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मीठी पर्चियाँ (पाती अहसासों की)
मीठी पर्चियाँ (पाती अहसासों की)
मीठी पर्चियाँ (पाती अहसासों की)
Ebook76 pages34 minutes

मीठी पर्चियाँ (पाती अहसासों की)

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About this ebook

किसी ने बताया नहीं था, पर बचपन में ही यह जान लिया था कि कविताओं में प्रेम का और प्रेम में कविताओं का बड़ा महत्व है. लिखने वाले कलम चलाते हुए कुदरत और क्रांति तक भी पहुंचे, पर ज्यादातर जिंदगियों में पद्य का आगमन बरास्ते प्रेम ही हुआ. होश संभालने के बाद मैंने जो पहली कविता लिखी, वह आधी-अधूरी प्रेम कविता ही थी. साहित्य का संभवत: सबसे लाडला विषय प्रेम ही है. चाहे फिर वो दोस्ती हो, इश्क़ हो या वात्सल्य हो।

ऐसे ही आपके लिए प्रस्तुत हैं कुछ मीठी पर्चियाँ और कविताएँ जो आपके दिल को नहीं वरन रूह को भी छू जाएँगी।

उम्मीद है आपको पसंद आएँगी ...

Languageहिन्दी
PublisherSweta Parmar
Release dateJul 17, 2021
ISBN9780463895252
मीठी पर्चियाँ (पाती अहसासों की)
Author

Sweta Parmar

An Author / writer/ poet who believes that life when, where, how takes turn , you never know so never let your hope die and keep moving to win for sure fighting any obstacle with confidence.She belongs to the ‘pink city’ of Jaipur. After completing her education, she landed in Delhi to become a skilled home-maker. Her talent of carving down her spontaneous thoughts inspired her to pen down her feelings in the book. Her extemporaneous mentation will certainly hypnotize the readers.

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    मीठी पर्चियाँ (पाती अहसासों की) - Sweta Parmar

    मीठी पर्चियाँ

    (पाती अहसासों की)

    स्वेता निक्की परमार

    हर वक्त बड़े प्यार से कहता है वो

    तेरे है हम!!!

    जब आया मौक़ा निभाने का तो पूछने लगा

    क्या मेरे हो तुम!

    परिचय

    स्वेता परमार निक्की का जन्म अप्रैल 1976 में राजस्थान की गुलाबीनगरी जयपुर में हुआ। स्कूली शिक्षा  भी यहीं से हुई।राजस्थान विश्वविद्यालय से इंग्लिश औनर्स किया, तदुपरंत हरियाणा के रोहतक स्थित महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से बी.एड. पूरी की। विवाह के बाद पहले दिल्ली और अब उत्तर प्रदेश में अपने परिवार के साथ रहती हैं।अपनी बेटी को अपना सबसे बड़ा मार्गदर्शक मानती है।

    पेशे से बिज़्निस्वुमन होने के बावजूद उनका मन लेखनी में ही रमता है। उनकी-

    इन सभी पुस्तकों में उन्होंने ज़िंदगी के तमाम अहसासों-भावनाओं को बड़ी सहजता से पेश किया है जिसे पाठकों ने ख़ूब पसंद किया है। उनकी रचनाओं एवं उनके द्वारा खींचे गए चित्रों को एक अंतरराष्ट्रीय मैगज़ीन ‘डब्लू & आर्ट’(अंग्रेज़ी) में शामिल किया गया है और उनकी कविताओं व फ़ोटोग्राफ़ी को अंतर्रष्ट्रिया स्तर पर प्रकाशित पुस्तक ‘द पोयट्री कैफ़े’ (अंग्रेज़ी) में प्रकाशित किया गया है।

    इन सबके अलावा स्वेता ने लगभग ग्यारह पुस्तकों का हिंदी अनुवाद भी किया है जिनमें जॉर्ज ओरवेल्ल, रस्किन बॉंड, नपोलीयन हिल, श्री श्री श्री रविशंकर ... आदि की पुस्तकें शामिल हैं।

    उनके मन से निकले विचारों को सहज रूप से काग़ज़ में उकेरने की प्रतिभा ने पाठकों को उनकी रचनाओं की ओर आकर्षित किया है और अब वो अपने प्रिय पाठकों के बीच एक उभरता नाम हैं।

    पुस्तकें, ईबुक और ब्लॉग आपको गूगल में मिल जाएँगे।

    https://linktr.ee/swetaparmar

    अभिसार

    किसी ने बताया नहीं था, पर बचपन में ही यह जान लिया था कि कविताओं में प्रेम का और प्रेम में कविताओं का बड़ा महत्व है. लिखने वाले कलम चलाते हुए कुदरत और क्रांति तक भी पहुंचे, पर ज्यादातर जिंदगियों में पद्य का आगमन बरास्ते प्रेम ही हुआ. होश संभालने के बाद मैंने जो पहली कविता लिखी, वह आधी-अधूरी प्रेम कविता ही थी. साहित्य का संभवत: सबसे लाडला विषय प्रेम ही है. चाहे फिर वो दोस्ती हो, इश्क़ हो या वात्सल्य हो।
    ऐसे ही आपके लिए प्रस्तुत हैं कुछ मीठी पर्चियाँ और कविताएँ जो आपके दिल को नहीं वरन रूह को भी छू जाएँगी।
    उम्मीद है आपको पसंद आएँगी ...

    अनुक्रमणिका

    मीठी पर्चियाँ
    १.सुबह
    २. जाने-अनजाने
    ३. नादान परिंदे
    ४. अकेला नहीं जा सकता
    मीठी पर्चियाँ
    ५. . चाह
    ६. तन्हाई
    ७.वक़्त
        ८. ज़िंदगी
        ९. अनोखे ढंग
        १०. हालत
        ११. याद
    मीठी पर्चियाँ
    १२. शून्य
    १३. ख़्वाब
    १४. दो लफ्ज़
    १५. हार जीत
    १६. फिर वही ख़्वाब
    १७. सुनो
    १८. अक्सर
    १९. सपना
    २०. दरख़्त
    २१. साथ
    २२. आज ज़िंदगी
    २३. चाँद
    २४. रूह
    २५. क़ैद
    २६. प्यार
    २७. दस्तूर
    २८. एक दिन
    २९. हक़
    ३०. रोशनी
    ३१. रिश्ते
    ३२. सोचा था
    ३३. कविता
    ३४. भीड़
    ३५. इश्क़
    ३६. अकेले
    ३७. अनजान
    ३८. हँसी
    ३९. तंहा
    ४०.
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