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Uchhisht Ganpati Sadhna उच्छिष्ट गणपति साधना
FromRajat Jain ? #Chanting and #Recitation of #Jain & #Hindu #Mantras and #Prayers
Uchhisht Ganpati Sadhna उच्छिष्ट गणपति साधना
FromRajat Jain ? #Chanting and #Recitation of #Jain & #Hindu #Mantras and #Prayers
ratings:
Length:
26 minutes
Released:
Aug 30, 2022
Format:
Podcast episode
Description
Uchhisht Ganpati Sadhna उच्छिष्ट गणपति साधना ◆ दक्षिणाचार साधना में शुचिता का ध्यान रखना परम आवश्यक होता है, लेकिन श्रीगणेश के उच्छिष्ट गणपति स्वरूप की साधना में शुचि-अशुचि का बंधन नहीं है। यह शीघ्र फल प्रदान करते हैं। प्राचीन ग्रंथों में इस बात का उल्लेख आता है कि पुराने समय में गणपति के इस स्वरूप या उच्छिष्ट चाण्डालिनी की साधना करने वाले अल्प भोजन से हजारों लोगों का भंडारा कर देते थे। कृत्या प्रयोग में इससे रक्षा होती है। गणेशजी के इस स्वरूप की पूजा, अर्चना और साधना से उच्च पद और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
कैसे होती है उच्छिष्ट गणपति की साधना
उच्छिष्ट गणपति की साधना में साधक का मुंह जूंठा होना चाहिए। जैसे पान, इलायची, सुपारी आदि कोई चीज साधना के समय मुंह में होनी चाहिए। अलग-अलग कामना के लिए अलग-अलग वस्तु का प्रयोग करना चाहिए।
* वशीकरण के लौंग और इलायची का प्रयोग करना चाहिए।
* किसी भी फल की कामना के लिए सुपारी का प्रयोग करना चाहिए। * अन्न या धन वृद्धि के लिए गुड़ का प्रयोग करना चाहिए।
* सर्वसिद्धि के लिए ताम्बुल का प्रयोग करना चाहिए। • 'ॐ हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा" • का जाप करने से आलस्य, निराशा, कलह, संकट आदि दूर हो सकते हैं.
कैसे होती है उच्छिष्ट गणपति की साधना
उच्छिष्ट गणपति की साधना में साधक का मुंह जूंठा होना चाहिए। जैसे पान, इलायची, सुपारी आदि कोई चीज साधना के समय मुंह में होनी चाहिए। अलग-अलग कामना के लिए अलग-अलग वस्तु का प्रयोग करना चाहिए।
* वशीकरण के लौंग और इलायची का प्रयोग करना चाहिए।
* किसी भी फल की कामना के लिए सुपारी का प्रयोग करना चाहिए। * अन्न या धन वृद्धि के लिए गुड़ का प्रयोग करना चाहिए।
* सर्वसिद्धि के लिए ताम्बुल का प्रयोग करना चाहिए। • 'ॐ हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा" • का जाप करने से आलस्य, निराशा, कलह, संकट आदि दूर हो सकते हैं.
Released:
Aug 30, 2022
Format:
Podcast episode
Titles in the series (100)
"Yaadein Toh Yaadein Hoti Hain" A poem by Satyavati Jain by Rajat Jain ? #Chanting and #Recitation of #Jain & #Hindu #Mantras and #Prayers