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Lapete Main (लपेटे में)
Lapete Main (लपेटे में)
Lapete Main (लपेटे में)
Ebook310 pages1 hour

Lapete Main (लपेटे में)

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About this ebook

हमारे जीवन व आसपास समाज में मौजूद विषमताओं को उजागर करने के लिए हास्यव्यंग एक सशक्त व मारक माध्यम है। इस कविता संग्रह में गज़ल, मुक्तक, तज़मीन, नज़्म, गीत, पैरोडी विधाओं द्वारा पाठकों का स्वस्थ मनोरंजन करने का प्रयास किया गया है। इसमें सम्मलित बहुत से मुक्तक, तजमीन व ग़ज़लों को लेखक द्वारा हिंदी, उर्दू के सम्मानित प्रमुख मंचों से पढ़ा गया है और श्रोताओं से भरपूर प्यार हासिल हुआ है।
Languageहिन्दी
PublisherDiamond Books
Release dateMar 24, 2023
ISBN9789356841376
Lapete Main (लपेटे में)

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    Lapete Main (लपेटे में) - Dr. Vijay Mittal

    लपेटे में

    डॉ. विजय मित्तल

    eISBN: 978-93-5684-137-6

    © लेखकाधीन

    प्रकाशक डायमंड पॉकेट बुक्स (प्रा.) लि.

    X-30 ओखला इंडस्ट्रियल एरिया, फेज-II

    नई दिल्ली- 110020

    फोन : 011-40712200

    ई-मेल : ebooks@dpb.in

    वेबसाइट : www.diamondbook.in

    संस्करण : 2022

    Lapete Main

    By - Dr. Vijay Mittal

    करता हूँ पुरुषार्थ सदैव

    और प्रार्थना भी हर बार

    भला बुरा ईश्वर जाने

    जैसा रक्खे है स्वीकार

    डॉ विजय मित्तल

    विषय सूची

    मजाहिया गजलें

    1. अपना कह कर शेर पढूं

    2. मैं तुझसे ही प्यार करूँगा शर्ते लागू

    3. घबराने से क्या होता है ?

    4. मूरख को चालाक बताना पड़ता है

    5. हर महफ़िल में आना जाना मुश्किल है

    6. सेक्स कन्वर्जन कराना कूल है

    7. करों की मार हो तो क्या करेगा?

    8. दो चार सुना ही देता है शायर की ये आदत होती है

    9. घायल रस्ते में मर जाये ऐसा भी हो सकता है

    10. वोट मुझी को देना सेवा करनी है

    11. लाफ्टर शो से कवि बन जाते मंचों पर

    12. पदक रेसलिंग में वो लाया बहुत है

    13. जवां को रश्क हो जाये बुढ़ापा हो तो ऐसा हो

    14. पी एम का अरमान बहुत है

    15. दोस्तों से दुश्मनी अच्छी नहीं

    16. इस ऑफिस में टाइम पे आना वर्जित है

    17. मैं तुझे मंच दिलाऊं ये ज़रूरी तो नहीं

    18. राजनीति में नया हूँ देश को बचाना है

    19. आज अगर मेरा चर्चा है

    20. ज्वैलरी की शॉप पर वो हार देखते रहे

    21. फंसे न बंदा अगर कब कमाई देता है

    22. कोरोना ने जिंदा मारा, हमको भी तो राहत दो

    23. ग़जेलें कह कर खूब पकाया वाह भई वाह

    24. जिस भी दिन शायरी नहीं होती

    25. अशआर मेरे यूँ तो सुनाने के लिए हैं

    26. कोरोना का खत्म हुआ डर जहाँ भी देखो जिसको

    27. लैला का शादी का जब ऑफर गया

    28. रहे जो सीट पर उसका जवाब थोडी है

    29. वो मेहमाँ हमारे रुके जाते-जाते

    30. ये दिमागी खलल आजकल हो गई

    31. इस कदर उसको पकाने की ज़रूरत क्या थी

    32. पागल करे सवाल तो हम क्या जवाब दें

    33. कवि मंचों का यही है ग़म

    34. सादा जीवन उच्च विचार

    नज़्म

    35. सुन लो ओ मेरे भाई

    36. था वो भी इक ज़माना

    मुक्तक

    37. दुश्मन हो तेरा कोई भी बन जायेगा वो दोस्त

    38. गुफ्तगू से अपनी आये सबके होठों पर हंसी

    39. आया हूँ मंच पर सभी हसरत निकाल लूँ

    40. आदमी आदमी से प्यार करे।

    41. गीत ग़ज़लों की बदौलत ये नजारा बदला

    42. मंच पर आए हम आकर गड़ गए

    43. तुकबंदी कर लेता हूँ

    44. चुटकुलों से सभी श्रोता को रिझाते रहिये

    45. दो चार सुना ही देता है शायर की ये आदत होती है

    46. तुम अपना फ़र्ज़ निभाते चलो

    47. कोई बनता नहीं बनाने से

    48. पूरा दिन घोल के पहुँचा हूँ तेरे मैके में

    49. है पटाखा फ्रेंड मेरी और मैं हूँ एवरेज

    50. लाल बत्ती का कायदा क्या है?

    51. ओ टी में कर रहा है मेरा वेट पेशेंडेंट

    52. अगर उकता गए हो जिंदगी से

    53. हम कुंवारे ही भले थे क्यूँ मिली तुझसे नज़र

    54. एक दिल्ली थी एक यू पी में

    55. नई हर रोज फ़रमाइश किये जाती है क्यूँ बीवी

    56. रोज़ इस्लाह लिया करता है

    57. बैंक बैलैन्स है लाखों का मेरे खाते में

    58. पंडित बोला लगन करा दूंगा लेकिन

    59. रात हो दिन हो चले आएं कभी भी मेहमान

    60. कुछ भी मिलता नहीं है दोनों में

    61. ग़लत क्या है तेरी उल्फत का ना दिल से भरम निकले

    62. इश्क में हारे तो आई शायरी

    63. मुझको हैरत है क तू अब भी है जिंदा कैसे

    64. मैं हूँ चालिस का वो है सौ के जी

    65. बहुत मंत्री बसे अब कैपिटल में

    66. बीवी से की शिकायत तो हैवी वेट बोली

    67. बाद शादी बस यही है खुशनुमा जीवन का राज

    68. लिया था तुझसे कभी क़र्ज़ इक बहाने से

    69. सुरा सुर सुंदरी से दूर है तू

    70. सात फेरे क्या लिए हम कैद हो कर रह गए

    71. इक बार जो दिला दे हमें फ्लेट गोर्मेट

    72. हुई शादी तो बेगम ने कहा ले कर चलो अब टूर

    73. कार के टायर ही डूबे हैं अभी

    74. घंटियों से देवताओं को जगाना याद है

    75. भांग सिगरेट न ही दारू न कभी फ्लर्ट किया

    76. पूरी दुनिया के लगाने हैं अभी कई चक्कर

    77. टूटी जो टाँग शाम को मुझ बदनसीब की

    78. इन हसीनाओं का सी पी में ठुमकना देखो

    79. कभी जो पूछ लिया गर किसी अभागे ने

    80. डेढ़ पसली का हूँ मैं और सामने वो रेसलर

    81. खबर छुट्टी की सुन रोया है बेटा

    82. न आने का टाइम न जाने का वक्त

    83. उम्र भर का काला धन गो हाथ से जाता रहा

    84. हैं परेशान मुझसे घर वाले

    85. नज़र का तीर उनका जा लगा सीधा कलेजे पर

    86. बोरियत जिंदगी में होती है

    87. खुदा ही जाने गुजर कैसे हो रही उसकी

    88. दो बार ही मिले लगा मुद्दत से आशना

    89. कहने में दिल के आके अब शादी रचा तो ली

    90. शादी तो इक मरज से किसी तौर कम नहीं

    91. बना मेरा दुश्मन ये सारा जमाना

    92. दिल में क्या था उसके भाषण से पता लगता भी क्या

    93. मिली है ज़िन्दगी भरपूर जी ले

    94. घोडी उतर के तुझको ही फिर नाचना पड़े

    95. झपट ले जॉब सरकारी यहाँ की

    96. शायरी में वो जुगाड़ अपना लगा लेता है

    97. जो फ्री स्टे का होटल से पैग़ाम आया

    98. दुश्मन न दोस्त है कोई भी राजनीति में

    99. एक बार गाने को बोला

    100. चाहता है तू उसे बरसों से

    101. किस क़दर लाचार इक सरकारी नौकर

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