कुछ हिस्से प्यार के: शब्दो का जाल
By मोहित सोलंकी
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हर किसी कि ज़िन्दगी में प्यार का अहम किरदार होते है किसी की ज़िन्दगी में ये किरदार अच्छे होते है तो किसी के खराब पर फिर प्यार किसी ना किसी मायने में जुड़ा रहता है हम सब से। कोई प्यार जता देता है तो कोई बता देता और कुछ अपने दिल में हि इसे छुपा के रखता है, कभी दोस्ती टूट जाने के डर से तो कभी इश्क़ मुकम्मल ना होने के डर में सहमा रहता है बस ये नादान दिल है जो नादानियां करता रहता है और सारे दुःख दर्द को जानते हुए भी ये इश्क़ करता रहता है। किसी कि दिल की बात तो किसी के जुबां की बात इन शब्दों के जाल से कविताओं में पिरोई है, किसी के दिल के हालातो को तो किसी के अज़ीज़ से जुड़े प्यार के रिश्तों की अहमियत को संझोई है। प्यार की कोई सीमाएं नहीं है पर कुछ हिस्से को इस पुस्तक में बयां करने की इक चोटी कोशिश की है।
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