तेरा ख्याल
By हरेंद्र सिंह
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About this ebook
The book titled 'Tera Khyal' is the literature of love and affection in the form of poems Tera Khyal is not a collection of poems dipped in love but merely it's a love story.. Poems are from the different phases of an untold love story inspired by true events of Someone's life.
When you see my book
You will find affection
When you read the title
You will think of someone's face
When you hold the book
You will find yourself desiring to read
When you open the book
You will find a dedication to the love
When you read the book
You will find devotion to love
Once you feel it
You will feel love from the depths of your heart.
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Book preview
तेरा ख्याल - हरेंद्र सिंह
1
आओ भोले शंकर आओ
हर मोहल्ला हर घर आओ
आओ भोले शंकर आओ
उत्सव चहुँ ओर मना जब
आप ब्याहे माँ पार्वती को
जगदम्बा वो शक्तिस्वरूपा
जगतजननी उस सती को
भूत – प्रेत मिल बने बाराती
साक्षी हुए सब देवगण
वरमाला जो हुई प्रभु की
शंखनाद हुआ उस क्षण
भोले तुम्हारे विवाह को
आज हम उत्सव मनाते हैं
माँ पार्वती का संग हुआ
प्रभु अर्द्धनारीश्वर कहाते हैं
हमें भोला कर दो आप सा
प्रभु हमारे आँगन आओ
दो आशीष हाथ उठाकर
संग महाशिवरात्रि मनाओ
आओ भोले शंकर आओ
हर मोहल्ला हर घर आओ
आओ भोले शंकर आओ
2
सदियाँ बीत गईं तुझ बिन
पूछ न मेरे दिल का हाल
मुझे आज भी तेरी तमन्ना
मुझे आज भी तेरा ख्याल
तेरा चेहरा भर के आँखों में
तुझे समा के अपनी साँसों में
अपलक तुझे जब देखूँ मैं
तू भी न करना कोई सवाल
जिन पलों में हम अकेले हों
फिर बेशक लाख झमेले हों
तुम चुपके से मेरी बन जाना
तुम न करना कोई बवाल
तुझे खुदा से माँगूँ हाथ उठाऊँ
तुझी को अपना खुदा बनाऊँ
इबादत मेरी बढ़ती ही जाये
बीत रहे दिन महीने साल
3
तेरे सजदे में दिल भी झुका दूँगा
सर तो यूँ बहुतों ने झुकाया होगा
इश्क है कि फ़ना होने को बेताब है
यूँ तो इश्क बहुतों ने निभाया होगा
जी करता है एक बार मैं भी आजमा लूँ
यूँ तो इश्क बहुतों ने आजमाया होगा
बेपनाह इश्क है आँखों से बयाँ कर दूँ
लफ्जों से तुझे बहुतों ने बताया होगा
चैन चुराकर सताऊँ मैं भी एक बार
यूँ तो तुझे औरों ने भी सताया होगा
तमन्ना है तुझी में जीवन गुजार दूँ
तुझ बिन जीवन बहुतों ने बिताया होगा
मैं कहाँ हूँ किस हाल में हूँ तेरे बगैर
मेरा हाल इन हवाओं ने बताया होगा
मेरे जाने से बेशक तेरे आँसू न निकले
मुझे छोड़कर तू जरूर पछताया होगा
4
मेरे दिल की एक यही ख्वाइश है
तुम्हें हमेशा जवान रहना ही चाहिए
मिलना न मिलना नसीबों के हाथ है
निभा रहे हैं जैसा भी अपना साथ है
किसी रोज अपना मिलन होकर रहेगा
दिल में ये अरमान रहना ही चाहिए
तुम्हें हमेशा जवान रहना ही चाहिए
उम्र भर हम दोनों साथ रह नहीं सकते
खबर तुम्हें भी है पर कह नहीं सकते
तेरे दिल में चंद लम्हों को ही सही
मुझे मेहमान रहना ही चाहिए
तुम्हें हमेशा जवान रहना ही चाहिए
वक्त आएगा जब जिम्मेदारी बढ़ेगी
जिंदगी भी रोज नए किस्से गढ़ेगी
आने वाली पीढ़ी हमारी आशिकी पढ़ेगी
जिंदा अपनी दास्तान रहना ही चाहिए
तुम्हें हमेशा जवान रहना ही चाहिए
जिस लम्हा तेरा दिल मिलने को मचले
तू कदम उठाये और मेरी तरफ चले
उन लम्हों में तेरे पैरों के नीचे ज़मीँ
सर पे आसमान रहना ही चाहिए
तुम्हें हमेशा जवान रहना ही चाहिए
5
क्षितिज को छूते
अपने बलबूते
पंछी उड़ चला
आगे बढ़ चला
मंजिल दूर है
रास्ता भी मुश्किल
तन्हा लम्बा सफर है
बस वो और उसका दिल
खबर उसे भी है
मुश्किलें तो आनी है
कोई अनजानी है
कोई जानी – पहचानी है
मगर हौसला कहता है
इनसे पार पानी है
हौसले-किस्मत का खेल
खेल अभी जारी है
किस्मत बलवान है
या हौसला किस्मत पे भारी है
अगर जो थका नहीं
रास्ते में रुका नहीं
मुसीबतों से डरा नहीं
भय उसको जरा नहीं
अंतहीन सफर है ये
नए मंजर राह में आएँगे
कुछ रास्ता रोकेंगे
कुछ राह से भटकायेंगे
फिर भी बढ़ते जाना है
जहाँ उसका ठिकाना है
न गर्मी उसे सताएगी
न सर्दी ही डरायेगी
देख उसका हौसला