Discover millions of ebooks, audiobooks, and so much more with a free trial

Only $11.99/month after trial. Cancel anytime.

वैन गोह का अन्तरद्वंद: जीवन, कार्य और मानसिक रोग
वैन गोह का अन्तरद्वंद: जीवन, कार्य और मानसिक रोग
वैन गोह का अन्तरद्वंद: जीवन, कार्य और मानसिक रोग
Ebook99 pages52 minutes

वैन गोह का अन्तरद्वंद: जीवन, कार्य और मानसिक रोग

Rating: 0 out of 5 stars

()

Read preview

About this ebook

एक कलाकार के व्यावहारिक विचारों का वर्णन सैकड़ों हस्तलिखित पत्र में उपलब्ध हैं। इतिहास के सबसे प्रसिद्ध चित्रकारों में से एक के पीछे के जटिल दिमाग को खोज सकते हैं।


 


संघर्षरत कलाकार विन्सेंट वैन गोह ने अपने दिल का अनुसरण करने के लिए व्यावसायिक सफलता का त्याग किया। पूर्व में एक कला डीलर के क्लर्क के रूप में काम करते हुए, वह जानते थे कि जनता किस तरह के काम को पसंद करेगी। लेकिन उन्हें ग़रीबी, अलगाव और कष्टदायी प्रतिकूलता की कीमत पर ईमानदार रचनाएँ बनाने के लिए जनता से विमुख होना पड़ा।


 


जिसे उन्होंने अपनी "बर्बाद मालकिन" कहा, उसका पीछा करते हुए वैन गोह ने हमेशा अपने भाई, थियो, पर अपनी वित्तीय निर्भरता का अफ़सोस किया। उनका यह आग्रह कि रचनात्मक संग्रह के लिए महत्वपूर्ण कठिनाई महत्वपूर्ण थी, उनकी भावनात्मक विरासत बनी।


 


वैन गोह के अंतर्द्वंद में, आप इस चित्रकार की अत्याचार से भरी आत्मा में एक आकर्षक व्यक्तित्व की खोज करेंगे और उसका कलात्मक दृष्टिकोण उसके मानसिक स्वास्थ्य से कैसे प्रभावित हुआ यह भी देखेंगे। बारीक विश्लेषण और कलाकार के अपने पत्रों के साथ, वैन गोह विशेषज्ञ लिस्बेथ हेंक, पीएच.डी., आपको वैन गोह के कार्यों को एक नई रोशनी में देखने में मदद करने के लिए विचारशील अंतर्दृष्टि प्रदान करती हैं।



वैन गोह का अंतर्द्वंद: जीवन, कार्य और मानसिक रोग, वैन गोह के रहस्य कला-जीवनी श्रृंखला की प्रेरक दूसरी पुस्तक है। यदि आपको सुंदर गतिशील उद्धरण, उत्कृष्ट कृतियों के पीछे की कहानियां और एक प्रतिभा के व्यक्तिगत विचार पसंद हैं, तो आपको यह अंतरंग अध्ययन ज़रूर पसंद आएगा।

Languageहिन्दी
Release dateMay 3, 2022
ISBN9789493276345
वैन गोह का अन्तरद्वंद: जीवन, कार्य और मानसिक रोग

Related to वैन गोह का अन्तरद्वंद

Related ebooks

Reviews for वैन गोह का अन्तरद्वंद

Rating: 0 out of 5 stars
0 ratings

0 ratings0 reviews

What did you think?

Tap to rate

Review must be at least 10 words

    Book preview

    वैन गोह का अन्तरद्वंद - लीस्बेथ हेंक

    प्रस्तावना

    विन्सेंट वैन गोह एक प्रतिष्ठित कलाकार ही नहीं थे, बल्कि, एक बहुत ही कुशल पत्र-लेखक थे। उनके पत्र विश्व साहित्य में उत्तम उदाहरण की श्रेणी में आते हैं, जिन में सुंदर गद्य तथा अवलोकन की तीक्ष्णता प्रदर्शित होती है।उनके पत्र हमें उनकी आकांक्षाओं और प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं। वर्तमान में उनके द्वारा लिखे गए लगभग ८०० पत्रों का संग्रह उपलब्ध है, साथ ही उनके परिवार एवं मित्रों से प्राप्त ८३ पत्र भी उपलब्ध है। 

     इनके बहूत से पत्र वैन गोह के छोटे समूह के विद्वानो और कला इतिहासकारों के लिए ही नहीं है बल्कि व्यापक महत्व रखते हैं।भले ही कोई कला विद्वान हो या ना हो, उनके पत्र एक आकर्षक पठन सामग्री के रूप में मनुष्य जीवन के उतार चढ़ाव को प्रदर्शित करते हैं। जो उनके जुनून, डर एवं खेद के अधीन अस्तित्व रखते हैं। अपनी बुद्धिमत्ता के द्वारा उन्होंने अर्थपूर्ण ढंग से अपने विचारों को अभिव्यक्त किया है। उनके पत्र एक ऐसे व्यक्तित्व को प्रदर्शित करते हैं जिन्होंने कोई कार्य आधे अधूरे मन से नहीं किया। वैन गोह का व्यक्तित्व एक भावुक, बुद्धिमान और असीम ऊर्जा का धनी था। 

    बच्चे के रूप में खुद को वापस लेने की प्रवृत्ति की जिससे वोह उसे घर से विमुख करके सुनसान खेतों की ओर ले आते थे और वे मछली पकड़ने और कीड़े मारने लगते थे। वह अंतर्मुखी, अवसादग्रस्त, हटी और शकी थे। उनका चरित्र और पालन-पोषण से उनका जीवन सामान्य नहीं था। जिससे उनकी कलाकार बन्ने की इच्छा और जटिल हो गयी थी। 

    उनके पत्रों से यह स्पष्ट हुआ कि उन्होंने संघर्ष तथा पीड़ा को महत्व दिया। बाद में उन्हें ये आभासित हुआ कि एक कलाकार का जीवन संघर्ष से भरा है और उन्हें विश्वास था कि किसी को भी संघर्ष से व्यक्तिगत रूप से और पेशेवर रूप से सफलता प्राप्त होगी। 

    "भले ही मेरी एक क्षणिक अभिलाषा है कि जीवन चिंता मुक्त रहे, लेकिन बार बार मैं यही सोचता हूँ कि सघर्षपूरक कठिन जीवन ही अच्छा है, जिससे मुझे और सीखने का मौक़ा मिलता है। मेरा इतना ख़राब व्यक्तित्तव नहीं है कि वह बर्बादी का रास्ता बनाए।" - (पत्र २२६, द हेग, १२ या १३ मई १८८२)

    मेरा और शायद आपका जीवन, एक समय के बाद उतना प्रसन्नचित्त नहीं रहता जो पहले था।इसके बावजूद मैं वापस नहीं जाना चाहूँगा, क्योंकि कुछ कठिनाइया एवं विपरीत परिस्थितियो से कुछ ना कुछ अच्छा ही प्राप्त होगा, अर्थात उन भावनाओं की अभिव्यक्‍ति। - (पत्र २३५, द हेग, ३ जून १८८२)

    इस प्रकाशन में तीन महत्वपूर्ण विषयों को चुना गया है जो वैन गोह के अन्तरद्वंद को दर्शाते हैं।पहला के उन्होंने अपने को कलाकार के रूप में कैसे स्थापित किया और कैसे अपने भाई, थीओ, पर आश्रित होते हुए भी अपना आत्म सम्मान को बनाए रखा।जबकि उनकी कोई भी कलाकृति नहीं बिकी, यह उनके लिए सबसे बड़ी दुविधा थी। 

    दूसरी बात, विषय-वस्तु और चरित्र की दृष्टि से उनका कार्य कैसा होना चाहिए? उन्हें किस तरह का काम करना चाहिए? क्या उसे सार्वजनिक अभिरुचि के अनुरूप होना चाहिए या नहीं? क्यूँकि उन्होंने कला व्यवसाय में लगभग सात साल कार्य किया था, और विन्सेंट को अच्छी समझ थी कि कौनसी कलाकृति बिक सकती है और कौनसी नहीं।इसके बावजूद, उन्होंने निराशा में संघर्ष करते हुए अपनी गुणवत्ता की भावना का अनुगमन किया।

    और अंत में उसकी मानसिक अस्थिरता। ऐसा प्रतीत होता है कि वह कई वर्षों से 'घबराहट' से पीड़ित थे और यह किसी को ज्ञात नहीं हुआ जब तक वो आर्लस में थे। यह उनके लिए बड़ी चिंता का विषय था कि तनाव और चिंता के माध्यम से उनकी बीमारी समय के साथ फिर ना बिगड़ने लगे। 

    निम्नलिखित अवलोकन दिलचस्प है- लेकिन थोड़ा विचलित करने वाला भी है - हम सभी के लिए जो कलाकार के संघर्षों के बारे में जानना चाहते हैं।मूल रूप से विन्सेंट नहीं चाहते कि हम उनके निजी जीवन के बारे में जाने। वह एक कलाकार के जीवन की तुलना खून के धब्बों से करते है जो एक जन्म देने वाली महिला के कपड़े पर लगे होते हैं ।

    "..मुझे हमेशा ऐसा लगा है कि जब कोई कलाकार लोगों को अपना काम दिखाता है तो उसे अपने निजी जीवन के आंतरिक संघर्ष को अपने पास रखने का अधिकार होता है… - जब तक वो अपने इस बोझ को अपने किसी घनिष्ठ मित्र के सामने नहीं रखता।[...] एक कलाकार का काम और उसका निजी जीवन एक माँ तथा नवजात बच्चे की तरह होता है।आप उसके बच्चे को देख सकते हैं, लेकिन आप माँ के कपड़ों पर लगे खून के धब्बे

    Enjoying the preview?
    Page 1 of 1