Discover millions of ebooks, audiobooks, and so much more with a free trial

Only $11.99/month after trial. Cancel anytime.

24 saal ki 24 kavitay
24 saal ki 24 kavitay
24 saal ki 24 kavitay
Ebook68 pages17 minutes

24 saal ki 24 kavitay

Rating: 0 out of 5 stars

()

Read preview

About this ebook

The book '24 saal ki 24 kavitay' is a reminiscence of the author's experiences expressed through poems. The poetess is a 24-year-old lady who tries to bring to you her expressions, inferences, and perspective about life through 24 exceptional poems. When it comes to

Languageहिन्दी
Release dateApr 20, 2024
ISBN9789362616517
24 saal ki 24 kavitay

Related to 24 saal ki 24 kavitay

Related ebooks

Related categories

Reviews for 24 saal ki 24 kavitay

Rating: 0 out of 5 stars
0 ratings

0 ratings0 reviews

What did you think?

Tap to rate

Review must be at least 10 words

    Book preview

    24 saal ki 24 kavitay - TAYYABA SHAH

    आभार

    प्रस्तुत कविता संग्रह में मैंने अपनी स्वरचित कविताओं को संकलित किया है। परमपिता परमेश्वर की असीम कृपा से इस पुस्तक के प्रेरणास्त्रोत मैं अपने पिता श्री मो. यासीन शाह एवं माता श्रीमती संजीदा बेगम को नमन करती हूँ व काव्य के प्रति रूचि रखने वाली यास्मीन आपी, नुमान जीजाजी और हमेशा साथ देने वाले आसिफ भाई का विशेष आभार जिन्होंने मेरी काव्य-कला को निरंतर बनाए रखने के लिये प्रेरित किया। इस काव्य रचना में विशेष सहयोग देने वाली मेरी गुरू डॉ. मणिमेखला शुक्ला मैडम के प्रति आभार व्यक्त करती हूँ। मेरे चिंतन के विषय का दायरा बढ़ाने वाले श्री बलराज ताम्रकार सर एवं श्री विक्रम ताम्रकार सर के प्रति अपना आभार व्यक्त करती हूं। मैं आभार व्यक्त करती हूँ डॉ. आशीष श्रीवास्तव सर का जिन्होंने अपना बहुमूल्य समय निकालकर इस किताब का टंकण किया और साहित्य के प्रति मेरे प्रेम को बढ़ावा दिया। मैं उन समस्त सहयोगियों का आभार व्यक्त करती हूं जिन्होंने प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष रूप से इस काव्य रचना के प्रकाशन में अपना सहयोग दिया।

    मैं धन्यवाद करती हूं ब्लूरोज़ पब्लिकेशन का जिसने मेरे इस कविता संग्रह के सपने को सच करके आपके समक्ष प्रस्तुत किया।

    -  तय्यबा शाह

    कवियत्री की कलम से

    आज मैं उम्र के 24वें पड़ाव पर हूँ और वर्ष भी सन् 2024 चल रहा है, यह कितना सुखद संयोग है जब मैं अपने इस 24वें पड़ाव पर अपनी 24 कविताएँ प्रकाशित कराने जा रही हूँ।

    अंक 24 हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखता है, जैसे कि एक दिन में 24

    Enjoying the preview?
    Page 1 of 1