उद्देश्य: आपकी आत्मा की भावुक यात्रा. एक अलग लेंस के ज़रिये जीवन को कैसे अनुभव किया जाए यह सीखना
By Rick Lindal
()
About this ebook
“क्या आपको यह लगता है कि आप जीवन में खो गये हैं? क्या आपकी भावनाएँ कभी-कभी आपको विव्हल कर देती हैं? क्या आपको यह अचरज होता है कि आपके साथ बुरी चीज़ें क्यों होती हैं?”
विभिन्न पृष्ठभूमि से आये पाठकों के लिए लिखी गई इस पुस्तक में हमारे जीवन की भावुक यात्रा की एक मनो-आध्यात्मिक जांच की गई है और हमें यह इस प्रश्न
Related to उद्देश्य
Related ebooks
Kahaniya Bolti Hai Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsदोराह (राह ए वफ़ा) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsखुशी का भ्रम Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsट्रैंक्विलिटी: उम्मीदों का गाँव Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsएक दार्शनिक की पुस्तिका: दर्शन 1, #1 Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsएक आधुनिक कुण्डलिनी तंत्र~ एक योगी की प्रेमकथा Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsद गॉड फैक्टर फ़ॉर सक्सेस एंड कंटेंटमेंट: हिन्दी अनुवाद Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsJivan Ki Uljhane'n : Evam Srimad Bhagwad Gita Dwara Unke Samadhaan Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsAatma Sutra - Aatma Ka Anavaran Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsJis Raah Jana Zaruri Hai... Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsLok Vyavhar Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsAnupasthit Pita (Absent Father Syndrome) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsजीवन जीना कैसे सीखें Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsHow to stop worrying & start living in Hindi - (Chinta Chhodo Sukh Se Jiyo) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsआत्मा मार्गदर्शक: जीवन यात्रा Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsTeri Meri Sex Story Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsउलझे दोराहे का सफर: Biography & Autobiography, #1 Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsविरोधी ताकतें Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsमानव का ईश्वर मे रूपांतर का रहस्य Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsध्यान भरे लम्हे: Meditative Moments Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsPersonality Development Course: Guide for complete makeover & changeover Rating: 5 out of 5 stars5/5@ Second Heaven.Com (@ सैकेंड हैवन.कॉम) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsद्वंद्व की दुविधा: पूर्ति की तलाश Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsJeet Nishchit Hai: A really motivational ideas that will prod you mfor success Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsअसाधारण उपलब्धि हासिल करना Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsS For Siddhi (एस फॉर सिद्धि) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsविरोधी ताकतें Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsनास्तिकता Rating: 0 out of 5 stars0 ratings
Reviews for उद्देश्य
0 ratings0 reviews
Book preview
उद्देश्य - Rick Lindal
स्लाइस ऑफ लाइफ : ए सेल्फ-हेल्प ओडिसी शीर्षक पुस्तक के पहले संस्करण की प्रशंसा
हमारे सामने लिंडल जीवन की पहेलीनुमा कहानी और
रिक्की के रोमांचों को पेश करते हैं. यह पुस्तक बड़ी खूबी से लिखी गयी है और अपने दृष्टिकोण में नवीन एवं ऊर्जावान है. पर यह केवल महान कहानी ही नहीं है, बल्कि एक शिक्षाप्रद माध्यम भी है जो इसके पढ़नेवालों को मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मिक ज्ञान देती है. इन रत्नों को वर्णन के दौरान मौलिकता और कुशलता के साथ बुना गया है जो पढ़ने वाले को आसानी से अपने साथ ले कर चलते हैं. मुख्य पात्रों में से एक
पुरानी आत्मा" है, जिसके के साथ रिक्वी का जीवन्त विनिमय होता है जो सहायताकांक्षियों के लिए उनके रास्ते में काफ़ी मददगार है. यह आंशिक आत्मकथात्मक और आंशिक कल्पनात्मक पुस्तक रोमांचक व्यक्तियों के लिए उत्कृष्ट पठन सामग्री है.
अदम क्रैबट्री – गैर-वैयक्तिक मनोचिकित्सक, और मल्टीपल मैन : एक्स्प्लोरेश्न्स इन पोजेसन एंड मल्टीपल पर्सनालिटी, फ्रॉम मेस्मेर टू फ्रायड: मेगनेटिक स्लीप एंड द रूट्स ऑफ साइकोलाजिकल हीलिंग, एंड ट्रांस जीरोः ब्रेकिंग द स्पेल ऑफ कांफोरमिटी के लेखक.
आइसलैंड की नाटकीय परिदृश्यों वाली पृष्ठभूमि में डा० लिंडल
पुरानी आत्मा नामक एक मार्गदर्शक आत्मा के साथ बातचीत के ज़रिये जीवन, मृत्यु और आध्यात्मिक विकास की शिक्षाप्रद समझ को बुनते हैं. मनोविज्ञान और अध्यात्म के पथ प्रदर्शकों द्वारा दिए गये ज्ञान को एक मनोरंजक समूचे के तौर पर एकीकृत किया गया है. मैं जोड़ना चाहता हूँ कि मार्गदर्शक आत्माएँ सम्पूर्ण सत्य हैं, क्योंकि 10 वर्षों के दौरान मैंने अह्तुन रे नामक एक बहुत ही बुद्धिमान और स्पष्ट आत्मा के साथ अवचेतन माध्यम केविन राईरसन के ज़रिये बातचीत की है. अहतुन रे से मैंने जो कुछ सीखा है उसमें से बहुत कुछ डा० लिंडल के वर्णन के अनुरूप है, जिसकी मैं निहायत ही सिफ़ारिश करता हूँ..
वाल्टर सेम्किव, एम डी, बोर्न अगेनः रिइनकार्नेशन केसेस इन्वोल्विंग एविडेंस ऑफ पास्ट लाइफ, इअन स्टीवेंसन, एम डी, के साथ जिन्होंने रिटर्न ऑफ रिवोल्युश्नरिज, सोल ग्रुप्स रियूनाइटेड और ओरिजिन ऑफ द सोल एंड द पर्पस ऑफ रिइनकार्नेशन जैसे जेनोग्लोसी केसेस पर शोध किया है. डा0 सेम्किव www.IISIS.net,संस्था जो पुनर्जन्म के वस्तुनिष्ठ प्रमाण पर केन्द्रित है,
के अध्यक्ष भी हैं.
रिक लिंडल ने इस शानदार पुस्तक में एक बहुत ही मुश्किल समझ को सरल बनाया है कि सृष्टि कैसी बनी और इसमें हमने अपनी वास्तविकता की रचना कैसे की. उन्होंने अपनी पुस्तक की रचना एक युवा लड़के के कहानी कहने के तरीके से की है जो वयस्क हो रहा है. उसका मुख्य मार्गदर्शक पुरानी आत्मा
(Old Soul
) है जिसके साथ वह बातचीत करता है और पुरानी आत्मा
उसे ज्ञान देता है ताकि वह पूरी तरह समझ सके और अपने जीवन में अपना निर्णय ले सके. किशोरावस्था से ले कर मरने के कुछ दिनों पहले तक किसी भी व्यक्ति के लिए यह एक अवश्य पढ़ने लायक
पुस्तक है ! वास्तविक यह एक आँखें खोलने वाली पुस्तक है ! आप चाहे उत्तरकाल में विश्वास करें या न करें, यह बहुत ही विचारोत्तेजक पठन सामग्री है. यह काफ़ी सारे मुद्दों का निपटारा करती है जिन्हें किसी आदमी को जीवन में सामना करना पड़ता है. यह हर उम्र वालों के लिए पढ़ने में काफ़ी आसान है. यह प्रासंगिक है, बिलकुल त्रुटिहीन तथा अत्यंत पेशेवर तरीके से लिखी गई है. आज की स्कूल व्यवस्था के डराने-धमकाने वाली चलन पर पूरा ज़ोर देते हुए, इस पुस्तक को हरेक स्कूल के पुस्तकालय, साथ ही सभी सार्वजनिक पुस्तकालयों में होना चाहिए. यह बहुत ही गहरा वर्षों तक इसके बारे में सोचते रहेंगे. यह जीवन के कई बड़े रहस्यों के अनुत्तरित प्रश्नों पर ध्यान केन्द्रित करती है. हमारी कामना केवल यही है कि काश हमने यह पुस्तक वर्षों पहले पढ़ी होती. बहुत कम पुस्तकों ने हमें वैसे प्रभावित किया है जैसे इस पुस्तक ने किया. हम इस पुस्तक की अत्यधिक सिफ़ारिश करते हैं !
डोनाल्ड पाइल और रे विलियम्स, पुरस्कार विजयी प्रसिद्ध यात्रा स्तम्भ लेखक जो समलैंगिक प्रकाशनों के लिए विश्व के एक छोर से दूसरे छोर तक लिखते हैं. आप उन्हें http://gaytravelersataol.blogspot.com पर ई-मेल कर सकते हैं.
अभी इस पुस्तक को मैंने दूसरी बार पढ़ी है. इसके अतिरिक्त मैं लेखक का ब्लाग पढ़ती हूँ. अब मैं पुस्तक की अवधारणाओं को और अधिक सम्पूर्णता से समझती हूँ. ये मेरे लिए बिलकुल नये थे, यद्यपि मैंने इसके बारे में बेशक सुना था और उन लोगों को जानती हूँ जो पुनर्जन्म में विश्वास रखते हैं. यह मजेदार बात है कि जब से मैंने इसको दूसरी बार पढ़ा है, अपने आस-पास के लोगों को पूछा है, वे पुनर्जन्म में विश्वास करते हैं या नहीं. मैं हैरान हूँ कि उनमें से ज़्यादातर ने बोला या तो वो विश्वास करते हैं या इसे दरकिनार नहीं कर सकते. इस पुस्तक में आप अवधारणाओं को चालाकी से एक बड़ा होते युवा लड़के की कहानी के ज़रिये खुलते हुए पायेंगे. वह अपने कामुक अभिमुखता को लेकर परेशान है, जिसे वह बचपन से देखते आ रहा है. इस पुस्तक में मैंने अवधारणाओं के बारे में जो सबसे पहेलीनुमा चीज़ पाया वह यह है कि आत्मा अपने अगले अवतार को ही चुनती है. काफ़ी इमानदारी से यह कुछ ऐसा है जो मेरे दिमाग में पहले कभी नहीं आया और इसने मेरे दिमाग को नये विचारों के एक पूरी शृंखला के लिए खोल दिया. रोज़ की दिनचर्या – किसी के गुस्से के चोट खाए बीमार लोगों से मिलना या उन युवाओं को समझना जिनके पास स्वलीनता के ज़रिये सम्पर्क साधने का कोई रास्ता नहीं है या जिसे हम सामान्य
जीवन कहें उसे व्यतीत करने का कभी कोई संयोग नहीं हुआ - से गुज़रते समय मैं इस पुस्तक को अपने दिमाग में गूंजते हुए पाती हूँ. मैं पाती हूँ कि इस अवधारणा के बारे में सोचना मुझे ऐसे मुद्दों से निपटने में सहायता करता है. कम से कम इसने मुझे जीत लिया है. और बहुत कुछ है जो मैं इस पुस्तक के बारे में कह सकती हूँ, लेकिन इसे पूरी तरह समझने के लिए आपको स्वयं पढ़ना होगा, जैसे मैंने किया. नवीनतमः यह मजेदार है. पिछले कुछ समय से विशेष स्थितियों के दौरान मैं इस पुस्तक को अपने पास वापिस आते हुए पायी हूँ. उन स्थितियों का सामना करने के लिए मैंने इसे बहुत ही लाभदायक पाया है. सही मायने में यह मेरे दिमाग और सोच में पूरी तरह से पैठ गई है.
गुडरीड्स. जुड़ी (बुकगर्लआरबोर्ग) की प्रोफाइल
अमेजान पर समीक्षाएँ
टोरंटो रीडर द्वारा
इस पुस्तक की पहली प्रति मैंने महीनों पहले ख़रीदी थी, इसे मैंने एक बार पढ़ा और एक मित्र को उधार दी, जि सने इसे अपनी माँ को उधार दिया. मैं अवधारणाओं के बारे में सोचता रहा और इसे दोबारा पढ़ना चाहा, इसलिए मैंने ख़ुद के लिए एक और प्रति ख़रीदी और तीसरी उधार देने के लिए. लेखक ने बड़े जटिल मुद्दे को मेरी समझ के लिए कहानी के रूप में आसानी से पेश कि ये हैं.
बेटर ब्रेन बेटर लाइफ द्वारा
कितनी आश्चर्यजनक पुस्तक है ! रिक लिंडल ने जि स तरीक़े से सेठ और वि क्टर फ्रेंकल के ज्ञान शिक्ष ण को लिया है और उन्हें सुलभ बनाया है वह मुझे पसंद आया. इस पुस्तक ने भाग्य और स्वतंत्र इच्छा के बीच सम्बन्ध को श्रेष्ठ रूप से संभाला है जि से मैंने अभी तक सामना कि या है. मूल आस्था ओं की शि क्षाओं को मैं अपने दैनि क जीवन में प्रयोग कर रहा हूँ. रिक्की के जीवन की व्यक्तिगत यात्रा और उसकी वि जय से मुझे सीखने में भी बहुत मज़ा आया. बिना टिप्पणियाँ लिखे या रेखांकित किये मैंने इसे पढ़ा है. इसे समाप्त करते ही मैंने फिर से पढ़ना शुरू कर दिया ताकि शिक्षाओं को मैं चिन्हांकित कर सकूं जो वास्तव में मुझसे कुछ कहा है. जो स्वयं को मन:-अध्यात्म के विकास पथ पर देखते हैं, मैं उन लोगों के लिए इस पुस्तक की अत्यधिक सिफ़ारिश करता हूँ.
डा० रोनाल्ड फिलर द्वारा
मनोविज्ञान के एसोसिएट प्रोफ़ेसर, राइडर विश्वविद्यालय
डा० रिक लिंडल द्वारा लिखित स्लाइस ऑफ लाइफ असाधारण स्पष्टता के साथ लिखी गई है और पढ़ने में पूरी तरह से मजेदार है. यह पुस्तक एक दिलचस्प कहानी के साथ-साथ पूर्ण जीवन का रास्ता संबंधी एक महत्वपूर्ण परख प्रदान करती है. यह निश्चित तौर पर एक उत्कृष्ट पठन है, दिलचस्पी और ज्ञान दोनों से भरी हुई. मैं इस पुस्तक को किसी के लिए भी, जो प्रतिफल देने वाले जीवन की खोज में है, सिफ़ारिश करता हूँ, मैं रिक के अगले प्रकाशन की आशा करता हूँ.
अमेजान किन्डल पर समीक्षाएँ
स्टेफेन आर्मस्ट्रांग द्वारा
क्या आपने कभी यह सोचा है कि अपने जीवन के बारे में चलचित्र देखना या नाटक देखना आपको कैसा लगेगा? केवल अपने जीवन को दोबारा गुज़रते हुए नहीं, अपितु यह देखना कि दूसरे पात्रों और स्थितियों ने आपको कैसे प्रभावित किया और आपने कैसे विकल्पों के दरवाज़े खोले ताकि वो आपको वहाँ तक ले आयें जहाँ आप हैं? यह पुस्तक आपको एक निर्देशक की आँख से यह देखने देती है कि आप अपने आपको और दूसरों को अपने जीवन से कैसे संबंधित करते हैं. यह आपको अस्थायी रूप से खुद से बाहर निकलने देती है और अपनी कई परतों को सभी कोणों से परखने देती है और यह देखने देती है कि वह कहानी लिखने के लिए, जिसे हम यह जीवन
कहते हैं, ख़ुद को और अपने अनुभवों को एक साथ कैसे फिट करते हैं. यह आपको थोड़ा और आगे जाने के लिए और आप क्या हैं उसका आनंद उठाने के लिए प्रोत्साहित करेगी. आप लेखक, निर्देशक, अभिनेता और दर्शक सब कुछ बन गये हैं.
फ्रैंक एम वाल्टन द्वारा
क्या खूब रहस्योद्धाटन है. डा० लिंडल और मेरा एक आपसी मित्र है, जिसने मेरे साथ यह पुस्तक साझी की. मैं स्वीकार करता हूँ कि कवर और शीर्षक ने एक ऐसी किताब की तरह मुझे नहीं खींची, जिसकी तरफ़ मैं सामान्य रूप से खींचा जाता हूँ (अध्यात्मिक, आमतौर पर बुद्धिस्ट या पूर्वी सोच). मेरे रात्रिस्तम्भ (नाईट स्टैंड) पर कुछ महीनों तक रहने के बाद मेरा मित्र शहर लौटा और मैंने सोचा कम से कम इसे सरसरी तौर पर देख लूं ताकि वापिस कर सकूं. यह मेरे लिए धीमा आरम्भ था, लेकिन मैं जीवन के सदमे में तब आया जब मैंने जल्द ही एहसास कर लिया कि इस सामग्री को मैं सिर्फ सरसरी तौर पर नहीं देख अक्सर मैं उछल पड़ता था. संक्षिप्त में यह जीवन के लिए गुटका है. मैंने कामना की काश मेरे पास यह पाठ्य पुस्तक 30 वर्ष पहले होती. निश्चित तौर पर यह मेरा काफ़ी समय बचा दिया होता यह समझने में कि हम यहाँ क्यों है. अगर आपने जीवन के रहस्य के बारे में कभी चिन्तन किया है, तो आप खुद के ऋणी हैं कि कम से कम आपने यहाँ की यात्रा की छानबीन तो की. अध्यात्म पर संभवतः यह एक ही काफ़ी महत्वपूर्ण कार्य है जिसे मैंने पढ़ा है.
व्यक्तिगत समीक्षात्मक टिप्पणियाँ
ऑड्रे जॉली द्वारा
मैंने वास्तव में स्लाइस ऑफ लाइफ पढ़ते हुए आनंद उठाया. काल्पनिक बौना और ओल्ड सोल जैसे पात्रों के साथ यह दिल को छू लेने वाली, सुलभ, सूचनाप्रद और विलक्षण पुस्तक है. कहानी में बहुत गहरे और विचारोत्तेजक अवधारणाएँ सन्निहित हैं. अपने उत्तरों को मैंने उन सब में पाया जिनका पुस्तक में खुलासा किया गया था. मैं इसे सप्ताहांत के लिए गाँव ले गयी और महसूस किया कि मैं विस्तारित रोमांच पर गयी थी ... एक दिलचस्प पठन जिसकी मैं अत्यधिक सिफ़ारिश करती हूँ.
पीटर बिल्लीएर्ट द्वारा
स्लाइस ऑफ लाइफ, जैसा कि यह कहती है एक आत्मसहायता ओडिसी है. रिक लिंडल ने हम सबसे साझा करने के लिए अपने जीवन का खुलासा किया है. ऐसा करके इसने मेरे जीवन की बृहत्तर समझ और उद्देश्य को मेरे लिए खोल दिया है. अब मैं यह समझता हूँ कि मूल आस्थाओं का क्या अर्थ है. अतीत में मैंने सत्ता को अपने जीवन की प्रेरणा शक्ति मानकर संघर्ष किया. मैं हर किसी की तुलना में बेहतर साबित होने की ओर संचालित हुआ. अब मैं समझता हूँ कि यह मेरी विशिष्टता है और मेरे विचार और मत हैं जो दूसरों के लिए विरोधाभास प्रदान करते हैं, वही महत्वपूर्ण है, ना कि सत्ता. इस पुस्तक ने मेरे दिमाग को संभावना के लिए खोल दिया है. यह किशोरों के पढ़ने के लिए अत्युत्तम पुस्तक हो सकती है. वे सब हमारी तरह संघर्ष कर रहे हैं कि वे हैं कौन और जो डर और घबराहट हम सब महसूस करते हैं, उसके साथ. यदि आप अपनी कामुकता, बदमाशी, मलाल के साथ आत्महत्या के विचारों से संघर्ष कर रहे हैं, इस पुस्तक को पढ़ें. मेरा विश्वास है यह आपको समझने में सहायता करेगी कि आप भी विशिष्ट हैं. शायद अब मैं अपने पुरानी आत्मा
को और ध्यान से सुनूंगा. पढ़ने में यह एक शानदार आसान पुस्तक है और मैं आशा करता हूँ कि यह आपको मेरी तरह उन आयामों तक ले जायेगी जिन्हें आप कभी नहीं जानते थे कि उनका अस्तित्व है.
मौरीन गोल्डस्टीन द्वारा
रिक, मैं सोचती हूँ कि तुम्हारी पुस्तक आज के समय के लिए उत्तम है. बहुआयामों को 3डी में जीने का एक स्वाभाविक विस्तार देने की तरह महसूस कराने का तुम्हारा एक अद्भुत तरीक़ा है और जैसे-जैसे हम रिक्वी की जागृति यात्रा में उसके साथ आगे बढ़ते हैं, हमारे पास स्वयं को जागृत करने का मौक़ा भी है. यह एक काल्पनिक कथा है जो कहानी से ज़्यादा वास्तविक है. आपने एक ऐसे बहाव के साथ आनन्द और आंतरिक रोमांच की जिज्ञासा को कैद क्रिया है जो मानक धारणाओं की सलाखों की अवहेलना करता है, जिससे हमारा आमतौर पर सामना होता है. इस पुस्तक को लिखने के लिए आपको धन्यवाद.
उद्देश्य:
आपकी आत्मा की भावुक यात्रा
एक अलग लेंस के ज़रिये जीवन को कैसे अनुभव किया जाए
यह सीखना
रिक लिंडल, पीएच. डी.
हिंदी अनुवाद
डा० अनिल चड्डा, पीएच.डी.
सम्पादन
देवदत्त यदुमणि नायक
हिन्दी शुद्धिकारक: प्रिय रंजन पाणिग्रही
कापीराइट © 2015 रिक लिंडल द्वारा सुरक्षित
सभी अधिकार सुरक्षित. प्रकाशक की पूर्व अनुमति के बिना इस प्रकाशन के किसी भी भाग की प्रतिलिपि नहीं बनाई जायेगी, वितरित नहीं किया जायेगा या फोटोकॉपी, रेकार्डिंग, तथा अन्य इलेक्ट्रॉनिक या यांत्रिक तरीक़ों समेत किसी भी रूप में या किसी भी तरह से प्रसारित नहीं किया जायेगा, तबके सिवाये जब कि कापीराइट क़ानून द्वारा अनुमतिप्राप्त संक्षिप्त उद्धरण जो आलोचनात्मक समीक्षाओं या दूसरे ग़ैर-व्यावसायिक उपयोगों में सम्मिलित किये गये हों. अनुमति की प्रार्थना के लिए प्रकाशक को निम्रलिखित पते पर ध्यान: अनुमतियाँ समन्वयक
को लिखें:
रिक लिंडल/लिंडल पब्लिशिंग कम्पनी
पीओ बॉक्स 361, ग्राफ्टन पीओ
ग्राफ्टन, ओंटेरियो, के0के 2जी0
कनाडा
www.thepurpose.ca
पुस्तक अभिन्यास © 2015 Balaji Selvadurai, India
कवर छवि शीर्षक: बेस्ट फ्रेंड्स
फोटोग्राफर : गुली वाल्स, रिकिविक, आइसलैंड.
फोटो गैलरी – https://www.flickr.com/photos/gullivals/
और फेसबुक: https://www.facebook.com/pages/Gulli-Vals-Photography/445697422136520
कवर डिजाईन : जिम बीसाकोव्सकी, bookdesign@shaw.ca
आर्डर के लिए सूचना:
मात्रा बिक्री. कारपोरेशनों, एसोसिएशनों और दूसरों के द्वारा मात्रा ख़रीद पर विशेष छूट उपलब्ध है. विवरण के लिए ऊपर दिए गये पते पर स्पेशल सेल्स डिपार्टमेंट
से सम्पर्क करें. उद्देश्य: आपकी आत्मा की भावुक यात्रा. एक अलग लेंस के ज़रिये जीवन को कैसे अनुभव किया जाए यह सीखना.
रिक लिंडल, पीएचडी – 2रा संस्करण
केससी आईएसबीएन 978-0-9937904-5-4
केससी आईएसबीएन 978-0-9937904-7-8 (e-book)
विषय-सूची
लेखक के बारे में
आभार
प्रस्तावना
भाग I
प्रस्तावना
आध्यात्मिक आयाम
अध्याय 1
समस्यात्मक लड़का
फॉर्म , लक्जमोट
गर्मी के दिन
कल्पित बौनों का देश
एक और आयाम
तुम्हारे भौतिक अस्तित्व का उद्देश्य
अध्याय 2
गर्मी का आनन्द और आत्मा का अस्तित्व
बू-कोल्ला की कहानी
अध्याय 3
होलर फॉर्म
प्रेम एवं सहवास
भाग II
अध्याय 4
ब्रम्हाण्ड का विकास
शरीर के महत्वपूर्ण पहलू
तुम स्वयं अपनी वास्तविकता की रचना करते हो
अध्याय 5
मूल आस्थाएँ और तुम्हारी
वास्तविकता पर उनका प्रभाव
भाग्य और सामंजस्य का विकास
स्वतन्त्र इच्छा
विशिष्टता
कार्य
संज्ञानात्मक विरोधाभास
आयु की वृद्धी
मृत्यु
प्रेतात्माओं का अस्तित्व
अध्याय 6
जागने की पुकार
ऐलान और कामुकता
अध्याय 7
मस्तिष्क की भावुक स्थितियाँ और तुम्हारी वास्तविकता पर उनका प्रभाव
प्रेम
भय और उत्सुकता
क्रोध
अवसाद
अध्याय 8
अपराध बोध
शासन
घृणा
प्रेम का उद्भव
अपने आंतरिक स्वभाव को जानने के बारे में
भव्य नाट्यशाला
भाग III
अध्याय 9
पाप के रास्ते पर
परिभाषा
पाप कृत्यों के उदाहरण
पाप से मेरी अपनी मुठभेड़
क्या पाप आवश्यक है?
पाप कैसे प्रकट होता है?
अध्याय 10
पाप के रास्ते पर (यह कैसे विकसित होता है)
चेतना की प्रकृति
मिथकों का मंत्रमुग्ध कर देने वाला प्रभाव
आवेग और अंतर्ज्ञान
आदर्श, कट्टर व्यवहार और पाप
अध्या य 11
मृत्यु के समीप
प्रार्थना एवं ज़िम्मेदारी
अनुशंसित पठन
परिशिष्ट ‘क’
डराने-धमकाने वाला, डराया-धमकाया गया और क्षमा
यह पुस्तक मेरे भाई त्रिगवी वी. लिंडल,
लेखक और कवि (1951 - ) को समर्पित है
ख़ुशी की देवी
उसके हल्के रंग के बाल हैं
माथे के ऊपर छोटे कटे हुए
(उसने श्रृंगार नहीं किया, क्योंकि वह जानती है कि उसे कोई प्रेम करता है),
और उससे तंदरुस्ती जगमगाती है
क्योंकि वह अपनी जवानी में है
और उसने थोड़े-से कष्ट सहे हैं.
उसकी मुस्कान निष्कपट है
लेकिन अच्छी है, क्योंकि
वह वैसी ही है.
बद्धे अभी आये नहीं.
माता-पिता की मृत्यु नहीं हुई;
न ही उसका पुरुष-मित्र उसे छोड़ा है
वह सोचती है कि
चीजें इसी तरह से हैं
और वास्तव में होनी चाहिए;
किसी रहस्यमय आवश्यकता के ज़रिये;
और इसीलिए वह सड़क पर चहलक़दमी करती है
निश्चिन्त, इस गर्मी की सुबह में.
कल्पना की सीमाएँ
लोगों को अस्तित्व के बाहर जाना चाहिए:
कि कोई इसकी थाह न पाए;
कि वो जो ओझल हो जाते हैं
फिर से कहीं और प्रकट नहीं होना चाहिए.
और हम इसकी कल्पना कर पाना मुश्किल पाते हैं
कि जो कुछ नहीं है उसे
कुछ बनना नहीं चाहिए
और इसलिए हमें ऐसे लोग होना चाहि ए कि कहीं
शहरों और जंगलों और सम्बन्धों के साथ
जो आश्वर्यजनक रूप से उसके समान होता है जिसे हम
पहले से जानते हैं और प्रेम करते हैं.
और हम इसे त्याग देने में बहुत मुश्किल पाते हैं
और इसलिए फ़श में पिघल जाते हैं:
शरीर और आत्मा दोनों ही;
और नसों से दिये जाने वाले पोषण को फटकारते हैं
जो बिस्तर के पास एक ड्रिप स्टैंड से लटकता है;
और मृत्यु के अस्तित्व के लिए नसों को दोष देते हैं.
त्रिगवी वी. लिंडल, आइसलैंड का एक कवि. गुटेनबर्ग लि०: रिकिविक, 2007. (एक कविता की पुस्तक जिसे लेखक ने आइसलैंडिक से इंग्लिश में अनुवाद किया)
लेखक के बारे में
डा०रिक लिंडल टोरंटो विश्विद्यालय से मनोविज्ञान में विज्ञान के स्नातक और गुएल्फ़ विश्विद्यालय से मनोविज्ञान के स्नातकोत्तर हैं, दोनों ही ओंटारियो, कनाडा में है. उन्होंने किशोरों में प्रतिक्रियात्मक भावुकता पर शोध करते हुए यॉर्क विश्वविद्यालय, इंग्लैण्ड से मनोविज्ञान में डाक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है. बाद में उन्होंने युवा वयस्कों के लिए युवा कारागार में कार्य किया है. वे 1986 में कनाडा लौट आये, जहाँ उन्होंने माउंट सिनाई हस्पताल, टोरंटो में एड्स की महामारी से पीड़ित लोगों के लिए एक चिकित्सक के रूप में कार्य प्रारम्भ करने से पहले किचनर-वाटरलू हस्पताल, ओंटारियो में मानसिक रूप से परेशान युवा वयस्कों तक पहुँचने को एक कार्यक्रम का निर्देशन किया. 90 दशक के प्रारम्भ में उन्होंने निजी अभ्यास शुरू किया, जहाँ उन्होंने अस्तित्ववादी मनोचिकित्सा के साथ-साथ पिछले-जीवन और अंतर-जीवन प्रतिगमन चिकित्सा तकनीकों में विशेषज्ञता प्राप्त की. वर्तमान में वह ओंटारियो, कनाडा के बोमैनविल्ले, कोबर्ग, और ग्राफ्टन शहरों में निजी अभ्यास कर रहे हैं. (www.dr-ricklindal.com)
आभार
इस पुस्तक के पृष्ठों में आप मेरी प्रारम्भिक पुस्तक स्लाइस आफ लाइफ: एक आत्मसहायता ओडिसी का संशोधित एवं विस्तृत संस्करण पायेंगे. भौतिक संसार के जाल में फँसकर फलने-फूलने का एक व्यावहारिक दृष्टिकोण, जो 2012 में प्रकाशित हुई थी. एक नये नाम के साथ पुनःप्रकाशित इस संस्करण में कई अतिरिक्त भाग और अध्याय समेत कुछ और महत्वपूर्ण बदलावों के अतिरिक्त पहली पुस्तक के पृष्ठों में निहित सारी सामग्रियाँ सम्मिलित हैं जो जीवन की आध्यात्मिक/अस्तित्व वादी अवधारणाओं को समाप्त करने की चेष्टा करते हैं और जिन्हें प्रारंभिक पुस्तक में परिचय कराया गया था. आइसलैंड विश्विद्याल य के प्रोफ़ेसर एमेरिटस ऑफ़ मनोविज्ञान डा. एर्लेंदुर हराल्डसन द्वारा लिखी गयी एक नई प्रस्तावना भी है.
इस संस्करण की प्रेरणा मुझे मेरे मनोचिकित्सा के ग्राहकों से मिली थी, जिन लोगों ने पहले संस्करण को अपनी भावुक बहाली के लिए लाभदायक पाया और मानसिक स्वास्थ्य व्यवसायियों से भी, जिन्होंने किताब पढ़ने के बाद मेरे अभ्यास के लिए ग्राहकों को भेजा.
पीटर बिल्लीएर्ट को उसके प्रोत्साहन एवं इस नये संस्करण के प्रारुप को पढ़ कर अमूल्य सुझाव देने हेतु विशेष धन्यवाद. मेरे कुत्ते, लोकी और थोर को उनके चिरस्थायी प्रेम के लिए धन्यवाद और आख़िर में, पर कम नहीं, मेरे पति जॉन वन बकेल को, कई घंटों तक मेरे कम्प्यू टर पर टाइप करने के दौरान उनके स्थाई समर्थन एवं धैर्य के लिए.
इस पुस्तक में बुनियादी अवधारणाएँ मुख्यत: जेन राबर्ट्स के कार्य द सेठ मेटीरियल और अस्तित्ववादी दार्शनिक डा. विक्टर फ्रेंकल की रचनाओं के साथ-साथ नेअले डोनाल्ड के ग्रन्थत्रय, कन्वर्सेशनस विद गाड – एन अनकामन डायलॉग और माइकल न्यूटन की पुस्तकें जर्नी ऑफ़ सोल्स और डेस्टिनी ऑफ़ सोल्स पर आधारित हैं. यह पुस्तक अंशत: उनके कार्य का संकलन है और इस लेखक का चिकित्सक के तौर पर 30 वर्षों का अपना संचित अनुभव है. इस कारण से और इन लेखकों का बिना सन्दर्भ हवाला देने के डर से मैंने इस पुस्तक में उनके कार्य का छुट-पुट हवाला दिया है. यह कह कर उनके द्वारा अपनाई गईं सारी अवधारणाएँ पुस्तक में पहचानी जा सकती हैं और मेरे अवधारणात्मक ढाँचे और पिछले 30 वर्षों के चिकित्सीय अभ्यास पर उनके प्रभाव कोस्वी कार करते हुए मैं कृतज्ञता प्रकट करता हूँ. उनके व्यक्तिगत कार्यों की सूची पुस्तक के अंत में दी गई है और उन्हें पढ़ने की सिफ़ारिश की गई है.
प्रस्तावना
एर्लेंदुर हराल्डसन, पीएच.डी.
रिक लिंडल, पीएच.डी., का जन्म आइसलैंड के रिकिवि क शहर में हुआ. उन्होंने अपने लड़कपन के वर्ष उत्तरी आइसलैंड के लक्जमोट में अपने अंकल के फॉर्म में बिताया और अपनी किशोरावस्था के वर्ष दक्षिण के एक फॉर्म लॉगरडालशोलर में. जैसे कि उन सभी युवाओं के साथ होता है जो इस दूरदराज के देश में पैदा हुए, डा० लिंडल ने देश के लोकसाहित्य और परीकथाएँ तथा भूतों पर सामान्य रूचि और मृतकों से सम्पर्क बनाने के बारे में सीखा. अपनी किशोरावस्था में रिक की परा-मनोविज्ञान में गहरी रूचि विकसित हुई, जो उन्हें इस विषय पर अनकही किताबों को पढ़ने की ओर एवं कनाडा के टोरंटो, गुएल्फ तथा कालगरी विश्विद्यालयों में और बाद में इंग्लैण्ड के यॉर्क विश्विद्यालय में मनोवि ज्ञान की पढ़ाई की ओर ले गया जहाँ उन्होंने अपना डाक्टरेट का नि बन्ध पूरा कि या.
अपनी पढ़ाई तथा 30 वर्षों के दौरान डा० लिंडल ने व्यक्तिगत, पारिवारिक और समूह मनोचिकित्सा समेत कई चिकित्सीय तकनीकों में प्रशिक्षण प्राप्त की. उन्होंने जेल में, हस्पताल में और समुदाय समायोजन में मनोवैज्ञानिक के तौर पर काम किया और वर्तमान में वह कनाडा के टोरंटो शहर के समीप निजी तौर पर अभ्यासरत हैं.
हाल के वर्षों में उनकी मनोचिकित्सा तकनीक मरीज़ों को उन मुद्दों के विकास और समझ में सहायता करने पर केन्द्रित है, जो उनके अस्तित्व और जीवन के उद्देश्य के बारे में है. चिकित्सा का यह तरीक़ा अस्तित्ववाद और अध्यात्म के मुद्दों की खोज पर केन्द्रित है. इलाज के दौरान परावर्तन तकनीकों को अक्सर लागू किया जाता है, जो मरीज़ों को उन सभी जीवनों के बाद वाले मृत्यु अनुभवों और एक बार आध्यात्मिक आयामों में प्रवेश करने के बाद वाले पुनर्जन्मों की उन गतिविधियों को स्मरण कराने के साथ-साथ उनके पिछले जन्म को याद कराने की कोशिश करती हैं. डा० लिंडल मुझे कहते हैं कि धरती पर पुनर्जन्म से पहले आध्यात्मिक आयामों में खोज ने कुछ मरीज़ों की सहायता की है, क्योंकि यह उन्हीं से पता चलता है कि वह अक्सर उन कारणों को स्मरण कर सकते हैं कि क्यों उन्होंने वर्तमान जन्म में आने का निर्णय लिया. इन अस्तित्ववादी/ आध्यात्मिक खोजों में ग्राहकों की अस्तित्व की भावना को विस्तारित करने का प्रभाव होता है और उनको वर्तमान जीवन में एक उद्देश्य की भावना और अर्थ प्रदान करता है.
इस पुस्तक, उद्देश्यः आपकी आत्मा की भावुक यात्रा, एक अलग लेंस के ज़रिये जीवन को कैसे अनुभव किया जाए यह सीखना, में डा० लिंडल ने साधारण व्यक्ति के शब्दों में इन जटिल अवधारणाओं को पेश करने की कोशिश की है, ताकि पढ़ने वाले जो इन अवधारणाओं से अपरिचित हैं सरलता से समझ सकें. इस पुस्तक के पृष्ठों में एक वैश्विक नज़रिया पेश किया गया है, जो मुख्यतः जेन राबट्र्स के सेठ मेटिरियल, नेअले डोनाल्ड वाल्श की कनवर्सेशंस विद गाड, डा० मिशेल न्यूटन की जर्नी ऑफ द सोल्स और डेस्टिनी ऑफ द सोल्स और विक्टर फ्रेंकल के अस्तित्ववादी विचार और मनोचिकित्सा के ऊपर विस्तृत लेखन पर आधारित हैं.
इस पुस्तक में पेश की गई मौलिक अवधारणाओं को निम्नलिखित रूप से संक्षिप्त किया जा सकता है: (1) हरेक मानव चेतना एक साथ आध्यात्मिक आयाम और धरती दोनों में मौजूद होती है; जो चेतना आध्यात्मिक आयाम के अंदर होती है उसे ऊपरी आत्मा' (ओवर-सोल) कहा जाता है और यह अपने एक अंश का दिशानिर्देश करती है, अर्थात जो ‘आत्मा' अंतज्ञान के माध्यम से धरती पर प्रकट होती है और जीवनकाल के दौरान मानव शरीर के अस्तित्व को आवृत और उसका रख-रखाव करती है. (2) हमारी चेतना कभी ख़त्म नहीं होती और (3) हमारे भौतिक शरीर की मृत्यु के तत्काल पश्चात हमें अपने बृहतर जीवन का बोध होता है. (4) एक जीवनकाल केवल आध्यात्मिक आयाम के अपने सामान्य निवास से पृथ्वी ग्रह तक – स्थान/समय के भौतिक आयाम में ठहरी हुई - एक सीमित यात्रा है. (5) हमारे जीवनकाल की सारी महत्वपूर्ण घटनाएँ पूर्व-निर्धारित होती हैं और हमारे भौतिक अस्तित्व से पहले हमारे द्वारा आयोजित होती हैं (अर्थात हमारी ऊपरी-आत्मा द्वारा) (6) धरती पर हमारे जन्म का मुख्य उद्देश्य नकारात्मक भावनाओं को प्रत्यक्ष' अनुभव करना है, क्योंकि इन भावनाओं की गहराई को हमारी ऊपरी आत्माएँ अनुभव नहीं कर सकतीीं जब वो पूरी तरह से आध्यात्मिक आयाम में होती हैं और (7) इन अनुभवों के माध्यम से होता यह है कि हमारी ऊपरी आत्माएँ आध्यात्मिक विकास करती हैं. (8) प्रत्येक व्यक्ति अपने कार्यों के लिए ज़िम्मेदार है, क्योंकि अपने जीवनकाल में वह अकेला ही अपने सारे अनुभवों का निर्माता है. (9) एक दैविक चुनौती या विरोधाभास सभी जन्म लेने वाली आत्माएँ अपने पर स्वतः लागू किये होते हैं; हालाँकि जब जीवनकाल की चुनौती नकारात्मक भावनाओं को पूरे ज़ोर से अनुभव करने की होती है तब कोई व्यक्ति तीव्र उत्तेजनाओं के फलस्वरूप स्वयं को या किसी और को मारना नहीं चाहिए, यह अनुभव जब उसे ऐसा महसूस कराये.
इस पुस्तक में और भी अनेक अस्तित्ववादी एवं आध्यात्मिक अवधारणाएँ हैं जिन्हें इन मूल विचारों पर बनाया गया है. पढ़ने में दिलचस्पी रखने वाले पाठकों के लिए परिशिष्ट और पुस्तक की वेबसाइट पर डाली गयी सामगि्ओं में इनमें से कई मुद्दों को और विस्तार से जाँचा गया है.
डा० लिंडल से बातचीत में वे बताते हैं कि यह व्यापक वैश्विक नज़रिया उनके मरीज़ों के लिए एक बार अपनी जगह आ जाए (अर्थात, उनके लिए जो इन अस्तित्ववादी/आध्यात्मिक अवधारणाओं को स्वीकार करते हैं या कम से कम उनमें से कुछ के लिए) तो कैसे एक सन्दर्भ प्रदान किया जाता है, जहाँ सांसारिक मनोवैज्ञानिक तकनीकों का, जो मरीज़ों के इलाज में आम तौर पर मनोवैज्ञानिकों द्वारा प्रयोग की जाती हैं, क़ाबू करने और व्यवहार बदलने के लिए एक बेहतर मौक़ा होता है. उनके अनुभव से एक मनोचिकित्सा जो उद्देश्य, अर्थ और आध्यात्मिकता की जाँच में निष्प्रभाव होती है यदा-कदा सकारात्मक दीर्घकालिक नतीज़ा प्राप्त करती हैं.
इस विषय में व्यापक निबंध यह है कि नकारात्मक भावनाओं में पूरी तरह जाना भौतिक अस्तित्व का मुख्य लक्ष्य है, जबकि उसके साथ-साथ भावनाएँ जब अत्यधिक तीव्र हों तो हमारे लिए स्वयं को या किसी और को नुक़सान न पहुँचाना एक चुनौती है. इस परिदृश्य में एक जीवनकाल, जैसा इस पुस्तक में दर्शाया गया है, कोई आसान यात्रा नहीं है. डा० लिंडल बताते हैं कि कई पाठक इस बात को कठिनता से स्वीकार कर पाते हैं कि वे स्वयं अपने अनुभवों की रचना करते हैं, उतार और चढ़ाव दोनों ही, बहुत ही पीड़ादायक कल्पनीय भावनाओं के बारे में जानने के लिए, और ये ही नहीं, उन सब में भी सहमत हैं जो उनके साथ बुरा होता है, हालाँकि आध्यात्मिक स्तर पर.
डा० लिंडल बताते हैं कि यह अस्तित्ववादी/आध्यात्मिक अवधारणाएँ उन सब के लिए उपचारात्मक साबित हुई हैं जिन्होंने एक विशेष दुखद घटना के अनुभव से पहले उनका अध्ययन किया है. फिर भी उनके लिए जो दुखद घटना घटते समय इन विचारों से परिचित नहीं हैं उन पर इन विचारों को उस समय लाद देना अव्यवहारिक, असंवेदनशील और बिलकुल भी सहायक नहीं है, यह विचार करने में कि वह घटना जो उन्हें अब दबा रही है उसके रचयिता वे स्वयं हैं, क्योंकि वे इस मनःस्थिति में नहीं होते कि अपनी आध्यात्मिक शिक्षा के लिए इस विचार की परिकल्पना कर सकें या करने के इच्छुक हैं. फिर भी एक बार जब नकारात्मक भावनाओं का पूरी तरह से अनुभव हो जाता है (वास्तव में जो अध्यात्म के दृष्टिकोण से मंशा है) और चित्तवृत्ति अच्छी होने लगती है – चाहे वह एक दिन, एक हफ्ता, एक महीना, एक वर्ष, एक दशक हो – यह मनुष्य की प्रवृति है, पश्र-दृष्टि से, कि वे यह जानने की कोशिश करे कि क्यों ऐसी विपदा उन पर आन पड़ी और उसका प्रयोजन भूतकाल को प्रदान करें – चाहे वह कितना भी दुखदायी हो. इस पुस्तक के पृष्ठों में निहित व्यापकता को मरीज़ के सामने उस मोड़ पर रखे जा सकते हैं और उनके सामने भी जो भाग्य, उद्देश्य और मानव के अस्तित्व को स्वीकार कर सकते है.
लेकिन भौतिक मृत्यु के बाद मानवीय चेतना का क्या सबूत है? जिनकी मृत्यु हो चुकी है उनके साथ सम्पर्क इतना असामान्य नहीं है, बहुत सारे लोग जितना सोचते हैं. मेरे शोध, द यूरोपियन ह्यूमन वैल्यू सर्वे, जो 1980 के आसपास पश्चिमी यूरोप के बहुत सारे देशों के लोगों पर जो लागू किया गया था, में पता चला कि यूरोप में लगभग प्रत्येक चौथे व्यक्ति ने कम से कम एक बार महसूस किया कि वह किसी मृत व्यक्ति के साथ सम्पर्क में था
. इसमें काफ़ी राष्ट्रीय भिन्नताएँ थीं, सबसे अधिक आवृति आइसलैंडर और इटली वालों ने बताई (क्रमशः 41% और 34%) और सबसे न्यूनतम आवृति नोर्वे और डेनस वालों ने बताई (क्रमशः 9% और 10%). यूनाइटेड किंगडम में यह 26% था. वही प्रश्न युएसए में पूछा गया था, तीन अलग सर्वेक्षणों में तीन अलग वर्षों में बड़े आकार के प्रतिनिधि नमूनों का प्रयोग करके. इन सर्वेक्षणों के नतीजों ने यह दिखाया कि 29%, 31% और 41% प्रश्न से सहमत थे. सभी देशों में जिनमें सर्वेक्षण किया गया था मृतकों के साथ संपर्क पुरुषों के मुक़ाबले महिलाओं में ज़्यादा बार पाया गया.
पर इन सर्वेक्षणों ने हमें व्यक्ति द्वारा मृत लोगों के साथ हुए अनुभव की प्रकृति के बारे में कुछ नहीं बताया. उदाहरणार्थ, क्या यह सम्पर्क दृष्टव्य था, श्रवण-संबंधी था, घ्राण-संबंधी था, स्पर्श-संबंधी था या केवल उपस्थिति का बहुत ज़ोरदार एहसास था? यह किन परिस्थितियों में हुआ था – कब और कहाँ ? जो मर चुके थे वह कौन थे – रिश्तेदार, मित्र या अनजाने लोग ? वे लोग कैसे मरे थे और कितने समय पहले? आगे के अध्ययन में, मेरे विद्यार्थियों की सहायता से, आइसलैंडिंक सर्वेक्षण के 450 उत्तरदाताओं का गहराई से साक्षात्कार क्रिया गया, जिन्होंने पहले सर्वेक्षण में हाँ में उत्तर दिया था. उस अध्ययन के नतीजे मेरी पुस्तक द डिपार्टड एमांग द लिविंग (2012) में दिये गए हैं. पुस्तक के पृष्ठों में उत्तर देने वालों के अनुभव के विवरण पर लगभग 400 छोटे मसलों के उल्लेख पर चर्चा की गई है. इस अध्ययन में अनेक खोजों में से दो पर्यवेक्षणों से पता लगा कि विधवाओं एवं विधुरों में से 50% ने बताया कि उनका अपने जीवनसाथी से मरणोपरांत सम्पर्क हुआ था. महत्वपूर्ण दिलचस्प बात यह भी थी कि अनेक घटनाओं में गुज़रे हुए लोगों के साथ सम्पर्क अनायास ही हुआ था, अनुभव करने वाले के अज्ञात में कि व्यक्ति हाल ही में गुज़र गया था.
गुज़रे हुए लोगों का और आध्यात्मिक प्राणियों का मृत्यु के ठीक पहले दिखाई देना सामान्य है और उन्हें 'मृत्यु-शैय्या के सपने' कहा जाता है. मैंने और कर्लिस ओसिस ने इस विषय पर आज तक किये गये अध्ययनों में से सबसे व्यापक अध्ययन किया, जिसका नतीजा बाद में मैंने पुस्तक एट द ऑवर ऑफ़ डेथ में प्रकाशित किया, जो कई भाषाओं में अनुवाद किया गया है और अनेक संस्करणों में प्रकाशित की गयी है, हाल ही में 2013 में 30वें संस्करण में.
पूर्व-जन्म की यादें भी मेरे शोध का एक क्षेत्र रहा है, जो मेरे मित्र और संरक्षक प्रोफ़ेसर इअन स्टीवेंसन के प्रोत्साहन से शुरू हुआ. कई वर्षों के दौरान मैंने चार देशों में लगभग एक सौ बच्चों के मामलों की जाँच की, जिन्होंने पिछले जन्म की यादों का दावा किया था. इनमें से कुछ यादें तो सत्यापित हो सकीं और मुझे पिछले जन्म के विचार को गंभीरता से लेने के लिए आश्वस्त किया और मैंने इस विषय पर कई लेख और पुस्तकों के अध्याय लिखे हैं.
शोध के लिए छानबीन करते हुए मृत व्यक्तियों की उपस्थिति, मृत्यु-शैय्या पर आने वाले सपने और पूर्व-जन्म की यादें यह बताती हैं कि एक व्यक्ति की चेतना, एक आत्मा या व्यक्ति की कुछ अलौकिक उपस्थिति भौतिक मृत्यु के बाद भी रह जाती है. पूरे इतिहास में इस विषय ने लोगों को आकर्षित किया है और आज भी कर रहा है. इस दिलचस्प पुस्तक में डा० लिंडल विषय को और आगे और वैज्ञानिक जाँच के क्षेत्र से बाहर ले जाते हैं जब वे प्रस्तावित करते हैं कि वास्तव में जीवनकाल में मनुष्य की यात्रा आध्यात्मिक आयाम से