कविता में विज्ञान -2 (पर्यावरण ज्ञान)
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एक किताब जो बच्चों को सरल हिंदी कविता की मदद से पर्यावरण के बारे में सीखने में मदद कर सकती है।
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कविता में विज्ञान -2 (पर्यावरण ज्ञान) - Indu Parashar
कविता में विज्ञान -2
पर्यावरण ज्ञान
इंदु पाराशर
Published by:
Sahityapedia Publishing
Noida, India – 201301
www.sahityapedia.com
Contact - +91-9618066119, publish@sahityapedia.com
Title: Kavita Mein Vigyaan -2 Paryavaran Gyaan
Author: Indu Parashar
Copyright © 2020 Indu Parashar
All Rights Reserved
First Edition – 2020
Format- Ebook
ISBN - 978-93-89100-81-5
This book is published in its present form after taking consent from the author & all reasonable efforts have been made to ensure that the content in this book is error-free. No part of this book may be reproduced, stored in or introduced into a retrieval system, or transmitted, in any form, or by any means (electrical, mechanical, photocopying, recording or otherwise) without the prior written permission of the author.
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अनुक्रमणिका
भूमिका
अपनी बात
परिचय
शुभकामना सन्देश – 1
शुभकामना सन्देश–2
प्रवाह संचित्र
खंड अ पर्यावरण
1) पर्यावरण
2) अजैविक (भौतिक) पर्यावरण
3) जलमंडल (Hydrosphere)
4) झील
5) तालाब
6) झरना
7) नदी
8) सागर
9) स्थल – मंडल
10) मिट्टी
11) पर्वत
12) पठार
13) वन
14) मैदान
15) मरुस्थल
16) टुंड्रा प्रदेश (ठंडे प्रदेश)
17) वायुमंडल (Atmosphere)
18) ओजोन परत
19) ग्रीन हाउस प्रभाव–1 (क्या है)
20) ग्रीन हाउस प्रभाव-2 (कैसे होता है?)
21) ग्रीन हाउस प्रभाव-3 (परिणाम)
22) ऊर्जा मंडल
23) सौर ऊर्जा–1
24) सौर ऊर्जा–2
25) भूतापीय ऊर्जा
26) प्रकृतिक स्रोतों का संरक्षण
27) जैविक पर्यावरण (जैवमंडल) (Biosphere)
28) प्रकृति में संतुलन
29) सजीव और निर्जीव
30) सजीवों में जीवन क्रियाएँ
31) बीज हूँ मैं
32) बीज से पौधे तक
33) पेड़
34) पेड़-पौधे और उनके प्रकार
35) पत्तियों में अनुकूलन
36) आओ देखें कितने मौसम
37) जल चक्र
38) नाइट्रोजन चक्र
39) कार्बन चक्र
40) ऑक्सीजन चक्र
41) जलचर
42) थलचर (जंगली और पालतू पशु)
43) पालतू पशु
44) जंगली पशु
(कुछ बहुत महत्वपूर्ण पर्यावरण मित्र जीव)
45)केंचुआ ( Earthwarm)
46) बाघ
47) गिद्ध
48) साँप
49) नभचर प्राणी
50) कीट पतंगे (लाभप्रद)
51) कीट पतंगे (हानि कारक)
52) अनुकूलन 1.
53) अनुकूलन 2.
54) सूक्ष्म जीवों का संसार
55) मित्र सूक्ष्मजीवी
56) शत्रु सूक्ष्मजीवी
57) वायरस कोरोना (कोविड-19) (महाकाल)
58) सामाजिक पर्यावरण
59) मानव विज्ञान और परिवेश भाग-1.
60) मानव विज्ञान और परिवेश भाग-2
61) पर्यावरण और मानव गतिविधियाँ
62) पर्यावरण और जनसंख्या वृद्धि
63) पर्यावरण और शहरीकरण
64) पर्यावरण और विकास
65) सामुदायिक स्वच्छता
66) संक्रामक रोग और उनकी रोकथाम
67) साफ सुथरा परिवेश
68) फिजूलखर्ची पर रोक (छोटी सी कुछ बातें)
69) ईंधन को बचाएँ
70) बिजली को बचाएँ
71) प्रकृति से छेड़छाड़ का परिणाम- कोरोना वायरस
खंड-ब पर्यावरण प्रदूषण
72) प्रदूषण
73) वायु उसके उपयोग और प्रदूषण
74) अशुद्ध वायु करे नुकसान
75) बिन पानी सब सून
76) जल संकट क्यों खड़ा हुआ?
77) जल संकट (ग्लोबल वार्मिंग)
78) जल संकट वाटर हार्वेस्टिंग
79) जल संकट (पुनर्चक्रण)
80) जल संकट (सागर से जल)
81) पैरों के काले निशाँ (कार्बन फुटप्रिंट)
82) पैरों के गीले निशाँ (वॉटर फुटप्रिंट)
83) भूमि उसका कटाव
84) भूमि प्रदूषण
85) भूमि प्रदूषण – 2 (नियंत्रण और बचाव)
86) ध्वनि प्रदूषण
87) ई–कचरा
88) विकिरण
89) हमारा व्यवहार 3 R (सबसे अधिक प्रभावी)
90) पर्यावरण और भारतीय प्राचीन परंपराएँ
––––––––
भूमिका
इंदु पाराशर जी बाल साहित्य का वह रचनात्मक जाना पहचाना नाम है जिन्होंने खेल खेल में बच्चों को विज्ञान सिखाने का आजीवन संकल्प लिया हुआ है। पूर्व में भी उनके द्वारा प्रकाशित कक्षाशः विज्ञान आधारित कविताओं के संग्रह प्रकाशित हुए हैं।
इंदु जी बड़ों का साहित्य भी लिखती हैं और बच्चों का साहित्य भी लिखती हैं किंतु उनके भीतर में बैठा एक विज्ञान शिक्षक उन्हें सदैव बाल साहित्यकार बनाए रखता है।
सद्य प्रकाशित होने वाला उनका काव्य संग्रह फिर से हम सबके हाथों में आने को तैयार है। कविता में विज्ञान विषय को लेकर इस बार वे 'पर्यावरण ज्ञान' को अपना लक्ष्य बनाकर कविताएं प्रकाशित करने वाली है। उन्होंने अत्यंत वैज्ञानिक ढंग से पर्यावरण ज्ञान को पृथक पृथक भागों में बांट कर अपनी रचनाएं लिखी है। जैविक पर्यावरण में जहां वे जल मंडल, थल मंडल, वायुमंडल और उर्जा मंडल पर अपनी कविताएं रख रही हैं वहीं जैविक पर्यावरण के अंतर्गत पेड़ पौधे, प्राणी जगत, सूक्ष्मजीवी जैसे विषय छूने का प्रयास किया है। सामाजिक पर्यावरण भी इन दिनों जन सामान्य के लिए रुचि का विषय बना है। अपने पाठकों के लिए उन्होंने सामाजिक पर्यावरण के