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Bikhra Sach
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सच को ईश्वर से जोड़ा गया है, ईश्वर है तो सच है और रहेगा ये सभी जानते हैं, बस उन्हीं में से कुछ त्रुटियाँ हटाकर गलत भावों, इरादों, संवादों में से छानकर जो भी आपके समक्ष पेश किया जाएगा, जो भी प्रयास होगा वहीं अब निखर कर आप सभी के समक्ष होगा वहीं निखरा सच भी कहा जायेगा। उसे निखार कर चमकाने और तराशने की आवश्यकता है। पुस्तक का यही उद्देश्य है और मेरा भी। सृष्टि के किसी भी कोण को अगर सुधारा जा सकता है तो वो है “मोहब्बत” सृष्टि के रचयिता ईश्वर का हम शुक्रिया करते हैं जिसने हमें इस धरती पे लाके हमारा उद्धार किया। हम उसका शुक्रिया जितनी बार करें उतना कम है। जीवन ईश्वर ने बख्शा और जिन्दगी माता-पिता ने। मैं भी इनमें एक हूँ। अच्छी शिक्षा, अच्छे संस्कार, अच्छा व्यक्ति तत्व में निखार हमारे माँ-बाप के प्रतिबिम्ब कहलाते हैं। कोशिश कर रही हूं। ये भी अपने आप को अच्छा बनाने की और प्रार्थना करती हूं गलती से भी कोई गलती न हो।
मेरे पहले दो संस्करण “अदृश्य सत्य” और “निखरा सच” दोनों को काफी सरहा गया तभी मैं अपना ये तीसरा संस्करण बिखरा सच लिखने का प्रयास कर रही हूं। जितना प्यार आपने मेरे पहले दो संस्करण को दिया है उतना उम्मीद करती हूँ। “बिखरा सच” को भी देंगे आप तभी जिसमें सच का एक पहलू “बिखरा” से आपका परिचय होगा और ये बिखरा सच आज से आपके जीवन से भी जुड़ जायेगा।
मेरे पहले दो संस्करण “अदृश्य सत्य” और “निखरा सच” दोनों को काफी सरहा गया तभी मैं अपना ये तीसरा संस्करण बिखरा सच लिखने का प्रयास कर रही हूं। जितना प्यार आपने मेरे पहले दो संस्करण को दिया है उतना उम्मीद करती हूँ। “बिखरा सच” को भी देंगे आप तभी जिसमें सच का एक पहलू “बिखरा” से आपका परिचय होगा और ये बिखरा सच आज से आपके जीवन से भी जुड़ जायेगा।
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Bikhra Sach - Vandna Girdhar
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