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Manchala मनचला
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Ebook148 pages32 minutes

Manchala मनचला

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About this ebook

Manchala is expression of love. manchala is self experience of author Pratik Verma through the poetry. Manchala is about most common experiences we all get, every youth can enjoy this poetry.
मनचला प्यार का इझहार है....! मनचला है एक कहानी, खुद के अनुभव कि, एक लेखक प्रतिक वर्मा के, कविता के माध्यम से. मनचला हमे आने वाले बहुत बार आने वाले अनुभव के बारे मै है. हर एक युवा के अनुभव के बारे मै.

Languageहिन्दी
PublisherPratik Verma
Release dateMar 18, 2020
ISBN9780463773093
Manchala मनचला

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Reviews for Manchala मनचला

Rating: 4.6 out of 5 stars
4.5/5

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  • Rating: 5 out of 5 stars
    5/5
    Truly amazing, you will get what you deserve in life and beautiful poetry from your heart
  • Rating: 4 out of 5 stars
    4/5
    It is a feeling expressed from the core of my heart. Read it, sing it and enjoy my world.....
    With all due respect to everyone who are, were and will be a part of my life..
  • Rating: 4 out of 5 stars
    4/5
    Amazing words from Pratik Verma. Well written poetry good going

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Manchala मनचला - Pratik Verma

जाऊं कहां मैं तेरे बिना

बता मुझे ऐ मेरे हमसफर

तेरी लत लगी है मुझे

पीने दे तेरी हर नजर

कतरा कतरा कर मैंने

इस प्यार के सागर को बनाया है

तू जो नहीं तो कुछ भी नहीं

हर जगह सिर्फ तेरा साया है

पास हो तुम मेरे

तो यह जहां मेरा है

दूर जो चली जाए तू

तो सिर्फ गम का बसेरा है

खुदा से यही मांगता हूं

बंद पलकों में सूरत हो तेरी

जब मैं ना रहूं

तो कबर में तस्वीर हो तेरी

सोचता हूं तुझे

सोचता हूं तुझे चाहता हूं तुझे

दिल में कशिश है पाने की तुझे

तेरा साया इशारे करें

पीछा करे दिल मेरा तू जहां-जहां चले

रुक जा कहता है समा

तू थम जा मेरी खातिर ए दिलरुबा

देख शाम होने को है

ढलता हुआ सूरज खोने को है

सुन ले मेरी पुकार अंधेरा होने को है

फिर ना यह शाम आएगी

रह जाएगी तो सिर्फ यह काली रात

सांसें मेरी कह रही है

तू देदे मेरा साथ

जब जब तू चलती है

जब जब तू चलती है

पायल तेरी ये बजती है

जब-जब पायल बजती है

सांसें मेरी हर मोड़ पर तरसती है

रोक दो इस पायल की छम छम को

मुड़ कर देखो जरा हमें

जी भर के देख लेने दो

कहीं ऐसा ना हो

पायल के घुंघरू टूट जाए

और आंखें तुम्हारी

हमें देखने के लिए तरस जाए

महसूस करने दो पायल की आंहटे

जी लेने दो चंद लम्हे

क्या पता फिर कभी

हो ना हो यह बरसाते

कह दो इस पायल से

हमें ऐसे जख्म ना दे

मरहम ना लगा सके तो क्या

घुंगरू समझकर हमदम बना ले

सुनती जा ए बरसात

सुनती जा ए बरसात की रात

थोड़ी जो रहे गई प्यार भरी बात

ले चल संग तू मुझे

ताकी छू सकू हर मोड पर तुझे

बरसने दे होठो से

भीग जाने दे इन लम्हो मे

बंद कर पलके मेरी

मेहसुस करने दे हर बूँद को तेरी

फिर उस मोड पर मै खडा रह जाऊंगा

तेरी राह तकते हुए

भिगने की कशिश में खो जाऊंगा

तुझे पुकारेंगे मेरे गीत

कभी कोयल के सुरीले संगीत

तू आना जरूर

कही प्यासी रैना जाये न बीत

पर

ना सोचने की कोशिश करता हूँ

पर सोचे बगैर रह नही पाता हूँ

भूलने की कोशिश करता हूँ

पर याद के बगैर सो नही पाता हूँ

मरने की कोशिश करता हूँ

पर तुझे छोड कर दूर जाना नही चाहता हूँ

कमजोर दिल को मजबूत बनाने की

कोशिश में खुद से ही हार जाता हूँ

चेहरे पर हँसी तो है पर

मन को रोने से रोक नही पाता हूँ

तुझसे नफ़रत तो बहुत करता हूँ

पर प्यार की हद में उसे भी भूल जाता हूँ

दारु

दारु के नशे को नशा ना समझना

मेरे गम का नशा इतना है

मैंकदे की

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