Discover millions of ebooks, audiobooks, and so much more with a free trial

Only $11.99/month after trial. Cancel anytime.

मेरे ख़यालात
मेरे ख़यालात
मेरे ख़यालात
Ebook15 pages4 minutes

मेरे ख़यालात

Rating: 0 out of 5 stars

()

Read preview

About this ebook

About the book:
दीपक प्रजापत "निर्मोही " राजस्थान के जैसलमेर जिले से सम्बन्ध रखते है और राजस्थानी और हिंदी कविता के लेखन में कार्यरत है | हिंदी और राजस्थानी में लिखी लेखक की शानदार 10 कविताओ का संकलन कवि अपनी इस पुस्तक में किया है जो आपको बेहद रोमंचित और रूमानियत से भर देगी | लेखक जैसलमेर और राजस्थान से जुडी सांस्कृतिक गतिविधियों का अध्ययन कर उन्हें कविता के रूप में मूर्त रूप देने का सफल प्रयास कर रहे है जो पाठक इस अंश में अनभुव कर सकते है और इन्हें पढ़कर प्रेम और प्रणय की सुन्दर दास्तान से अभिभूत हो सकते है |
About the author:
दीपक प्रजापत "निर्मोही " राजस्थान के जैसलमेर जिले से सम्बन्ध रखते है और राजस्थानी और हिंदी कविता के लेखन में कार्यरत है
आप अभी शिक्षा के क्षेत्र में शोध कार्य में व्यस्त है और राजस्थानी और हिंदी के सम्मिश्रण से किस प्रकार सरल और सुरस कविताओ का लेखन किया जा सकता है इस हेतु निरंतर प्रयासरत है
वे जैसलमेर और राजस्थान से जुडी सांस्कृतिक गतिविधियों का अध्ययन कर उन्हें कविता के रूप में मूर्त रूप देने का सफल प्रयास कर रहे है जो पाठक इस अंश में अनभुव कर सकते है और इन्हें पढ़कर प्रेम और प्रणय की सुन्दर दास्तान से अभिभूत हो सकते है |

Languageहिन्दी
PublisherPencil
Release dateMar 25, 2022
ISBN9789356101579
मेरे ख़यालात

Related to मेरे ख़यालात

Related ebooks

Related categories

Reviews for मेरे ख़यालात

Rating: 0 out of 5 stars
0 ratings

0 ratings0 reviews

What did you think?

Tap to rate

Review must be at least 10 words

    Book preview

    मेरे ख़यालात - दीपक प्रजापत 'निर्मोही'

    Enjoying the preview?
    Page 1 of 1