Discover millions of ebooks, audiobooks, and so much more with a free trial

Only $11.99/month after trial. Cancel anytime.

21 Shreshth Lok Kathayein : Madhya Pradesh (21 श्रेष्ठ लोक कथाएं : मध्य प्रदेश)
21 Shreshth Lok Kathayein : Madhya Pradesh (21 श्रेष्ठ लोक कथाएं : मध्य प्रदेश)
21 Shreshth Lok Kathayein : Madhya Pradesh (21 श्रेष्ठ लोक कथाएं : मध्य प्रदेश)
Ebook87 pages41 minutes

21 Shreshth Lok Kathayein : Madhya Pradesh (21 श्रेष्ठ लोक कथाएं : मध्य प्रदेश)

Rating: 0 out of 5 stars

()

Read preview

About this ebook

भारत एक विशाल देश है, जिसमें अनेकों सभ्यताओं, परंपराओं का समावेश है। विभिन्न राज्यों के पर्व-त्योहार, रहन-सहन का ढंग, शैक्षिक अवस्था, वर्तमान और भविष्य का चिंतन, भोजन की विधियां, सांस्कृतिक विकास, मुहावरे, पोशाक और उत्सव इत्यादि की जानकारी कथा-कहानी के माध्यम से भी मिलती है। भारत के सभी प्रदेशों के निवासी साहित्य के माध्यम से एक-दूसरे को जानें, समझें और प्रभावित हो सके, ऐसा साहित्य उपलब्ध करवाना हमारा प्रमुख उद्देश्य है। भारत की आजादी के 75 वर्ष (अमृत महोत्सव) पूर्ण होने पर डायमंड बुक्स द्वारा 'भारत कथा माला' का अद्भुत प्रकाशन।
Languageहिन्दी
PublisherDiamond Books
Release dateJun 3, 2022
ISBN9789390730292
21 Shreshth Lok Kathayein : Madhya Pradesh (21 श्रेष्ठ लोक कथाएं : मध्य प्रदेश)

Related to 21 Shreshth Lok Kathayein

Related ebooks

Reviews for 21 Shreshth Lok Kathayein

Rating: 0 out of 5 stars
0 ratings

0 ratings0 reviews

What did you think?

Tap to rate

Review must be at least 10 words

    Book preview

    21 Shreshth Lok Kathayein - Acharya Sanjeev Varma 'Salil'

    भारत कथा माला

    21 श्रेष्ठ लोक कथाएं

    मध्यप्रदेश

    eISBN: 978-93-90730-29-2
    © प्रकाशकाधीन
    प्रकाशक डायमंड पॉकेट बुक्स (प्रा.) लि.
    X-30 ओखला इंडस्ट्रियल एरिया, फेज-II
    नई दिल्ली- 110020
    फोन : 011-40712200
    ई-मेल : ebooks@dpb.in
    वेबसाइट : www.diamondbook.in
    संस्करण : 2022
    21 Shreshth Lok Kathayein, Madhya Pradesh
    By - Acharya Sanjeev Varma ‘Salil’

    प्रकाशकीय

    मैं कई वर्षों से चिंतन कर रहा था, कुछ ऐसा साहित्य प्रस्तुत किया जाये जिसमें भारत के जन साहित्य का प्रतिनिधित्व हो सके।

    हर वर्ष एक नया प्रयोग करने की इच्छा के अनुरूप 1 जनवरी, 2021 की सुबह मैंने यह संकल्प लिया कि ‘भारत कथा माला’ उभरते हुए रचनाकारों की रचनाओं को प्रकाशित किया जाए। यहीं से भारत कथा माला का जन्म हुआ।

    स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ (अमृत महोत्सव) पर डायमंड बुक्स द्वारा 28 राज्यों और 9 केंद्र शासित प्रदेशों की विभिन्न भारतीय भाषाओं की हिन्दी में रचनाएं प्रकाशित की हैं जिसमें प्रत्येक राज्य से चार पुस्तकें 21 श्रेष्ठ नारीमन की कहानियां, 21 श्रेष्ठ बालमन की कहानियां, 21 श्रेष्ठ युवामन की कहानियां और 21 लोक-कथाएं शामिल हैं।

    इस कथा माला में शामिल रचनाकार पष्प के समान हैं जिनमें साहित्य की महक मौजूद है, जिनके हर फूल में सुगंध है। मैं उन सभी कलम के जादूगरों व कलम के सिपाहियों, जिन्होंने अपनी श्रुति, स्मृति और विद्या से इस कथा माला को संवारा, अभिनन्दन करता हूं।

    भारत कथा माला के द्वारा मुझे अवसर मिला है कि इसके हर पुष्प को मैं समर्पित करूं। एक प्रकाशक के रूप में मैं उन सबका ऋणी हूं, जिन्होंने मेरी 60 वर्षों की प्रकाशन यात्रा में गर्व करने का अवसर दिया।

    यह पुस्तक समर्पित है,
    मध्यप्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री, शिवराज सिंह चौहान जी को।

    मेरा मत है कि भारत एक विशाल देश है, जिसमें अनेक सभ्यताओं, परंपराओं का समावेश है। विभिन्न राज्यों के त्योहार पर्व, रहन-सहन का ढंग, शैक्षिक अवस्था, वर्तमान और भविष्य का चिंतन, भोजन की विधियां, सांस्कृतिक विकास, मुहावरे, पोशाक और उत्सव इत्यादि की जानकारी भी कथा-कहानी के माध्यम से मिलती है। इस बात का ध्यान रखते हुए कि भारत के सभी प्रदेशों के निवासी, साहित्य के माध्यम से एक-दूसरे को जानें, समझें और प्रभावित हो सकें, इसलिए ऐसा साहित्य उपलब्ध करवाना हमारा प्रमुख उद्देश्य बन गया था। 2 साल की कड़ी मेहनत के बाद डायमंड बुक्स द्वारा इस वर्ष ‘भारत कथा माला’ का प्रकाशन संभव हुआ। 28 राज्यों और 9 केन्द्र शासित प्रदेशों के लगभग 3000 लेखकों और 100 सम्पादकों की अथक मेहनत का परिणाम है ‘भारत कथा माला’। इस कथा माला में लगभग 126 पुस्तकें प्रकाशित हुईं जिनमें 3000 से अधिक रचनाओं को शामिल किया गया है। ‘अमृत महोत्सव’ की इस पावन बेला पर यह एक महती कार्य हुआ है जो हिन्दी के पाठकों के लिए एक अलग तरह का अनुभव प्रदान करेगा।

    डायमंड बुक्स ने अपनी लम्बी यात्रा में हिन्दी, अंग्रेजी और भारत की अन्य प्रमुख बारह भारतीय भाषाओं में लगभग दस हजार से अधिक पुस्तकें प्रकाशित की हैं। प्रतिदिन एक पुस्तक प्रकाशित करने का हमारा रिकॉर्ड आज भी कायम है।

    यह प्रेरणा हमें अपने दादा जी से मिली, जिन्होंने 1928 में मुलतान (पाकिस्तान) से प्रकाशन शुरू किया, यह प्रकाशन यात्रा दिल्ली में 1948 से शुरू हुई और अब चौथी पीढ़ी तक अनवरत चली आ रही है।

    नरेन्द्र कुमार वर्मा

    nk@dpb.in

    लोककथा उद्भव और विकास

    आदिमानव ने प्रकृति के साहचर्य में ध्वनियों को ग्रहण कर उनके माध्यम से मिल रही अनुभूतियों को अभिव्यक्त कर अपने मन की बात अन्य साथियों तक पहुँचाने की कला और सामर्थ्य का विकास कर अन्य जीवों को पीछे छोड़ दिया। पीढ़ियों

    Enjoying the preview?
    Page 1 of 1