मसीह में मेरे आत्मिक अनुभव
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कोविड-19 का प्रकोप और उसके बाद संक्रमण की लहरें दुनिया भर के समुदायों के लिए मौत, दर्द और पीड़ा लेकर आईं। इस अंधेरे दौर में, जहां निराशा और नकारात्मकता हमारे अस्तित्व को ही चुनौती दे रही थी, केवल एक ही शक्ति थी जिसने मानवता को बचाए रखा। यह शक्ति विश्वास की थी, सर्वशक्तिमान में किसी के विश्वास की। इस कठिन समय के दौरान रचित, मसीह में मेरे आत्मिक अनुभव, इस विश्वास के स्रोत, हमारे प्रभु यीशु मसीह की पूजा करने और जश्न मनाने का एक प्रयास है। इसमें ऐसे गीत हैं जो सर्वशक्तिमान की महिमा और अनुग्रह को दर्शाते हैं और मसीह के महान बलिदान को दर्शाते हैं। साथ ही, इसमें जटिल मानवीय भावनाओं और चमत्कारिक प्राकृतिक दृश्यों का वर्णन है जो हमें अपने सृष्टिकर्ता की ओर विस्मय की दृष्टि से देखते हैं। इन्हीं भावों को जोड़ने के लिए लेखक ने काव्यात्मक रूप का प्रयोग किया है। मसीह के तीव्र स्वर्गीय वैभव की प्रशंसा करने वाले गीतों के इस गुलदस्ते में और मानवीय स्थिति को रेखांकित करने वाली कविताओं में, मसीह के बेजोड़ पवित्र जीवन की गंध, उनके दूसरे आगमन की प्रत्याशा और इसकी तैयारी का उत्साह है।
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मसीह में मेरे आत्मिक अनुभव - श्री क्लेमेंट कैम्ब्रिज सिंह
मसीह का जन्म
यीशु जन्मा है
कोरस:-देखो जन्मा है यीशु बैतलेहेम में (2)
हमारा तारणहारा बैतलेहेम में
हमारा पालनहारा बैतलेहेम मंे
हमारी मुक्ति का दाता बैतलेहेम में
1.अन्धेरी रात में गड़रियों तुम रहते
भेड़ों की ठण्ड में रखवाली करते
देखो आया उजाला बैतलेहेम में
एक राजा है आया बैतलेहेम में।
2.तुम हो मजूसी तीनों दिशाओं से
पाकर खुशखबरी सीधे आसमान से
अब तारे के पीछे चलो बैतलेहेम में
देखो बालक है सोया बैतलेहेम में
3.जहाँ के लोगों सोते क्यों हो
और अपने दुःखों पर रोते क्यों हो,
दुःख का मिटा अंधेरा बैतलेहेम में
देखो चमका है तारा बैतलेहेम में।
4.देखो देखो रे लोगों मरियम की खुशी
बालक और उसके चेहरे की हँसी
अब न होगा अन्धेरा बैतलेहेम में
देखो हमारा कफारा बैतलेहेम में
बेतलेहेम के बालक
कोरस:-बेतलेहेम के बालक मरियम का हार है
जग को बचाने आया, ये कैसा प्यार है
जय हो (3) सिहँासन वाले की जय हो, जय हो।
1.पिता के साथ को, ऊँचे आसमान को
दूतों से महिमागान, ऐश और आराम को
तूने तो सब है त्यागा, तू तारणहार है
खुद ही ने कष्ट सहा, यह कैसा प्यार है
जय हो, (3) दया के सागर की जय हा,े जय हो
2.पाप में रहते थे हम, जीवन बदहाल था
तिल तिल तड़पते रहते शैतानी जाल था
तुझ से न देखा गया, तू खेवनहार है
खुद ही ने कष्ट सहा, यह कैसा प्यार है
स्तुति हो (3) तारण हारे की स्तुति हो, स्तुति हो।
3.हम सब का जीवन बदला, तेरे ही प्यार से
हमको बचाने खातिर, उतरा आसमान से
पिता को छोड़ आया, तू पालनहार है
खुद ही ने कष्ट सहा, यह कैसा प्यार है
हम्द हो (3) पालनहारे की, हम्द हो, हम्द हो।
यरूशलेम में कैसी
कोरस:-यरूशलेम में कैसी भोर है
उसके बाहर ये कैसा शोर है
भीड़ है आती शोर मचाती (2)
गधे पर बैठा शान से आता, देखो कौन है?
वो है राजा (4) यीशु राजा (4)
1.सारे लोग ही आनन्द से आते
उसके मार्ग में डालियां बिछाते
झूम के गाते साज़ बजाते आया कौन है?
वो है राजा (4) यीशु राजा (4)
2.परमेश्वर के वादे की ख़ातिर
हम से उसके प्यार की ख़ातिर
बर्रा उसका भेजा हुआ (2) बोलो कौन है?
वो है राजा (4) यीशु राजा (4)
3.सूरत उसकी बिलकुल निराली
दुनिया में लायेगी जो खुशहाली
आन बान और शान से देखो (2) आता कौन है?
वो है राजा (4) यीशु राजा (4)
बैतलेहेम में आज
कोरस:-बैतलेहेम में आज देखो
साज़ों की आवाज देखो
उठ रहा है कैसा ये शोर
दूतगण गाते हैं झूम झूम जाते हैं
कुछ तो हो रहा है ज़रूर।
1.तुरही की आवाज है, वीणा और साज़ है।
ढोल और नगाड़ों का शोर
कुछ तो नया राग है, कुछ तो नयी बात है।
चलें हम बैतलेहेम की ओर।
2.देखो एक तारा कैसा दमकता
आसमान में कैसी शान से चमकता
आगे आगे बढ़ता जाता है।
हमको रिझाता रास्ता दिखाता
लगता है जैसे हो भोर।
3.आगे, आगे तारा, पीछे मजूसी
क्यों ये खुशी से जाते हैं
अच्छी पोशाकें पहने हाथ में उपहार लिये
खुशियों से ये गाते हैं।
4.कहते हैं बेतलेहेम में राजा एक आता है
हम सब लोगों को पास बुलाता है
दुःख को हरेगा, शान्ति भी देगा
कैसा है देखें उसकी ओर।
हे मुक्तिदाता
कोरस:-हे मुक्तिदाता, खुदा के बेटे
तू जग में आया, प्रणाम तुझको
1.न देख पाया, हमारी हालत
शैतानी जालों में हम फँसे थे
हमारी हालत पर रहम खाया
तू जग में आया, प्रणाम तुझको।
2.रहता था स्वर्ग में, पिता की गोद में
सारी खुशी थी, तेरे पास में
हमारे पापों की खातिर जग में
सब छोड़ आया, प्रणाम तुझ को।
3.गुनाह के जाल और शैतानी फन्दों में
हम सब फँसे और जकड़े हुए थे
हमंे बचाने, स्वर्ग से उतर कर
जमीं पे आया, प्रणाम तुझ को।
4.सब खो रहे थे जहाँ के सुख में
मरते जाते थे घोर पाप में
स्वर्ग ले जाने हाथ पकड़ कर
तू पास आया, प्रणाम तुझ को।
मरियम की गोद में
कोरस:-मरियम की गोद में
देखो बालक है एक प्यारा
स्वर्ग से उतरकर दुनियाँ में आया
करने उद्धार हमारा ………… मरियम की।
1.भेंट करने आये मजूसी
देखकर एक तारे को
साथ उसके चलते गये फिर
देखने राजदुलारे को
कैसा प्रेम खुदा ने दिखाया
भेजा बेटा प्यारा ………… मरियम की।
2.गड़रिये भी रात मंे उठकर
देखते एक ज्योति को
स्वर्गदूतों के सुन्दर गाने
सुनते खुश, हो होकर
कैसा अदभुत दृश्य वो
जन्मा मुंजी हमारा ………… मरियम की।
3.यरूश्लेम का भाग्य बदला
राजा उन्हें एक मिला
पाप से उनको मुक्ति देगा
अपना खून बहा
जान अपनी क्रूस पर देकर
सारा बोझ उतारा ………… मरियम की।
ज्योति
कोरस:-ज्योति (2) स्वर्ग से आयी ज्योति
शान्ति (2) स्वर्ग से आयी शान्ति।
1.खुशी से उसको देखें सभी
अपने दिलों को खोलें सभी
स्थान अपने जीवन में देकर
शान्ति पायंे सभी …………. ज्योति ……..
2.पिता ने हमसे प्रेम किया
इकलौते पुत्र का दान दिया
उपहार को उसके स्वीकार करने
आओ चलें सभी …………. ज्योति ……..
3.सारे पाप अब धुलने को हैं
कठोर हृदय खुलने को हैं
धन्यवाद पिता को कहने
बेतलेहेम चलें सभी …………. ज्योति ……..
4.आनन्द मनाओ, नाचो झूमो
धन्य यीशु के कदमों को चूमो
सारे लोगों को संदेश देने
ज़ोर से गाओ सभी …………. ज्योति ……..
जलाली बादशाह
कोरस:-यीशु आसमाँ से उतरकर
दुनिया मंे फिर आ गया
आज इस धरती के ऊपर
कैसा जलाल सा छा गया।
जलाली बादशाह आ गया (2)
1.हम से वो प्यार करता है
बुराई से हमें बचाता है
किसी वस्तु की कमी न हो
ध्यान सदा वह रखता है
प्रकाश हमारे जीवन में
अब कैसा आ गया ……….. जलाली बादशाह …..
2.बदलना होगा