हुई हिक सिन्धी बोली
()
About this ebook
प्रिय बंधुओ, हम पाकिस्तान से विस्थापित होकर आए और हमारा सिंध प्रांत उसीके अधकार क्षेत्र में चला गया अतः सिन्धी के अस्तित्व को बचाए रखना हमारी पहली ज़िम्मेदारी है. अतः मेरी कामना यही है कि सिन्धी के जो अवशेष शेष हैं उन्हें मिटटी में मिलने से बचाएं और उचित खाद पानी देकर पोषित करें. मैंने अपने ८ वर्षों के सृजन काल में हिंदी भाषा में काफी साहित्य सृजन किया है, मगर सिन्धी में ग़ज़ल विधा में सृजन मेरा प्रथम प्रयास है. इसका विचार सिन्धी माध्यम से प्राथमिक शिक्षा के आधार पर हिंदी के छंद विधान के अध्ययन के बाद मन में आया. सिन्धी का साहित्यिक ज्ञान अथवा उपाधि न होने से लेखन में गलतियाँ होना स्वाभाविक है अतः कृपया उनपर ध्यान न देकर ग़ज़लों का आनंद लें और अपनी प्रतिक्रिया द्वारा अनुग्रहीत करें.
कल्पना रामानी
६ जून १९५१ को उज्जैन में जन्म। कंप्यूटर से जुड़ने के बाद रचनात्मक सक्रियता। कहानियाँ, लघुकथाओं के अलावा गीत, गजल आदि छंद विधाओं में रुचि.लेखन की शुरुवात -सितम्बर २०११ सेरचनाएँ अनेक स्तरीय मुद्रित पत्र-पत्रिकाओं के साथ ही अंतर्जाल पर लगातार प्रकाशित होती रहती हैं।*प्रकाशित कृतियाँ-१)नवगीत संग्रह- “हौसलों के पंख”(२०१३-अंजुमन प्रकाशन)३)गीत-नवगीत- संग्रह-“खेतों ने ख़त लिखा”(२०१६-अयन प्रकाशन)४)ग़ज़ल संग्रह- संग्रह मैं ‘ग़ज़ल कहती रहूँगी’(२०१६ अयन प्रकाशन)*पुरस्कार व सम्मान-पूर्णिमा वर्मन(संपादक वेब पत्रिका-“अभिव्यक्ति-अनुभूति”)द्वारा मेरे प्रथम नवगीत संग्रह पर नवांकुर पुरस्कार से सम्मानित-कहानी प्रधान पत्रिका कथाबिम्ब में प्रकाशित कहानी 'कसाईखाना' कमलेश्वर स्मृति पुरस्कार से सम्मानित- कहानी 'अपने-अपने हिस्से की धूप" प्रतिलिपि कहानी प्रतियोगिता में प्रथम व लघुकथा "दासता के दाग" के लिए लघुकथा प्रतियोगिता में द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित*सम्प्रतिवर्तमान में वेब पर प्रकाशित होने वाली पत्रिका- अभिव्यक्ति-अनुभूति(संपादक/पूर्णिमा वर्मन) के सह-संपादक पद पर कार्यरत।
Read more from कल्पना रामानी
नित्य प्रार्थना कीजिये Rating: 4 out of 5 stars4/5बेटियाँ होंगी न जब Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsपरिणय के बाद Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsहौसलों के पंख Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsप्रलय से परिणय तक Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsबाँस की कुर्सी (गीत-नवगीत संग्रह) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकिताबें कहती हैं Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsपीली साड़ी Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsमूल जगत का- बेटियाँ Rating: 0 out of 5 stars0 ratings
Related to हुई हिक सिन्धी बोली
Related ebooks
हम एगो छोट पन्ना पर का लिखी? (भोजपुरी काव्य संग्रह) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsललका गुलाब Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsIs it life Rating: 5 out of 5 stars5/5Meri Pukar Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsDil ke Kalam se Kaagaz par Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsसोच की अय्याशी Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsतहज़ीब-ए-कलम: Anthology Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsApni Dastaan Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsगुमशुदा जिंदगी Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsशब्द शब्द गीत है Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsMemories Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsडफरं Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsमूल जगत का- बेटियाँ Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsLok-Lay (लोक-लय) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsबांधो नहीं मुझे (काव्य संग्रह) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsअंजुरी भर आंसू Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsझरना Jharna: Hindi Poetry Rating: 5 out of 5 stars5/5मेरियां इक्की गज़लां (गज़ल संग्रैह्) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsInaara Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsपल्लव, प्रेम के Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsबृंदा (एक भाव कलम से) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsउद्घोष Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsख़्वाबों से हकीकत का सफर Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsइस बात का क्या नाम दो Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsफिट्'टे मूंह तुंदा (डोगरी काह्'नी ते लेख संग्रैह्) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsMaut Se Sakschatkar Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsपाकीज़ा Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsMera Pyaar Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsBanful Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsMoon Par Honeymoon Rating: 0 out of 5 stars0 ratings
Related categories
Reviews for हुई हिक सिन्धी बोली
0 ratings0 reviews