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तेरे बगैर
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Ebook106 pages32 minutes

तेरे बगैर

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About this ebook

इस किताब में आपको ग़ज़ल नज़्म और शायरी इत्यादि बोहोत ख़ूबसूरत ढंग से लिखे हुए मिलेंगे | अगर आपने अपने स्कूल के दोरान या कभी भी इश्क़ किया है तो आपको मेरी यह पुस्तक काफी पसंद आने वाली है | इस पुस्तक में दोस्ती और प्यार के ऊपर काफी कुछ लिखा है जिससे आप काफी जुड़ा हुआ मेहसूस करेंगे |अगर आप दोस्ती vs प्यार के ऊपर पुस्तक पढना चाहते है तो यह पुस्तक आपके लिए ही है | आशा करूँगा की आपको मेरी यह पुस्तक काफी पसंद आएगी |

Languageहिन्दी
Release dateNov 23, 2022
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    तेरे बगैर - प्रिंस सिंह

    Gajal …

    तुम समजती क्यों नहीं…

    दोस्ती कितनी गहरी है हमारी तुम समझती क्‍यों नहीं

    ये सब खुदा की कलाकारी तुम समझती क्‍यों नहीं |

    मै सिर्फ दिल बहलाने के लिए बात नहीं करता था

    मुझे जरूरत है तुम्हारी तुम समझती क्‍यों नहीं |

    एक लड़का और लड़की कभी दोस्त नहीं हो सकते

    ये सब दुनियादारी तुम समझती क्‍यों नहीं |

    डॉक्टर बनने का सपना है मेडिकल कॉलेज में पढ़ती हो

    फिर ये इश्क की बिमारी तुम समझती क्‍यों नहीं |

    हर बार बात की शुरुवात मै ही नहीं कर सकता

    एक लड़के की खुद॒दारी तुम समझती क्‍यों नहीं |

    हर लोग सड़क पर चलते तुमको पाक नहीं कहेँगे

    है इश्क पर धिक्‍्कारी तुम समझती क्‍यों नहीं |

    तुम्हे मुझसे बेहतर कोई मित्र जाए कहना कितना आसान है

    पर मुझे आदत है तुम्हारी तुम समझती क्‍यों नहीं |

    माना की हफ्तों में ज्यादा वक़्त नहीं दे सकता

    है नौकरी सरकारी तुम समझती क्‍यों नहीं |

    तुम्हे राजा जैसा लड़का मिले तुम्हारे पापा का सपना है

    फिर इस प्रिंस की लाचारी तुम समझती क्‍यों नहीं ||

    स्कूल वाला इश्क….

    बड़ी छोटी उमर में हो गया स्कूल वाला इश्क़

    पहले सफ़र में हो गया स्कूल वाला इश्क़ |

    और वो छुट्टी के वक़्त उसने पीछे मुड़ के जो देखा

    उसी नज़र में हो गया स्कूल वाला इश्क़ |

    सुना है ल्रोग प्यार में राते बर्बाद करते है

    मुझे दोपहर में हो गया स्कूल वाला इश्क़ |

    कई साल गुजार दिए सिर्फ उसे देखते हुए

    इतनी फुर्सत में हो गया स्कूल्र वाला इश्क़ |

    पहली दफ़ा जब उसने आँखों में आंसू मेरे देखे

    फिर असर में हो गया स्कूल वाला इश्क़ |

    दुल्हन बना कर उसे जब अपने घर मैं ले आया

    फिर सबके खबर में हो गया स्कूल वाला इश्क़ |

    लोग अंदाज़े लगाते रह गए पर किसीको क्या पता

    प्रिंस के चक्कर में हो गया स्कूल वाला इश्क़ ||

    हां बोल कर ही ये हालत है

    अपने वादों से मुकरना चाहिए था |

    तनहा गली से गुज़रना चाहिए था |

    एक मोड़ पर ज़िन्दगी के जा कर पता चला

    हर मोड़ पर संभल्नना चाहिए था |

    नीचा दिखा ही देते है अक्सर बड़ी गाड़ी वाले

    पैदल ही चलना चाहिए था |

    उसी गली में जाकर हमको मोहब्बत का शोौंख़ हुआ

    अपना रास्ता बदलना चाहिए था |

    मै भी निकल पड़ा क्लास से दोस्तों के कहने पर

    उसका इंतज़ार करना चाहिए था |

    भरोसा कर लिया मैंने लोगो के झूठी बातो पर

    उसकी नज़रों को पढ़ना चाहिए था |

    और ख़ुशी की तरह बिल्कुल रोने के लिए भी

    मुझको कोई अपना चाहिए था |

    आखरी सांस पर ही जन्नत का एहसास हो जाता

    उसकी बाहों में मरना चाहिए था |

    बात जब तबियत पर आई तो जाकर पता चल्ला

    उसकी आँखों से बचना चाहिए था |

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