिमाग में हर समय यह बात रखनी चाहिए कि हमें अपना यह काम जल्द से जल्द पूरा करना है क्योंकि न जाने कौन-सा दिन हमारे जीवन का आखिरी दिन बन जाए। जब यह बात आपके मन में रहेगी तो ही आपकी अपने काम के प्रति लगन और अधिक बढ़ पाएगी। आप अपने काम से जितना अधिक प्यार करेंगे वह उतनी ही जल्दी और अच्छी तरह पूरा हो पाएगा।
यह सच है कि कुछ खुशनसीब लोगों को बहुत जल्द ही सफलता मिल जाती है लेकिन कुछ व्यक्ति सारी उम्र संघर्ष करने के बाद भी अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते। इसका मुख्य कारण यह होता है कि हमारे इस सफर में कोई भी हमसफर हमारा साथ बहुत समय तक नहीं निभा पाता। हर तरह के हालात से हमें अकेले ही सामना करना पड़ता है। वैसे भी अनुभवी लोगों की बात को याद करे तो वे कहा करते थे कि यदि स्वर्ग जाना चाहते हैं तो उसके लिए मरना भी पड़ेगा। यह मुमकिन नहीं कि हमारी जगह मरे तो कोई दूसरा व्यक्ति और स्वर्ग हमें मिल जाए।
इसीलिए हमें यहां इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि जब हम अपने भविष्य और अपनी सफलता के बारे में सोचते हैं तो हमें दूसरों से अधिक उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। आज के दौर में किसी के पास इतना समय नहीं है कि वह अपने जरूरी काम छोड़कर हमारा भविष्य बनाने में सहयोग करे। आज हर व्यक्ति की अपनी जरूरतें और जिम्मेदारियां इतनी बढ़ चुकी हैं कि अगर कोई चाह कर भी हमारे लिए कुछ करना चाहे तो भी नहीं कर पाता।
इस बारे में कुछ ज्यादा लिखना ठीक नहीं होगा क्योंकि कुछ लोग तो नकारात्मक और कमजोर सोच के चलते सफर के शुरू में ही घबरा कर आगे बढ़ने से रुक जाएंगे। इन सभी बातों के बावजूद हम इतना जरूर कर सकते हैं कि हम जिस क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं उसके बारे में जो कोई भी हमारे करीबी जानकार या परिवार के सदस्य हैं उनसे विस्तार में जानकारी हासिल कर लें। इतना करने से ही हमारी राह कुछ हद तक आसान हो जाएगी।
यहां हमें सबसे महत्त्वपूर्ण एक बात याद रखनी चाहिए कि यदि हमें आने वाले कल को संवारना है, उसे खुशियां भरा और सफल बनाना है तो हमें अपने आज के हर एक पल का सदुपयोग करना होगा। हम सिर्फ अपनी पढ़ाई-लिखाई के दम पर सफलता की ओर नहीं बढ़ सकते। इसके साथ हमें जरूरत होती है आत्मविश्वास की, अच्छी योजना की, समय के महत्त्व को जानने की। जब हिम्मत के साथ इन सभी को हम एक साथ लेकर आगे बढ़ते हैं तो मंजिल की राह आसान बनने लगती है।
कामयाबी को पाने के ख्वाब को सच करने के लिए वैसे तो हर व्यक्ति अपने हिसाब और जरूरत के मुताबिक एक अलग राह चुनता है। क्योंकि हर क्षेत्र में सफलता हासिल करने का कोई एक खास फार्मूला नहीं होता। एक नियम यदि हमें सफल व्यापारी बनने के गुण सिखाता है तो वही सिद्धांत नौकरी में तरक्की पाने के लिए नहीं अपनाया जा सकता। इसी तरह एक सूत्र किसी उत्पाद को बेचने के लिए बहुत अच्छा माना जाता है लेकिन जरूरी नहीं है कि वह किसी दूसरे उत्पाद बनाने में भी कारगर हो। इन सभी बातों के बावजूद कुछ ऐसे मौलिक सिद्धांत हैं जो हमें हर क्षेत्र में मदद करते हुए कामयाब बना सकते हैं।
कई बार यह सब होने के बाद भी बहुत सारी ऐसी बातें होती हैं जो हमारे कामयाबी के सफर में अड़चन बन जाती हैं, परंतु उनके ऊपर हमारा किसी प्रकार का नियंत्रण नहीं होता। फिर भी हमें सदा अपने ऊपर पूरा नियंत्रण रखना चाहिए। जब तक हम धैर्यपूर्वक संतुलन बना कर आगे चलते रहेंगे, हमें आगे बढ़ने में कम से कम परेशानियों से जूझना पड़ेगा।
जो इस सच्चाई को समझकर पूरी लगन से अपना सफर शुरू करते हैं उनकी समस्याएं अपने आप दूर होने लगती हैं। कामयाबी के सफर के बारे में ज्ञानी लोग कहते हैं कि शक्कर का मज़ा लेना हो तो उसे सिर्फ चख लेना चाहिए, लेकिन कभी भी मक्खी बनकर शहद पर नहीं बैठना चाहिए, नहीं तो उड़ने की शक्ति नहीं बचेगी।
सफलता के सबसे महत्त्वपूर्ण सफर के बारे में बुनियादी बातों को समझने के बाद अब यह सोचना पड़ेगा कि हमें इस सफर की शुरुआत कब और कैसे करनी चाहिए? लेकिन जरा गौर से देखें तो इस सवाल का जवाब तो पहले से ही हमारे सामने है। आपको यह सोचकर शायद कुछ हैरानी हो, लेकिन सच्चाई यही है कि जब कभी भी कोई इंसान इस दुनिया में जन्म लेता है तो उसके माता-पिता उसी दिन से उसके भविष्य को संवारने के लिए जी-जान से जुट जाते हैं।
मां-बाप अपने बच्चे के भविष्य को शानदार बनाने के लिए किसी किस्म की कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। उनकी यही ख्वाहिश होती है कि उनका बच्चा सारे जग में नाम रोशन करे। इस तरह से देखा जाए तो हमारी सफलता का सफर हमारे जन्म के साथ ही शुरू हो जाता है।
जैसे-जैसे हम तरक्की के मार्ग पर कदम बढ़ाते हैं तो हम से एक ही सवाल पूछा जाता है कि अब आगे चल कर क्या करेंगे? अब एक युवा जिसने अभी-अभी अपनी शिक्षा पूरी की है वह अभी से क्या कह सकता है कि वह आने वाले समय में क्या कुछ कर पाएगा? जिस इंसान को अभी कामयाबी, सफलता एवं संपन्नता के मायने भी ठीक से नहीं मालूम, वह भला अपनी कामयाबी के सफर के बारे में कैसे कुछ जान सकता है।
लेकिन एक बात तो हर कोई जानता है कि किसी भी इमारत को कितना बड़ा बनाना और मजबूत बनाना है, वह इस बात पर निर्भर करता है कि हम उस इमारत की नींव कितनी मजबूत बनाते हैं। यह बात अलग है जब खूबसूरत और मजबूत इमारत बनकर तैयार हो जाती है तो उसकी नींव के बारे में कोई बात भी याद नहीं की जाती। बहुत कम लोग यह जानने की कोशिश करते हैं कि इतनी सुंदर इमारत को सफलतापूर्वक कैसे बनाया गया होगा। उसके लिए क्या-क्या प्रयास किए गए होंगे। कितने छोटे-बड़े लोगों ने इसमें अपना सहयोग दिया होगा।
जो लोग स्कूल-कॉलेज के समय से ही ज्ञान और समय के महत्त्व को समझने लगते हैं उन्हें जीवन में सफलता जल्द मिलने लगती है। लेकिन जिंदगी के इसी मोड़ पर कुछ युवा दिशाहीन होकर अपना बेशकीमती समय बर्बाद कर देते हैं। उन्हें उस समय तक यह समझ ही नहीं होती कि दुनिया में अगर सबसे कीमती चीज कोई है तो वह है समय! समय की क्या अहमियत है, कामयाबी दिलाने में समय का कितना योगदान है? इसके बारे में हम आगे आने वाले अध्याय ‘समय बड़ा बलवान’ में विस्तार से विचार करेंगे।
जब भविष्य को सफल बनाने के बारे में सोचना शुरू करते हैं तो सबसे पहले हमारे मन में यह प्रश्न उठता है कि इसकी शुरुआत कहां से की जाए? क्या सफलता हासिल करने का कोई खास फार्मूला होता है, जिसकी बदौलत साधारण इंसान भी ऐसे महान कार्य कर जाते हैं कि दुनिया न सिर्फ उनके रहते हुए बल्कि उनके जाने के बाद भी उन्हें याद करती है।
जब कभी हम महान व्यक्तियों के बारे में कुछ भी पढ़ते या सुनते हैं तो अक्सर उनके द्वारा किए हुए महान कार्यों का ही जिक्र हमारे सामने आता है। हम यह जानने का प्रयास नहीं करते कि उन्होंने विजयी होने के लिए किस प्रकार की योजनाएं बनाई थीं। कामयाबी के इस सफर में कैसी-कैसी परेशानियों और कठिनाइयों से उनका सामना हुआ था।
हम उन लोगों की सफलता से इतना प्रभावित हो जाते हैं कि हम यह जानने की चेष्टा ही नहीं करते कि बीते हुए समय में उनके कैसे-कैसे अनुभव हुए होंगे। क्या वे भी कभी असफल हुए होंगे। असलियत यह है कि शायद आज तक कोई भी महान आदमी असफलता से मुकाबला किए बिना सफल नहीं हो सका है।
जिस प्रकार दिन-रात, सुख-दुख, खुशी-गम साथ-साथ चलते हैं, ठीक उसी तरह असफलता और सफलता का चोली दामन का साथ है। एक छोटा-सा उदाहरण इस बात की पुष्टि करता है कि आज सारी दुनिया जिसे सदी के महानायक के नाम से जानती है उन्हीं अमिताभ बच्चन को तरक्की के शिखर तक पहुंचने में अनगिनत असफलताओं से जूझना पड़ा था। अपने फिल्मी करियर की शुरुआत में उनकी एक भी फिल्म कामयाब नहीं हो पाई थी, लेकिन आज वह जो कुछ भी करते हैं वह सारी दुनिया के लिए मिसाल बन जाता है।
हर छोटा-बड़ा इंसान उनके जैसा बनना चाहता है। उनकी जुबां से निकला हुआ एक-एक अल्फाज़ तरक्की की कहानी बयां करता है। अगर इतिहास के पन्नों को खोलने का थोड़ा भी प्रयास किया जाए तो इसी तरह के एक-दो नहीं बल्कि सैकड़ों उदाहरण देखने को मिल जाएंगे। इसलिए हम जिस दिन से सफलता के सफर पर चलने का मन बनाते हैं तो हमें खुद को मानसिक रूप से यह भी मानना होगा कि हमें उससे पहले कई किस्म की परेशानियों और कठिनाइयों से जूझना पड़ेगा। सफलता से पहले कई बार असफलता भी हमारा रास्ता रोकने की कोशिश करेगी।
जब तक हम खुद को मानसिक तौर पर इस तरह से तैयार नहीं करते हम कामयाब नहीं हो पाएंगे। विद्वान लोग तो हर किसी को समझाते हैं कि सफलता की राह में आने वाली हर रुकावट हमारे लिए सीढ़ी का काम करती है। यही रुकावटें हमें इस काबिल बनाती हैं कि हम दृढ़ इच्छाशक्ति से अपनी मंजिल की ओर आगे बढ़ सकें। सफलता की गाड़ी में सवार होने से पहले हमें अपने लक्ष्य, ताकत और सफल योजना को तैयार करने के साथ उसे गहराई से समझना भी होगा।
अब हम कामयाबी से जुड़े हुए सभी नियमों पर विस्तार से विचार करेंगे। सबसे पहले हमें यह समझना