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Agile Practice Guide (Hindi)
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Ebook399 pages2 hours

Agile Practice Guide (Hindi)

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About this ebook

Agile Practice Guide – First Edition has been developed as a resource to understand, evaluate, and use agile and hybrid agile approaches. This practice guide provides guidance on when, where, and how to apply agile approaches and provides practical tools for practitioners and organizations wanting to increase agility. This practice guide is aligned with other PMI standards, including A Guide to the Project Management Body of Knowledge (PMBOK Guide) – Sixth Edition, and was developed as the result of collaboration between the Project Management Institute and the Agile Alliance.
Languageहिन्दी
Release dateAug 5, 2019
ISBN9781628255096
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    Book preview

    Agile Practice Guide (Hindi) - Project Management Institute

    दिशानिर्देश

    1

    परिचय

    एजाइल कार्यव्यवहार मार्गदर्शिका में आपका स्वागत है! इस मार्गदर्शिका को प्रोजेक्ट मैनजमेंट इंस्टिट्यूट (PMI) और एजाइल अलायन्स (Agile Alliance®) के परस्पर सहयोगात्मक प्रयास से विकसित किया गया था। मुख्य लेखक दल के सदस्य जिन्होंने इस कार्यव्यवहार मार्गदर्शिका को विकसित किया है उनमें दोनों संगठनों के स्वयंसेवक शामिल हैं, जिसमें विविध पृष्ठभूमियों, मान्यताओं और संस्कृतियों से व्यापक स्तर की विषय-क्षेत्र विशेषज्ञता के वर्तमान व्यवसायी और नेतृत्वकर्ताओं साथ आये हैं।

    यह कार्यव्यवहार मार्गदर्शिका व्यावहारिक मार्गदर्शन प्रदान करती है जो कि परियोजनाओं के नियोजन और निष्पादन में एक एजाइल पद्धति के अनुसार अनुकूलन करने वाले परियोजना नेतृत्वकर्ताओं और दल सदस्यों के लिए तैयार की गयी है। हालांकि हमारा मुख्य लेखक दल यह मानता है कि यहां पूर्वानुमानित (predictive) दृष्टिकोण के उपयोग का दृढ़ समर्थन है और इसके विपरीत एक एजाइल मानसिकता, मूल्य और सिद्धांतों की ओर जाने का जोश/उत्साह है, यह कार्यव्यवहार मार्गदर्शिका परियोजना की एजिलिटी (agility) के लिए एक व्यावहारिक दृष्टिकोण को शामिल करती है। यह कार्यव्यवहार मार्गदर्शिका एक पूर्वानुमानित दृष्टिकोण से एजाइल दृष्टिकोण की ओर जाने के मार्ग को समझने के लिए एक सेतु का वर्णन करती है। वास्तव में, दोनों में ही कुछ सामान गतिविधियां है, जैसे कि नियोजन, जिसे अलग तरीके से किया जाता है लेकिन यह दोनों ही दृष्टिकोणों में होती है।

    मुख्य लेखक दल ने कार्यव्यवहार मार्गदर्शिका के इस पहले संस्करण के विकास का प्रबंधन करने और इसमें सहयोग करने के लिए एक एजाइल मानसिकता का उपयोग किया है। जैसे-जैसे प्रौद्योगिकी और संस्कृति बदलेंगे, वैसे-वैसे कार्यव्यवहार मार्गदर्शिका में सुधार और भविष्य के अद्यतन, उस समय के दृष्टिकोणों को दर्शाएंगे।

    PMI मानकों की लेखन शैली की तुलना में इस कार्यव्यवहार मार्गदर्शिका में मुख्य दल ने एक अधिक अनौपचारिक एवं सरल शैली को अपनाया है। यह मार्गदर्शिका प्रमुख बिन्दुओं एवं अवधारणाओं की बेहतर व्याख्या करने के लिए कुछ नए तत्वों को शामिल करती है जैसे कि युक्तियां, साइडबार और मामले का अध्ययन (tips, sidebars and case studies)। इस कार्यव्यवहार मार्गदर्शिका को अधिक पठनीय और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाने हेतु दल इन परिवर्तनों का विचार रखता है।

    यह कार्यव्यवहार मार्गदर्शिका कंप्यूटर सॉफ्टवेयर विकास उद्योग में एजाइल के उपयोग पर ध्यान देने से आगे जाती है क्योंकि एजाइल अब गैर-सॉफ्टवेयर विकास परिवेश में भी विस्तारित हो चुका है। विनिर्माण, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य उद्योग अलग-अलग स्तर पर एजाइल होते जा रहे हैं और सॉफ्टवेयर के आगे इसका यह उपयोग इस कार्यव्यवहार मार्गदर्शिका के कार्यक्षेत्र के अंतर्गत है।

    एक एजाइल कार्यव्यवहार मार्गदर्शिका क्यों और अब क्यों? परियोजना दलों ने कम-से-कम पिछले कई दशकों से विभिन्न रूपों में एजाइल तकनीकों और दृष्टिकोणों का उपयोग किया है। जैसे ही एजाइल ने एक वास्तविक या संतोषजनक गति प्राप्त की एजाइल घोषणापत्र (Agile Manifesto) [1]¹ ने स्पष्ट रूप से एजाइल के मूल्यों और सिद्धांतों को व्यक्त किया (अनुभाग 2.1 देखें)। आज परियोजना के नेतृत्वकर्ता अपने आप को एक ऐसे परिवेश में पाते हैं जो कि तकनीक में बहुत अधिक प्रगति और ग्राहकों द्वारा उपयोगिता/मूल्य (value) की तुरंत उपलब्धता की मांग से महत्वपूर्ण रूप से परिवर्तित (disruption) हुआ है। एजाइल तकनीकें और दृष्टिकोण प्रचलित तरीकों/प्रणालियों में महत्वपूर्ण परिवर्तन करने वाली तकनीकों (disruptive technology) का प्रभावशील प्रबंधन करती हैं। इसके अतिरिक्त, एजाइल का पहला सिद्धांत ग्राहक संतुष्टि को सर्वाधिक प्राथमिकता के रूप में सबसे आगे रखता है और उन उत्पादों एवं सेवाओं को प्रदान करने में एक प्रमुख तत्व है जो कि ग्राहकों को आनंद देता है (अनुभाग 2.1)। सोशल मीडिया के व्यापक उपयोग के साथ त्वरित और पारदर्शी ग्राहक प्रतिपुष्टि चक्र उपलब्ध हैं। अंतः, प्रतिस्पर्धात्मक और प्रासंगिक बने रहने के लिए अब संगठन केवल आतंरिक रूप से ही ध्यान केन्द्रित नहीं रख सकते हैं बल्कि उन्हें बाहरी ग्राहक अनुभव पर भी ध्यान देने की जरुरत है।

    प्रचलित तरीकों/प्रणालियों में महत्वपूर्ण परिवर्तन करने वाली तकनीकें (disruptive technologies) प्रवेश की बाधाओं को कम करते हुए कार्य के परिवेश को तेजी से परिवर्तित कर रही हैं। अनेक परिपक्व संगठन तेजी से अधिक जटिल एवं नवाचार करने में संभवतः धीरे होते जा रहे हैं और उनेक ग्राहकों को नए उत्पाद/समाधान देने में पीछे रह रहे हैं। यह संगठन अपने आप को उन छोटे संगठनों और स्टार्टअप से प्रतिस्पर्धा करते पाते हैं जो तेजी से उन उत्पादों को तैयार करने में सक्षम हैं जो कि ग्राहकों की जरूरतों के अनुकूल हैं। परिवर्तन की यह गति बड़े संगठनों को प्रतिस्पर्धा में बने रहने और बाजार में उनकी मौजूदा हिस्सेदारी बनाए रखने के लिए एजाइल मानसिकता अपनाने के लिए प्रेरित करती रहेगी।

    एजाइल कार्यव्यवहार मार्गदर्शिका परियोजना-केन्द्रित है और यह परियोजना जीवन चक्र के चयन, एजाइल के क्रियान्वयन एवं एजाइल परियोजनाओं के लिए विचारणीय संगठनात्मक कारकों पर ध्यान देती है। कार्यव्यवहारों को क्रियान्वित या रूपांतरित करने के लिए संगठनात्मक परिवर्तन प्रबंधन (OCM) अनिवार्य है लेकिन क्योंकि OCM अपने आप में एक विषय-क्षेत्र है, अंतः यह इस कार्यव्यवहार मार्गदर्शिका के कार्यक्षेत्र के बाहर का विषय है। वह जो OCM के बारे में मार्गदर्शन चाहते हैं वह मैनेजमेंट चेंज इन आर्गेनाइजेशन्स - ए प्रैक्टिस गाइड [2] को देख सकते हैं।

    अतिरिक्त विषय जो इस कार्यव्यवहार मार्गदर्शिका के कार्यक्षेत्र में है और कार्यक्षेत्र के बाहर हैं वह तालिका 1-1 में सूचीबद्ध हैं।

    सारिणी 1-1 कार्यक्षेत्र में और कार्यक्षेत्र के बाहर के आइटम

    यह कार्यव्यवहार मार्गदर्शिका उन परियोजना दलों के लिए है जो अपने आप को पूर्वानुमानित एवं एजाइल दृष्टिकोणों के बीच की उलझन में पाते हैं, जो तेजी से होते नवाचार एवं जटिलता पर ध्यान देने की कोशिश कर रहे हैं और जो दल में सुधार के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह कार्यव्यवहार मार्गदर्शिका उन सफल परियोजनाओं के लिए उपयोगी मार्गदर्शन प्रदान करती है जो ग्राहक की अपेक्षाओं और जरूरतों को पूरा करने के लिए व्यापारिक उपयोगिता/मूल्य (value) प्रदान करती हैं।

    इस कार्यव्यवहार मार्गदर्शिका को निम्नलिखित तरीके से संगठित किया गया है:

    अनुभाग 2 एजाइल एक परिचय - यह अनुभाग एजाइल घोषणापत्र मानसिकता, मूल्य और सिद्धांतों को शामिल करता है। यह परिभाषित किये जाने योग्य एवं उच्च-अनिश्चितता कार्य की अवधारणाओं और लीन (Lean), कानबान (Kanban) पद्धतियों एवं एजाइल दृष्टिकोणों के बीच परस्पर सम्बंध को भी शामिल करता है।

    अनुभाग 3 जीवन चक्र चयन - यह अनुभाग इस कार्यव्यवहार मार्गदर्शिका में चर्चा किये गए विभिन्न जीवन चक्रों का परिचय कराता है। यह अनुभाग उपयुक्तता निष्पादकों (filters), अनुकूलन दिशानिर्देश और विभिन्न दृष्टिकोणों के सामान्य संयोजनों को भी शामिल करता है।

    अनुभाग 4 एजाइल क्रियान्वयन : एक एजाइल परिवेश बनाना - यह अनुभाग एक एजाइल परिवेश जैसे कि सेवकीय नेतृत्व और दल तैयार करते समय विचार किये जाने वाले अतिमहत्वपूर्ण कारकों की चर्चा करता है।

    अनुभाग 5 एजाइल क्रियान्वयन : एजाइल परिवेश में कार्य करना - यह अनुभाग इस बारे में जानकारी शामिल करता है कि दलों को संगठित कैसे करना और वह सामान्य कार्य-व्यवहार जिसे कि दल नियमित रूप से उपयोगिता/मूल्य (value) प्रदान करने के लिए उपयोग कर सकते हैं। यह दलों और स्थिति प्रतिवेदन के लिए अनुभवजन्य मापों के उदहारण प्रदान करता है।

    अनुभाग 6 परियोजना एजिलिटी के लिए विचारणीय संगठनात्मक कारक - यह अनुभाग उन संगठनात्मक कारकों का पता लगाता है जो एजाइल दृष्टिकोणों के उपयोग को प्रभावित कर सकते हैं जैसे जी संस्कृति, तैयारियां, व्यापार कार्यव्यवहार और PMO की भूमिका।

    अनुभाग 7 कार्यवाही के लिए बुलावा - कार्यवाही के लिए बुलावा इस कार्यव्यवहार मार्गदर्शिका को लगातार बेहतर बनाने के लिए इनपुट का निवेदन करता है।

    अनुलग्नक, परिशिष्ट, सन्दर्भ, ग्रन्थसूची और शब्दावली अतिरिक्त उपयोगी जानकारी और परिभाषाएं प्रदान करते हैं:

    ♦अनुलग्नक - इसमें वह अनिवार्य जानकारियां शामिल रहती हैं जो कि कार्यव्यवहार मार्गदर्शिका की मुख्य विषय-वस्तु में शामिल किये जाने के लिए बहुत लम्बी हैं।

    ♦परिशिष्ट - इसमें गैर-अनिवार्य जानकारियां शामिल रहती हैं जो इस कार्यव्यवहार मार्गदर्शिका की प्रमुख विषय-वस्तु की अनुपूरक जानकारियां प्रदान करती हैं।

    ♦संदर्भ - इस बात की पहचान करती है कि इस कार्यव्यवहार मार्गदर्शिका में उद्धृत मानक और अन्य प्रकाशन कहां पाए जा सकते हैं।

    ♦ग्रन्थसूची - अनुभाग के आधार पर अतिरिक्त प्रकाशनों की सूची जो इस कार्यव्यवहार मार्गदर्शिका के शामिल किये गए विषयों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करती हैं।

    ♦शब्दावली - पारिभाषिक शब्दों और अन्य परिभाषाओं की एक सूची प्रस्तुत करती है जो इस कार्यव्यवहार मार्गदर्शिका में उपयोग किये गए हैं।

    ¹ कोष्ठक में दी गयी संख्या इस कार्यव्यवहार मार्गदर्शिका के अंत में दी गयी सन्दर्भ सूची को बताती है।

    2

    एजाइल का परिचय

    2.1 परिभाषित किये जाने योग्य कार्य बनाम उच्च अनिश्चितता वाले कार्य

    परियोजना का काम निश्चित कार्य से लेकर उच्च अनिश्चितता वाले कार्य तक होता है। परिभाष्य कार्य परियोजनाएं स्पष्ट कार्यविधियों द्वारा वर्णित की जाती है जो पूर्व में समान परियोजनाओं में सफल साबित हुई हैं। डिजाइन पूर्ण कर लिये जाने के बाद एक कार, विद्युतीय उपकरण या घर का निर्माण परिभाष्य कार्य के उदाहरण हैं। इसमें शामिल उत्पादन क्षेत्र एवं प्रक्रियाएं आम तौर पर परखी हुई होती हैं और इनमें निष्पादन अनिश्चितता एवं जोखिम का स्तर औसतन काफी कम होता है।

    नई डिजाइन, समस्या समाधान और इसके पहले-नहीं-किया हुआ कार्य खोज का विषय होता है। समाधान की प्राप्ति के लिए विषयवस्तु विशेषज्ञों के सहयोग और समस्याओं के सुलझाने से होती है। उच्च अनिश्चितता वाले कार्य का सामना करने वाले लोगों के उदाहरण हैं सॉफ्टवेयर सिस्टम अभियंता, उत्पाद अभियंता, चिकित्सक, शिक्षक, अधिवक्ता और अनेक समस्या-सुलझाने वाले अभियंता। चूंकि ज्यादातर परिभाष्य कार्य स्वचालित होते हैं, परियोजना दल ज्यादातर उच्च-अनिश्चितता वाले कार्य की परियोजनाओं पर कार्य करते हैं जिसके लिए इस कार्यव्यवहार मार्गदर्शिका में वर्णित तकनीकों की आवश्यकता होती है।

    उच्च-अनिश्चितता वाली परियोजनाओं में परिवर्तन, जटिलता और जोखिम की दर भी उच्च होती हैं। यह गुण उन पारंपरिक पूर्वानुमानित तरीकों के लिए समस्याएं खड़ी कर सकते हैं जिनका लक्ष्य अग्रिम रूप से व्यापक आवश्यकताओं का निर्धारण और एक परिवर्तन अनुरोध प्रक्रिया के जरिए परिवर्तन नियंत्रण करना है। इसके बदले में एजाइल तरीके (या दृष्टिकोण) की रचना छोटे चक्रों में साध्यता को खोजने और मूल्यांकन एवं प्रतिपुष्टि के आधार पर शीघ्र अनुकूलन के लिए की गई थी।

    2.2 एजाइल घोषणापत्र और मानसिकता

    सॉफ्टवेयर उद्योग के विचारकों ने एजाइल सॉफ्टवेयर विकास के लिए घोषणापत्र के प्रकाशन के साथ 2001 में एजाइल मुहिम को औपचारिक बनाया। (आकृति 2-1 देखें)।

    इन मूल्यों से प्रवाहित बारह स्पष्ट सिद्धांत आकृति 2-2 में दर्शाए गये हैं।

    यद्यपि मूल रूप से इन सिद्धांतों की शुरुआत सॉफ्टवेयर उद्योग से हुई है, फिर भी अनेक दूसरे उद्योगों में भी यह अपनाये गये हैं।

    मानसिकता, मूल्य और सिद्धांतों की यह अभिव्यक्ति एक एजाइल तरीके का गठन कैसे करना है इसे परिभाषित करती है। वर्तमान समय में उपयोग किये जा रहे विभिन्न एजाइल तरीके एजाइल मानसिकता, मूल्य एवं सिद्धांतों के साथ समान आधार साझा करते हैं। यह संबंध आकृति 2-3 में दर्शाया गया है।

    अहमद सिडकी द्वारा प्रेरित मॉडल आकृति 2-3, एजाइल मानसिकता के रूप में व्यक्त करता है जो एजाइल घोषणपत्र मूल्यों द्वारा परिभाषित,

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