फिट्'टे मूंह तुंदा (डोगरी काह्'नी ते लेख संग्रैह्)
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फिट्'टे मूंह तुंदा
(निक्की काह्'नीं)
रतन डोगरी ते डोगरी दे कलमकारें दे भविक्ख दे बारे च डूंह्'गा सोचे करदा हा। ओह् सोचै करदा हा जे फकीरे दे कनवीनर बनदे गै कलमकारें कियां उस्सी सिरै उप्पर चुकी लैता ऐ? हर पुस्तक विमोचन उप्पर फकीरे गी गै प्रधानता दित्ती जा करदी ऐ?
रत्न गी बिंद भी समझ निं ही आवै करदी जे फकीरा रातो-रात इन्ना अक्लमंद कियां होई गया ऐ, जां ए सारा कमाल डोगरी साहित्य अकादमी दिल्ली दा ऐ? जुन्नै उस्सी उस्सदा कनवीनर बनाया ऐ।
फिट्'टे मूंह तुंदा
(निक्की काह्'नीं)
रतन डोगरी ते डोगरी दे कलमकारें दे भविक्ख दे बारे च डूंह्'गा सोचे करदा हा। ओह् सोचै करदा हा जे फकीरे दे कनवीनर बनदे गै कलमकारें कियां उस्सी सिरै उप्पर चुकी लैता ऐ? हर पुस्तक विमोचन उप्पर फकीरे गी गै प्रधानता दित्ती जा करदी ऐ?
रत्न गी बिंद भी समझ निं ही आवै करदी जे फकीरा रातो-रात इन्ना अक्लमंद कियां होई गया ऐ, जां ए सारा कमाल डोगरी साहित्य अकादमी दिल्ली दा ऐ? जुन्नै उस्सी उस्सदा कनवीनर बनाया ऐ।
वर्जिन साहित्यपीठ
सम्पादक के पद पर कार्यरत
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फिट्'टे मूंह तुंदा (डोगरी काह्'नी ते लेख संग्रैह्) - वर्जिन साहित्यपीठ
प्रकाशक
वर्जिन साहित्यपीठ
78ए, अजय पार्क, गली नंबर 7, नया बाजार,
नजफगढ़, नयी दिल्ली 110043
सर्वाधिकार सुरक्षित
प्रथम संस्करण - जून 2018
ISBN
कॉपीराइट © 2018
वर्जिन साहित्यपीठ
कॉपीराइट
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फिट्'टे मूंह तुंदा
(डोगरी काह्'नी ते लेख संग्रैह्)
लेखक
इंदु भूषण बाली
वर्जिन साहित्यपीठ
इंदु भूषण बाली
साहित्य उपनाम : परवाज़ मनावरी
सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) का पीड़ित पूर्व कर्मचारी,
पत्रकार व समाजसेवक
एवं भारत के राष्ट्रपति पद का पूर्व प्रत्याशी
+917889843859, +918803205166
baliindubhushan@gmail.com
माता दा नां:
सुरगबासी श्रीमति आज्ञावंती बाली
पिता दा नां:
रायज़ादा सतगुर प्रकाश बाली
स्थाई पता = समीप महावीर मंदिर खौड़ कैंप डाकघर व तहसील खौड़
जिला जम्मू (जे&के) पिनकोड 181203
अस्थायी पता = डाकघर व तहसील ज्यौडियां, पिनकोड 181202
समर्पण
अपनी मां स्वर्गीय आज्ञावंती बाली दे आशीर्वाद कन्ने ए कताब मैं डोगरी दे उनें लखारियें, समाजसेवक ते अफसरें गी अर्पन करना जेह्'ड़े झूठे, मक्कार ते बेईमान गी मूंहै उप्पर फिट्'टे मूंह आखने दी जुर्रत रक्खन। सम्मानजोगेयो
जै हिन्द जै हिन्द
जै जै जै हिन्द
आशीर्वाद ते शुभकामनां
श्री इंदु भूषण बाली जी गी मैं व्यक्तिगत रूपै च पिछले 25 ब'रें थमां जाननां। ओह् इक मेधावी व्यक्तित्व दे मालक न ते ह'मेंशां अपनी गल्लें उप्पर कैम रोंह्'दे न। अपने हक उप्पर लड़नां ते देशप्रेम उन्दा लक्ष्य ऐ।
डोगरी गज़लें कन्ने ते अपनी कर्तव्यनिष्ठा कन्नैं समाज च इन्दा इक टकोदा थार ऐ।
इंदु भूषण बाली गी 'मेरियां इक्कीह् गज़लां' पुस्तक छापने उप्पर मेरा दिलीऽ आशीर्वाद ते शुभकामनां न।
डा. बी.डी शर्मा, पूर्व निदेशक,
जम्मू-कश्मीर स्वास्थ्य जम्मू
मैं मता अभारी आं
मैं कह् गलांह्, कियां गलांह्, कुस्सी गलांह् की जे किश लोकें दा साथ नेईं मिलदा तां एह् कताब कदें छपनीं गै नेईं ही। कीजे मैं मरी गे'दा होंना हा।
टीबी दा रोग