एहसास
By Aman Alok, Kumar Amit, Priti Pathak and
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About this ebook
"एहसास" उन सारे अल्फ़ाज़ों को एक नयी पहचान दे रहा है, जो कहीं ना कहीं आपके जहन में भी उभरता तो है लेकिन समय के साथ-साथ आप उसे कही दफ़ना रहे हैं। मैं अपने रचनाओं के साथ-साथ, इस किताब के जरिये उन तमाम लेखकों को भी एक नयी पहचान देना चाहता हूँ, जिनके लेख को इस किताब में संपादित किया गया है। बस हमारी यही कोशिश है कि हम अपने इस किताब के जरिये आपके एहसासों को दुबारा से आपके दिल में वही एक स्थान दे जिसके वो हक़दार है।
"इसके यादों में पिरोये शब्द, तेरी यादों का नतीजा है।
इसके सारे किस्से, हमारे इश्क जैसा पाकिज़ा है।।"
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एहसास - Aman Alok
एहसास
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एहसास
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एहसास
उन सारे अल्फ़ाज़ों को एक नयी पहचान दे रहा है, जो कहीं ना कहीं आपके जहन में भी उभरता तो है लेकिन समय के साथ-साथ आप उसे कही दफ़ना रहे हैं। मैं अपने रचनाओं के साथ-साथ, इस किताब के जरिये उन तमाम लेखकों को भी एक नयी पहचान देना चाहता हूँ, जिनके लेख को इस किताब में संपादित किया गया है। बस हमारी यही कोशिश है कि हम अपने इस किताब के जरिये आपके एहसासों को दुबारा से आपके दिल में वही एक स्थान दे जिसके वो हक़दार है।
"इसके यादों में पिरोये शब्द, तेरी यादों का नतीजा है।
इसके सारे किस्से, हमारे इश्क जैसा पाकिज़ा है।।"
About the Author
यह है अमन अलोक। ये मूल रूप से छपरा, जिला- सारण, बिहार के रहने वाले है।
ये वर्तमान में लोक नायक जय प्रकाश इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कॉलेज, छपरा से बी टेक इन सिविल इंजीनियरिंग के 3rd ईयर के स्टूडेंट है।
इन्होंने लगभग तीन साल पहले लिखना शुरु किया था और तब से इनकी लेखन कला में उत्कृष्टता आती ही रही है।
ये हिंदी के अलावा अंग्रेजी और उर्दू में भी नज़्में और कविता लिखते है।
यह है प्रीति पाठक। यह मूल रूप से गोरखपुर, यू पी कि रहने वली है।
ये वर्तमान में लोक नायक जय प्रकाश इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कॉलेज, छपरा से बी टेक इन इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक कि 2nd ईयर कि स्टूडेंट है।
इन्होंने आठवीं कक्षा से लिखना शुरू किया था और तब से लेकर अब तक में इनकी लेखनी में काफी उत्कृष्टता दिखाई दी है।
यह है नीलम श्रीवास्तव। यह मूल रूप से रामगढ़, झारखंडकि कि रहने वली है।
ये वर्तमान में राँची वोमन कॉलेज, राँची से बीबीए में स्नातक की उपाधि ग्रहण कर चुकि है।
यह है कुमार अमित। ये फारबिसगंज, जिला- अररिया बिहार के रहने वाले है।
वर्तमान में ये लोक नायक जय प्रकाश इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से बी टेक इन सिविल इंजीनियरिंग के 4th ईयर के छात्र हैं।
इन्होंने बी टेक के 2nd ईयर से लिखना शुरू किया था।
तब से अब तक इन्हें कई साहित्यिक मंचो के द्वारा सम्मानित एवं पुरस्कृत किया जा चुका है।
यह है अंजलि भगत। ये मूल रूप से फारबिसगंज, जिला- अररिया, बिहार की रहने वाली है।
ये वर्तमान में टी न बी कॉलेज, भागलपुर से बी एससी