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Shri Sai Stotra श्री साईं स्तोत्र
FromRajat Jain ? #Chanting and #Recitation of #Jain & #Hindu #Mantras and #Prayers
Shri Sai Stotra श्री साईं स्तोत्र
FromRajat Jain ? #Chanting and #Recitation of #Jain & #Hindu #Mantras and #Prayers
ratings:
Length:
5 minutes
Released:
Mar 11, 2022
Format:
Podcast episode
Description
Shri Sai Stotra श्री साईं स्तोत्र ◆ श्री साईं स्तोत्र के पाठ से न केवल मन शांत होगा अपितु इससे आपके संकट भी दूर होंगे। श्री साईं स्तोत्र के पाठ से शत्रु संकट, धन संकट, रोग आदि सब दूर होता है। संतान और वैवाहिक जीवन में सुख आता है। ◆ जय जय साईनाथा शुभ तव गाथा प्रकट ब्रह्म श्री संता ।
जय करुणसागर सब गुण आगर अलख-असीम अनंता ॥….(1)
जय सर्वज्ञानी अंतर्यामी अच्युत-अनूप-महंता ।
जय सिद्धिविनायक शुभफलदायक पालक जगत नियंता ॥….(2)
जय सृष्टि रचयिता धारणकर्ता सर्वश्रेष्ठ अभियंता ।
जय सर्वव्यापी परम प्रतापी प्रेम-पयोधि प्रशांता ॥….(3)
जय सहज कृपाला दीन दयाला प्रणतपाल भगवंता ।
जय सच्चिदानंदा प्रभु गोविंदा हिय कोमल अत्यंता ॥….(4)
जय जय अविनाशी मशिद निवासी परम पवित्र पुनीता ।
जय जनहिताकारी मुनिमनहारी सर्वसुलभ धीमंता ॥….(5)
जय जय शुभकारक अधमउद्धारक अतुलनीय बलवंता ।
जय कृपानिधाना सुह्रदसुजाना लोभ-मोह-मद हन्ता ॥….(6)
जय अहम निवारक चित्तसुधारक शुद्ध ह्रदय श्रीकांता ।
जय अजर-अजन्मा शुभ गुण धर्मा ध्यानलीन अति शांता ॥….(7)
जय नाथ निराला ह्रदय विशाला निरासक्त गुणवंता ।
जय वृति नियामक तृप्ति प्रदायक स्वयं सदगुरु दत्ता ॥….(8)
जय जय त्रिपुरारी कृष्ण मुरारी जय जय जय हनुमन्ता ।
जय साई भिखारी अति अनुरागी व्यापित सकल दिगंता ॥….(9)
गाऊँ तव लीला मधुर रसीला बोधपूर्ण वृतांता ।
बोलूँ कर जोड़ी स्तुति तोरी सुनहुँ प्रार्थना संता ॥….(10)
जय जय सन्यासी हरहूँ उदासी प्रेम देहुँ जीवंता ।
जय जय श्री साई अति प्रिय माई करुणा करहुँ तुरन्ता ॥….(11)
॥ ◆ ऊँ श्री साई ॥
◆
जय करुणसागर सब गुण आगर अलख-असीम अनंता ॥….(1)
जय सर्वज्ञानी अंतर्यामी अच्युत-अनूप-महंता ।
जय सिद्धिविनायक शुभफलदायक पालक जगत नियंता ॥….(2)
जय सृष्टि रचयिता धारणकर्ता सर्वश्रेष्ठ अभियंता ।
जय सर्वव्यापी परम प्रतापी प्रेम-पयोधि प्रशांता ॥….(3)
जय सहज कृपाला दीन दयाला प्रणतपाल भगवंता ।
जय सच्चिदानंदा प्रभु गोविंदा हिय कोमल अत्यंता ॥….(4)
जय जय अविनाशी मशिद निवासी परम पवित्र पुनीता ।
जय जनहिताकारी मुनिमनहारी सर्वसुलभ धीमंता ॥….(5)
जय जय शुभकारक अधमउद्धारक अतुलनीय बलवंता ।
जय कृपानिधाना सुह्रदसुजाना लोभ-मोह-मद हन्ता ॥….(6)
जय अहम निवारक चित्तसुधारक शुद्ध ह्रदय श्रीकांता ।
जय अजर-अजन्मा शुभ गुण धर्मा ध्यानलीन अति शांता ॥….(7)
जय नाथ निराला ह्रदय विशाला निरासक्त गुणवंता ।
जय वृति नियामक तृप्ति प्रदायक स्वयं सदगुरु दत्ता ॥….(8)
जय जय त्रिपुरारी कृष्ण मुरारी जय जय जय हनुमन्ता ।
जय साई भिखारी अति अनुरागी व्यापित सकल दिगंता ॥….(9)
गाऊँ तव लीला मधुर रसीला बोधपूर्ण वृतांता ।
बोलूँ कर जोड़ी स्तुति तोरी सुनहुँ प्रार्थना संता ॥….(10)
जय जय सन्यासी हरहूँ उदासी प्रेम देहुँ जीवंता ।
जय जय श्री साई अति प्रिय माई करुणा करहुँ तुरन्ता ॥….(11)
॥ ◆ ऊँ श्री साई ॥
◆
Released:
Mar 11, 2022
Format:
Podcast episode
Titles in the series (100)
Baglamukhi Dhyan Mantra बगलामुखी ध्यान मन्त्र by Rajat Jain ? #Chanting and #Recitation of #Jain & #Hindu #Mantras and #Prayers